ऩीऩर के
11 ऩत
का चभकाय उऩाम आऩ , आऩ फन सकते ह भाराभार
शा के अन साय हन भानजी शी सन होने वारे देवी -देवताओॊ भ से एक ह। गोवाभी ुसाय ुभानजी त रसीदास वाया यित ीयािभयत भानस ीयािभयत भानस के अन साय भाता सीता वाया ऩवनऩ भानजी ुरसीदास ुसाय भाता ु हन ुभानजी को अभयता का वतयदान दमा वतयदान दमा गमा है। इसी वयदान इसी वयदान के बाव से इह बी अटियॊजीवी भ शाभर कमा जाता है। करम भानजी बत क सबी भनोकाभनाएॊ त ॊ ह ऩ ण कयते ुग भ हन ुभानजी ुयॊयत ूण ह। ऐसी भामता है। फजयॊगफर को सन कयने के रए कई काय कई काय के उऩाम फताए गए ह। ीयाभ के अनम बत हन भानजी क क ऩा ात होते ह बत के सबी द सबी द स से ज ी ुभानजी ुख द ूय हो जाते ह। ऩैस ुी ृ ऩा ात सभमाएॊ सभात हो जाती ह। कोई योग कोई योग हो तो वह बी नट हो जाता है। इसके साथ ह मद कसी मत क क ॊ ु डर भ डर भ कोई ह दोष हो तो ऩवनऩ जा से वह बी द ु क ऩ ूजा ूय हो जाता है। मद कोई मत ऩै स स क तॊगी गी का साभना का साभना कयना यहा है तो उसे त भॊगरवाय गरवाय औय शनवाय मह उऩाम अऩनाना िाहए। नित ह मत क सबी सभमाएॊ सबी सभमाएॊ धीये-धीये सभात हो जाती ह औय मत औय मत भाराभार हो सकता है। उऩाम इस काय है - सताह के त भॊ गरवाय औय गरवाय औय शनवाय को भ भ हतण तण भ उठ उठ । इसके फाद नम कभ से नव त होकय कसी ऩीऩर के ऩे ु ूह ृत होकय से 11 ऩते तो र। मान यख ऩते ऩ मा खॊडत डत नहॊ होने िाहए। ूयेये होने िाहए , कहॊ से ूट टेटे मा खॊ इन 11 ऩत ऩय वचछ जर भ जर भ क ध मा िॊदन दन भराकय इससे ीयाभ का ु भक ु भ मा अटगॊ ध मा नाभ रख। नाभ रखते नाभ रखते से हन भान िारसा का ऩाठ का ऩाठ कय कय । इसके फाद ीयाभ नाभ रखे ुह ए ए ुभान इन ऩत इन ऩत क एक भारा फनाएॊ । इस भारा को कसी बी हन भानजी के भॊदय दय जाकय वहाॊ ुभानजी फजयॊगफर को अऩणत कय कय । इस काय मह उऩाम कयते यह। क ु छ सभम भ सकायाभक ऩयाभ ात हगे ात हगे। मान यख उऩाम कयने वारा बत कसी बत कसी बी काय के अधाभणक कामण न कय न कय । अमथा इस उऩाम का बाव नम बाव नम हो जाएगा। उित राब ात नहॊ ात नहॊ हो सकेगा। गा। साथ ह अऩने कामण औय कतण औय कतणम म के त ईभानदाय यह। ========================================
धन ात के सयर तथा अच ूक उऩाम ात् सोकय उठने सोकय उठने के फाद नमभत ऩ नमभत ऩ से से अऩनी हथे अऩनी हथेरम को रम को मानऩ क देख औय तीन औय तीन फाय फाय ि भ। ूवणवणक ूभ ऐसा कयने से हय कामण भ सपरता भरती है भरती है। मह मा मह मा शनवाय शनवाय से से श कय। ु कय घय भे घय भे धन क धन क फयकत के रमे टोटका
सफसे छोटे िरने वारे नोट का एक को ऩयाभड फनाकय घय के धन थान भ यख दजमे,जफ धन क कभी होने रगे तो उस ऩयाभड को फाम हाथ भ यखकय दाहने हाथ से उसे ढककय कलऩना कजमे क मह ऩयाभड घय भ धन रा यहा है,कहॊ से बी धन का फदोफत हो जामेगा ,रेकन मह मोग फह ु त ह जयत भ कजमे। DHAN KE UPAY FIRST UPAY
आऩ अऩने नवास थान भ उतय -ऩ ूवण दशा भ एक साफ़ जगह ऩय थान ि ुन रजमे,उस थान को गॊदगी आद से भ ुत कय रजमे ,फ़य एक साफ़ रकडी का ऩाटा उस थान ऩय यख रजमे,औय एक िभेर के तेर क सीसी ,िऩास भोभफती सफ़ेद औय िऩास भोभफती हय औय एक भािस राकय यख रजमे। अऩना एक सभम ि ुन रजमे जस सभम आऩ जय यहते ह ,उस सभम भ आऩ घडी भराकय ईवय से धन ात कयने के उऩाम कयना श ु कय दजमे। ऩाटे को ऩानी औय कसी साफ़ कऩडे से साफ़ कयमे,एक हय भोभफती औय एक सफ़ेद भोभफती दोनो को िभेर के तेर भ ुड फोकय नहरा रजमे,दोनो को एक भािस क तीर जराकय उनके ऩदे को गभण कयने के फाद एक द ूसये से नौ िइॊ क द ूय ऩय फामीॊ (रेट ) तयफ़ हय भोभफती औय दाहनी (याइट ) तयफ़ सफ़ेद भोभफती ऩाटे ऩय िऩका दजमे। द ुफाया से भािस क तीर जराकय ऩहरे हय भोभफती को औय फ़य सफ़ेद भोभफती को जरा दजमे,दोनो भोभफतओॊ को देखकय भानसक ऩ से ाथणना कजमे "हे धन के देवता क ुझे धन क अभ ुक (जस काभ के रमे धन क जयत हो उसका नाभ ) काभ के रमे ु फेय ! भ जयत है,भ ुझे ईभानदाय से धन को ात कयने भ सहामता कजमे ",औय ाथणना कयने के फाद भोभफती को जरता ह ूसये दन अगय भोभफती ऩ ूय जर ु आ छोड कय अऩने काभ भ रग जाइमे। द गमी है,तो उस जरे ुह मे भोभ को वहॊ ऩय रगा यहने द ,औय नह जर है तो वैसी ह यहने द ,द ूसय भोभफतम को ऩहरे दन क तयह से रे रजमे,औय ऩहरे जर ुह मी भोभफतम से एक द ूसय के नजदक रगाकय जराकय ऩहरे दन क तयह से वह ाथणना कयमे,इस तयह से धीये धीये भोभफतमा एक द ूसये क ऩास आती िरॊ जामेगी ,जतनी ह भोभफतमाॊ ऩास आती जामगी ,धन आने का साधन फनता िरा जामेगा ,औय जैसे ह दोनो भोभफतमाॊ आऩस भ सटकय जरगी ,धन ात हो जामेगा। जफ धन ात हो जामे तो ऩास के कसी धाभणक थान ऩय मा ऩास क कसी फहती नद भ उस भोभफतम के ऩघरे भोभ को रेजाकय ा से यख आइमे मा फहा दजमे ,जो बी ा फने गयफ को दान कय दजमे ,मान यखमे इस काय से ात धन को कसी काय के गरत काभ भ भत मोग कयमे,अमथा द ुफाया से धन नह आमेगा। SECEND UPAY
द ूसये काय के उऩाम भ क ुा ु छ धन ऩहरे िखण कयना ऩडता है,इस उऩाम के रमे आऩको जो बी भ आऩके महाॊ िरती है आऩ रे रजमे जैसे ऩमा िरता है तो दस दस के ऩाॊि नोट रे रजमे डारय िरता है तो ऩाॊि डारय रे रजमे आद। फाजाय से ऩाॊि नगीने जैसे गोभेद एभेथट जेड स ुनहरा
गायनेट रे रजमे,मह नगीने सते ह आते है,साथ ह फाजाय से सभ ु नभक बी रेते आइमे। मह उऩाम ग ुवाय से श ु कयना है,अऩने घय भे अदय एक ऐसी जगह को देखमे जहाॊ ऩय रगाताय स ूमण क योशनी कभ से कभ तीन घॊटे यहती हो ,एक ऩोरथन के ऊऩय ऩहरे ऩाॊि नोट यखमे,उनके ऊऩय एक एक नगीना यख दजमे ,औय उन नगीनो तथा नोट ऩय सभ ु नभक ऩीस कय थोडा थोडा छडक =======================================================================
नजय उतायने के ाचीन उऩाम 1.
नभक , याई , यार , रहस ुन, माज के स ूखे छरके व स ूखी िभण अॊगाये ऩय डारकय उस आग को योगी के ऊऩय सात फाय घ ुभाने से फ ुय नजय का दोष भटता है। 2. शनवाय के दन हन ण हन ुभान भॊदय भ जाकय ेभऩ ूवक ुभान जी क आयाधना कय उनके
कॊधे ऩय से सॊद ूय राकय नजय रगे ुह ए मत के भाथे ऩय रगाने से फ ुय नजय का बाव कभ होता है। 3. खाने के सभम बी कसी मत को नजय रग जाती है। ऐसे सभम इभर क तीन छोट
डारम को रेकय आग भ जराकय नजय रगे मत के भाथे ऩय से सात फाय घ ुभाकय ऩानी भ फ ुझा देते ह औय उस ऩानी को योगी को ऩराने से नजय दोष द ूय होता है। 4. कई फाय हभ देखते ह, बोजन भ नजय रग जाती है। तफ तैमाय बोजन भ से थोा -थोा एक
ऩते ऩय रेकय उस ऩय ग ुराफ छककय याते भ यख दे। पय फाद भ सबी खाना खाएॉ। नजय उतय जाएगी। 5. नजय रगे मत को ऩान भ ग ुराफ क सात ऩॊख ु माॉ यखकय खराए।
नजय रगा ह ु आ मत इट देव का नाभ रेकय ऩान खाए। फ ुय नजय का बाव द ूय हो जाएगा। 6. रार िभण, अजवाइन औय ऩीर सयस को भट के एक छोटे फतणन भ आग रेकय जराएॉ।
पय उसक ध ूऩ नजय रगे फिचे को द। कसी काय क नजय हो ठक हो जाएगी। नज़य फाधा 1. आऩ अऩने नए भकान को फ ुय नजय से िफाना िाहते ह तो भ ुम वाय क िौखट ऩय कारे
धागे से ऩीर कौी फाॊधकय रटकाने से सभत ऊऩय फाधाओॊ से भ ुत भरती है। 2. मद आऩने कोई नमा वाहन खयदा है औय आऩ इस फात से ऩयेशान ह क क ु छ न क ु छ योज
वाहन भ गफी हो जाती है। मद गफी नहॊ होती तो द ुघणटना भ िोट -िऩेट रग जाती है औयफेकाय के िखण से साय अथण-मवथा िौऩट हो जाती है। अऩने वाहन ऩय कारे धागे से ऩीर कौी फाॊधने से आऩ इस फ ुय नजय से िफ सक गे, कयके ऩयेशानी से भ ुत हो जाएॊ।
3. मद आऩके
घय ऩय योज कोई न कोई आऩदा आ यह है। आऩ इस फात को रेकय ऩयेशान ह क कहॊ कसी ने क ु छ कय तो नहॊ दमा। ऐसे भ आऩको िाहए क एक नायमर को कारे कऩे भसरकय घय के फाहय रटका द । 4. िभण, याई व नभक को ऩीत मत के सय से वाय कय आग भ जरा द। िॊभा जफ याह ु से
ऩीत होता है तफ नजय रगती है। िभण भॊगर का , याई शन का औय नभक याह ु का तीक है। इन तीन को आग (भॊगर का तीक ) भ डारने से नजय दोष द ूय हो जाता है। मद इन तीन को जराने ऩय तीखी गॊध न आए तो नजय दोष सभझना िाहए। मद आए तो अम उऩाम कयने िाहए। टोटका तीन -मद आऩके फिचे को नजय रग गई है औय हय वत ऩयेशान व फीभाय यहता है तो रार साफ ुत िभण को फिचे के ऊऩय से तीन फाय वाय कय जरती आग भ डारने से नजय उतय जाएगी औय िभण का िधका बी नहॊ रगेगा। 5. मद कोई मत फ ुय नजय से ऩयेशान है तो क शनवाय के दन किचा द ूध उसके
ऊऩय से
सात फाय वायकय क ुय नजय का बाव द ूय हो जाता है। ु ते को ऩरा देने से फ 6. मद कोई मत फ ुय नजय से ऩयेशान है तो क भॊगरवाय के दन हन ुभान भॊदय जाकय
उनके कधे से सद ुय रेकय नजय रगे मत के भाथे ऩय मह िसोकय तरक कय द क मह नजय दोष से भ ुत हो गमा है।
मद आऩके फचे को फाय -फाय नजय रग जाती है तो आऩको चाहए क आऩ उसके गरे भ यठे का एक पर कारे धागे भ उसके गरे भ ऩहना द ।
आऩ नजय दोष से भ . मद ुत होना चाहते ह तो स ूती कोये
कऩड़े को सात फाय वायकय सीधी टाग के नीचे से नकारकय आग भ झक द । मद नजय होगी तो कऩड़ा जर जाएगा व जरने क फदफ ू बी नह आएगी। मह मोग फ ुधवाय एव शनवाय को ह कय सकते ह।
. टोटका नौ -मद कोई फचा नजय दोष से फीभाय यहता है औय उसका सभत वकास क गमा है तो
पटकय एव सयस को फचे ऩय से सात फाय वायकय च ूलहे ऩय झक देने से नजय उतय जाती है। मद मह स ुफह , दोऩहय एव साम तीन सभम कय तो एक ह दन भ नजय दोष द ूय हो जाता है
चता हटाने का टोटका अधकतय ऩायवायक काय से दभाग फह आजाता ु त ह उतेजना भ है,ऩयवाय क कसी सभमा से मा रेन देन से,अथवा कसी यतेनाते को रेकय दभाग एक दभ उवेरत होने रगता है,ऐसा रगने रगता है क दभाग फ़ट ऩडेगा ,इसका एक अन टोटका है क जैसे ह ट सन हो एक रोटे भ मा जग भ ुब ूत ऩानी रेकय उसके अदय िाय रारिभण के फीज डारकय अऩने ऊऩय सात फाय उफाया (उसाया ) कयने के फाद घय के फाहय सडक ऩय फ़ क दजमे,फ़ौयन आयाभ भर जामेगा।
भानसक ऩयेशानी द ूय कयने के रए : योज़ हन ! मेक ुभान जी का ऩ ूजन कये व हन ुभान िारसा का ऩाठ कय शनवाय को शन को तेर िढाम ! अऩनी ऩहनी ह ु ई एक जोडी िऩर कसी गयफ को एक फाय दान कय !
दभाग से चता हटाने का टोटका अधकतय ऩायवायक काय से दभाग फह आजाता ु त ह उतेजना भ है,ऩयवाय क कसी सभमा से मा रेन देन से,अथवा कसी यतेनाते को रेकय दभाग एक दभ उवेरत होने रगता है,ऐसा रगने रगता है क दभाग फ़ट ऩडेगा ,इसका एक अन टोटका है क जैसे ह ट सन हो एक रोटे भ मा जग भ ुब ूत ऩानी रेकय उसके अदय िाय रारिभण के फीज डारकय अऩने ऊऩय सात फाय उफाया (उसाया ) कयने के फाद घय के फाहय सडक ऩय फ़ क दजमे,फ़ौयन आयाभ भर जामेगा।
मपतगत फाधा नवायण के सरए मतगत फाधा के रए एक भ ुी ऩसा ह ु आ नभक रेकय शाभ को अऩने सय के ऊऩय से तीन फाय उताय र औय उसे दयवाजे के फाहय प क । ऐसा तीन दन रगाताय कय । मद आयाभ न भरे तो नभक को सय के ऊऩय वाय कय िशौारम भ डारकय रश िरा द । नित ऩ से राब भरेगा। हभाय मा हभाये ऩयवाय के कसी बी सदम क ह थत थोी सी बी अन निम ह इन उऩाम से बयऩ ुक ूय राब भरेगा। ू र होगी तो हभ फनता काभ फगडता हो , राब न हो यहा हो मा कोई बी ऩयेशानी हो तो : 1. हय भॊगरवाय को हन फदाना (भीठ फ ॊद ) िढा कय उसी ुभान जी के िय भ ू
शाद को भॊदय के फाहय गयफ भ फाॊट द ! 2. माऩाय , ववाह मा कसी बी कामण के कयने भ फाय -फाय असपरता भर यह हो तो मह टोटका कय ह ॉ के आटे व ऩ - सयस के तैर भ सके गे ू ुयाने ग ु से तैमाय सात ऩ ूमे, सात भदाय (आक ) के ऩ ुऩ , सॊद ू य , आटे से तैमाय सयस के तैर का ई क फती से जरता दऩक , ऩतर मा अयडी के ऩते ऩय यखकय शनवाय क या भ कसी िौयाहे ऩय यख औय कह - हे भेये द ुबाणम त ुझे महॊ छोे जा यहा ह ॉ क ुकय न देख । ृ ऩा कयके भेया ऩीछा ना कयना। साभान यखकय ऩीछे भ ू “
वशीकयण वमा जफ कसी मत को कसी से ेभ हो जाए मा वह आसत हो। ववाहत ी मा ऩ ुष क अऩने जीवनसाथी से सॊफॊध भ कट ु ता हो गई हो मा कोई म ुवक मा म ुवती अऩने ठे साथी को ॊ त भनाना िाहते हो। क ऩयाभ नहॊ ऩाता। ु तभाभ कोशश के फाद बी वह भन के अन ुक ू र तफ उसके रए तॊ मा के अॊतगणत क ु छ भॊ के जऩ मोग फताए गए ह। जससे कोई अऩने साथी को अऩनी बावनाओॊ के वशीब ूत कय सकता है।
धभणशा भ काभदेव को ेभ , सदमण औय काभ का देव भाना गमा है। इसरए ऩयम , ेभ- सॊफध ॊ भ काभदेव क उऩासना औय आयाधना का भहव फतामा गमा है। इसी भ भ तॊ वऻान भ काभदेव वशीकय भॊ का जऩ कयने का भहव फतामा गमा है। इस भॊ का जऩ हानयहत होकय िअ ूक बी भाना जाता है। मह भॊ है -
"ॐ
नभ् काभ -देवाम। सहकर सहश सहभसह रए वहे ध ुनन जनभभदशणनॊ उकठतॊ क ु क ुभ -वाेन हन हन वाहा" ु , दऺ दऺु-धय क ु स
काभदेव के इस भ को स ुफह , दोऩहय औय याकार भ एक -एक भारा जऩ का कय। भाना जाता है क मह जऩ एक भास तक कयने ऩय स हो जाता है। भॊ स के फाद जफ आऩ इस भॊ का भन भ जऩ कय जसक तयप देखते ह, वह आऩके वशीब ूत मा वश भ हो जाता है।