PSORISIS & ECZEMA सोयाइससस तथा एक्जजभा
ऊऩय सबी चित्र सोयाइससस / PSORISIS VULAGRIS के हैं
मे चित्र ऩयु ाने सोयाइससस के हैं।
मे चित्र सोयाइससस /PUSTLAR PSORISIS के हैं।
ECZEMA (ATOPIC DERMATITIS) एक्जिभा(िभमदर) नीचे ददए गए सबी चचत्र एक्जजभा (चभमदर) के हैं। एक्जजभा भे बी सोयाइससस की तयह त्वचा रार हो जाती है ।
इस ऩस् ु तक को केवर अऩने तक ही सीसभत न यखें । ककसी अन्म को जरूय ऩहुॊचा दें । आऩका मे कामम ककसी की क् ॊदगी भे आशाए औय खुसशमाॉ रा सकता है ।
सोयाइससस/ एक्जिभा ऐसे योग है िो नाक भे दभ कय दे ते है । ककतनी बी इराि कयाओ कोई राब नह ॊ होता। इस छोट सी ऩस् ु तक भे सोयाइससस/ एक्जिभा ऩय एरोऩथी औय आमर्व ु ेद की दृक्टट से वर्विाय ककमा िाएगा। मे ऩुस्तक अनुबर्व के आधाय ऩय सरखी है । केर्वर र्वह िानकाय सरखी है क्िसे भैंने योचगमों ऩय अनुबर्व ककमा है । आधनु नक चिककत्सा वर्वऻान ऩय सॊऺेऩ से सरखा गमा है औय आमुर्वेद के अनुसाय वर्वस्ताय से सरखा गमा है । कोई बी इस ऩस् ु तक को छऩर्वा सकता है रेखक को कोई यॉमल्ट नह ॊ िाहहए। अऩना अनब ु र्व भेये साथ िरूय साझा कयें ।
सॊजम कुभाय
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आधनु नक चचककत्सा ववज्ञान की दृक्टि से सोयाइससस – सोयाइससस त्र्विा का एक ऐसा योग है िो ऩूये शय य की त्र्विा ऩय तेिी से पैरता है । इसभे त्र्विा भे िरन होती है औय साय त्र्विा रार हो िाती है । त्र्विा ऩय छोटे मा फड़े आकाय के धब्फे हो िाते हैं िो छोटे छोटे धब्फो से सभरकय फने होते हैं। इनभे शुरुआत भे प्राम् ऩस (PUS) होता है िो फाद भे सुख िाता है । इन धब्फो/ िकतों का यॊ ग गुराफी मा िभकदाय सफ़ेद होता है िो ऩुयाना होने ऩय याख़ के यॊ ग िैसा कारा हो िाता है । मे िकते 2 सभर भीटय से 1 सेंट भीटय तक के होते हैं। सोयाइससस प्राम हाथ की हथेसरमों औय ऩैय की ऩगतसरमों से शुय होता है । सोयाइससस भे त्र्विा भे िरन होती है । ऐसा रगता है कक िैसे कोई बफच्छू का डॊक रगा हो। आधनु नक चिककत्सा वर्वऻान भे इसे आटो इम्मून डीिीि भाना गमा है । इस तयह के योगों भे शय य का यऺा तॊत्र (श्र्वेत यजत कणिकाए) शय य ऩय ह हभरा कय दे ता है । आधनु नक चिककत्सा वर्वऻान भे इस योग का कोई बी स्थामी इराि नह ॊ है । केर्वर स्ट यामड्स (ग्रूकोकोहटम कामड) द्र्वाया इसके रऺिो भे आयाभ ऩहुॊिामा िाता है । िफ बी योगी को ऩये शानी िैसे िरन, खि ु र आहद फढ़ती तो योगी को केनकोटम का इन्िैकशन रगामा िाता है ।इराि र्वाइसोरोन की 5 सभर ग्राभ की गोर से शुरू होता औय 5-6 सारों भे 40-50 सभर ग्राभ तक द िाती है । शामद 5% योगी बी ऩूय तयह ठीक नह ॊ होते है। 95% योगी हॉक्स्ऩटर/ डाजटय फदरते यहते हैं।
एक्जिभा एक्जिभा बी त्र्विा का िहटर योग है । त्र्विा भे िरन, ददम र्व रार हदखाई दे ती है िो कुछ हदन फाद कासरभा भे फादर िाती है । एक्जिभा की शुरुआत त्र्विा के भोड़ों िैसे कुहनी,गाडमन का वऩछरा बाग ऩैय का ऊऩय बाग, हथेर के वऩछरे हहस्से औय घुटनो के नीिे र्वारे हहस्सों से होती है । एक्जिभा भे छोट , छोट रार यॊ ग की पुॊससमा ननकरती हैं औय फाद भे कार हो िाती हैं। एक्जिभा भे बी केर्वर स्ट यामड र्वगम की दर्वाइमाॉ द िाती हैं। मे बी आटो इम्मन ू डीिीि है ।
आमुवेद औय सोयाइससस आमुवेद भे त्वचा के सबी योगों को कुटठ नाभ से कहा गमा है । चयक सॊदहता भे सरखा है – स्ऩशम इॊदिम (त्वचा) को ववकृत कयने वारे योग का नाभ कुटठ है ॰ सोयाइससस को वर्वसऩम कुटठ कहा गमा है । सुश्रत ु सॊहहता ननदान स्थान अध्माम 5 श्रोक 11 भे कहा गमा है “त्र्विा, यजत, भाॊसको दवू ित कयके शीघ्र ह पैरता है इसभे फैिन ै ी, िरन, ददम (िैसे काॉटा िब ु नामा भधभ ु ाखी के डॊक की तयह ददम ) औय त्र्विा के स्ऩशमऻान का कभ होना आहद रऺि ऩाए िाते हैं उसे वर्वसऩम कुटठ कहते हैं”
आमव ु ेद भे एक्जजभा – आमुर्वेद भे एक्जिभा को िभमदर कहा गमा है । ियक सॊहहता चिककत्सा स्थान, अध्माम 7 श्रोक24 भे सरखा है – क्िस िभम योग भे त्र्विा भे रार यॊ ग हदखाई दे , खि ु र हो यह हो, पपोरे ननकरे हों, र्वेदना (त्र्विा के क्िस हहस्से भे एक्जिभा है र्वहाॉ ऩय ददम ) हो,ऊऩय से त्र्विा पटती हो औय क्िसभे स्ऩशम सहन न होता हो अथामत एक्जिभा के स्थान ऩय छूने से बी ऩये शानी हो उसे िभमदर कहते है । आमुर्वेद की दृक्टट से मे दोनों योग र्वात वऩत्त के फढ़ाने से होते हैं दोनों के रऺि कुछ हद तक सभान है इससरए इन दोनों की आधनु नक तथा आमुर्वेहदक चिककत्सा बी एक सभान है ।
ऩयहे ज
–(ककसी बी चभम योग भे मे चीजें छोड़ दे ) भाॊस, दध ू , दही, रस्सी, तेर
(सयसों के तेर को छोड़ कय),कुरथी की दार, उयद(भाह) की दार, सेभ, ईख के फने ऩदाथम (चीनी,गुड खाॊड,सभश्री आदद), वऩट्ठी से फनी वस्तुए जैसे दहीफड़ा, कचौयी आदद, खिाई जैसे इभरी, नीॊफ,ू अभचयू , काॊजी आदद, ववयोधी बोजन (जैसे दध ू के साथ नभक, खिाई,जाभन ु आभ आदद, घी के ऊऩय ठॊ डा ऩानी, ऩानी भे शहद आदद), अध्मशन (ऩहरे खाए हुए बोजन के न ऩचने ऩय बी बोजन मा कुछ आॉम खा रेना), अजीर्म (अऩच) भे बोजन, खाना ववदाही अथामत जरन कयने वारे बोजन जैसे रार/हयी सभचम, याई, अदयक,यामता, शयाफ/ससयका आदद, असबटमन्दी जैसे दही, खीय, फपी, आइसक्रीभ आदद, ददन भे सोना औय यात भे जागना छोड़ दे । “सश्र ु त ु सॊदहता चचककत्सा स्थान अध्माम 9/4 ” इन ऩयहे जो का सख्ती से ऩारन कये । दध ू /दही औय भीठा बफरकुर बी न खाए। अन्मथा ककतनी ही दवा रेते यहो कोई बी पामदा नहीॊ होगा। मे भेया अनब ु व है। कई वैद्म नभक फॊद कहते हैं ऩयॊ तु उसकी कोई जरूयत नहीॊ है। ककसी के कहने ऩय चने को अचधक न खाए। चना अचधक खाने से शयीय भे खून की कभी हो जाती है । सभचम कारी प्रमोग कयें । खिाई के सरए िभािय, आवॊरा मा सख ू ा खट्टा अनायदाना प्रमोग कयें ।
चिककत्सा –
ऩॊिनतजत घत ृ गुगुर (घी) मा गुगुरनतजतक घत ृ भ=GULGULUTIKTAKA GHRITAM
नतजतक घत ृ = THIKTAKA GHRITAM
ऩॊिननम्फ िि ू म
कैशोय गग ु र ु
आयोग्मर्वचधमनी र्वट
भहाभॊक्िटठारयटट
चगरोम
आमव ु ेददक (medicated ) घी रेने की ववचध – आमर्व ु ेहदक घी जमा है ? कुछ िड़ी फहू टमों का यस मा काढ़े को गाम के घी के साथ धीभी आग ऩय ऩकामा िाता है क्िससे उन िड़ी फूहटमों के गुि उस घी भे आ िाते है । िफ अन्म दर्वाइमा कोई असय नह ॊ हदखाती उस सभम भे बी घी अऩना असय हदखाता है । ऩयॊ तु इसके प्रमोग का तय का गरत होने ऩय राब के स्थान ऩय हानन कयता है । कोई बी आमुर्वेहदक घी गभी भे सम ू ामस्त के फाद अथामत शाभ को औय सदी भे रगबग 2 फिे से शाभ सम ू ामस्त तक। र्विाम भे मा आकाश भे फादर होने ऩय कोई बी आमर्व ु ेहदक घी नह ॊ रेना िाहहए। सदी भे क्िन हदनो सम ू म बफरकुर बी हदखाई नह ॊ दे ता उन हदनों भे बी आमुर्वेहदक घी नह ॊ रेना िाहहए। दोऩहय के बोिन से ऩहरे मा खार ऩेट कबी बी घी नह ॊ रेना िाहहए। गभी भे हदन भे घी रेने ऩय घी िरन ऩैदा कयता है । सदी भे सूमामस्त के फाद घी रेने से खाॊसी िुकाभ औय अऩिन हो िाती है । फयसात भे घी रेना अनेक योगों को ऩैदा कयता है । घी रेने से ½ घॊटा ऩहरे औय 2 घॊटे फाद तक ठॊ डा ऩानी नह ॊ ऩीना िाहहए। घी के फाद थोड़ा सा गयभ ऩानी ऩीने से घी िल्द ऩिता है औय अचधक तेिी से राब कयता है । बोिन खाने के तत्कार फाद बी घी नह ॊ रेना िाहहए। शुरू भे छोट भात्र 5 ग्राभ से शुरू कयना िाहहए औय फाद भे फढ़ाते हुए 10 ग्राभ तक रेना िाहहए।घी केर्वर 1 सभम ह रेना िाहहए मे वर्वचध सबी आमुर्वेहदक घी के सरए एक सभान है । इस ननमभ को ध्मान से ऩारन कयना िाहहए। अन्म औिचधमो की तयह घी को ककसी बी सभम नह ॊ सरमा िा सकता। महद घी रेने से फैिन े ी हो मा उल्ट िैसी तफीमत हो तो बोिन के साथ आमर्व ु ेहदक घी रेना िाहहए ऩयॊ तु बोिन के साथ रेने से राब कभ होता है । घी को आग ऩय सीधे गयभ नह ॊ कयना िाहहए फक्ल्क गयभ ऩानी भे घी की शीशी यख कय वऩघरना िाहहए। िभा हुआ घी कबी न रें। ऩॊचनतजत घत ृ गुगुर (घी)- इसे गाम के घी भे कुछ िड़ी फूट सभरा कय ऩकामा िाता है । दे खने भे घी की तयह हल्के हये यॊ ग का होता है । इसका स्र्वाद कड़र्वा औय गॊध कुछ अवप्रम होती है । सबी िभम योगों भे मे िभत्काय हदखाता है । इसके प्रमोग से 5 सार ऩुयाना सोयाइससस को 6 भह ने औय 1 सार ऩयु ाने एक्जिभा 2 भह ने भे 100% ठीक हो गमा। 5 सार फाद बी योग दोफाया नह ॊ हुआ। मद्मवऩ 1 भह ने के रेने से ह योग भे फहुत पामदा हदखाई दे ता है ऩयॊ तु रॊफे सभम तक रेने से योग के दोफाया होने की सॊबर्वाना सभाप्त हो िाती है । िोड़ो के ददम (सोयाइससस के कायि ककसी ककसी को हो िाता है ) भे बी राब कयता है । इस घी का प्रमोग
कयाते सभम दह , रस्सी, दध ू का ऩूय तयह ऩयहे ि कयना िाहहए। मे घी स्र्वाद भे फहुत कड़र्वा है इससरए घी रेने के तत्कार फाद थोड़ी सी िीनी, खट्टा अनायदाना मा िट ु की बय नभक+कार सभिम मा छोट इरामिी को िफाना िाहहए। मे घी फहुत कड़र्वा है इससरए िो योगी कड़र्वी दर्वा न खा सकता हो र्वो मह मह घी न रे। भात्रा- 5 ग्राभ से 10 ग्राभ तक मा 2 छोटे िम्भि से 4 छोटे िम्भि तक। हदन भे केर्वर 1 फाय इस घी को ऩॊचनतजतघत ृ गुगुर (घी) के PANCHTIKTGHRITGUGUL (GHEE) नाभ से व्मास पाभामस्मुहटकर इॊदोय फनाती है । 100 ग्राभ की ऩैककॊग है । इसी नाभ से गोर बी आती है र्वह न रे। केर्वर घी रे। गरु ु कुर काॉगड़ी इसे ऩॊचनतजत गग ु र ु ु घत ृ नाभ से फनाती है । आमम र्वैद्म शारा कोट्टकर (केयर) इसे गुगुरनतजतक घत ृ भ=GULGULUTIKTAKA GHRITAM नाभ से फनाती है । भैंने इन तीनों ननभामताओॊ का घी प्रमोग ककमा है । तीनों के ऩरयिाभ फहुत ह अच्छे है । अन्म कई नाभी आमुर्वेहदक ननभामताओ द्र्वाया फनामा गमा मह घी उऩमोग ककमा तो नाभ भात्र का ह पामदा हुआ। इससरए इन तीनों भे से िो सभरे र्वह रे। दक ु ानदाय के कहने ऩय बी भशहूय ब्ाॊड का न रे। फड़े ब्ाॊड का भेया अनब ु र्व है
नतजतक घत ृ भ-
कीभत अचधक औय जर्वासरट कभ।
मे बी ऊऩय र्वारे घी की तयह प्रबार्वी है ऩयॊ तु उससे कभ कड़र्वा है । सेर्वन
वर्वचध औय भात्रा बी सभान है ।
इसे केर्वर आमम र्वैद्म शारा कोट्टकर (केयर) फनाती है । हदल्र
भे इसकी शाखा E 76 साउथ एजसटैंशन-1 भे है । कड़कड़डूभा भे इस पाभेसी का आमर्व ु ेहदक अस्ऩतार है । आऩके आस ऩास डीरय को दे खने के सरए इस सरॊक ऩय क्जरक कयें । http://www.aryavaidyasala.com/%28S%28ny0qib45ao3ez145y1qkia55%29%29/dealers.aspx ऩॊचननम्फ चर् ू म- मे िि ू म सबी िभम योगों भे प्रबार्वी है । इस िि ू म को 1 ग्राभ से शुरू कयना िाहहए औय धीये धीये 5 ग्राभ तक फढ़ाना िाहहए। इसे गुनगुने ऩानी से रेना िाहहए। मे केर्वर िभम योग को ह ठीक नह ॊ कयता फक्ल्क शय य की योग प्रनतयोधक ऺभता बी फढ़ाता है । मे िि ू म 2 सार से ऩुयाना न हो। मह िि ू म 2 कॊऩननमों का वर्वश्र्वनीम है – कृटि गोऩार आमुर्वेद बर्वन कारेडा, अिभेय गुरुकुर काॉगड़ी
नाभी ब्ाॊडो की गुिर्वत्ता शून्म है ।
कैशोय गुगुर-- मे एक आमुर्वेहदक टॉननक (TONIC) है । बफना ककसी योग के रेने ऩय बी शय य की योग प्रनतयोधक ऺभता फढ़ाती है । मे दर्वा गोर के रूऩ भे सभरती है । मह कृटि गोऩार आमुर्वेद बर्वन कारेडा, स्र्वाभी याभदे र्व की हदव्म पाभेसी, व्मास, गुरुकुर, गीता बर्वन, गुरुकुर झज्िय औय शभाममु आहद भे से ककसी बी कॊऩनी का रेना िाहहए। अरग अरग कॊऩननमो का गोर का आकाय छोटा फड़ा होता है । सोयाइससस र्व एकिीभा भे फहुत ह राबकाय है । मे दर्वा इससरए अचधक उऩमोगी है की िभम योग के ननशान बी साप कय दे ती है । मे रेने से योगी को कभिोय नह ॊ आती। मे गोर थोड़ी सी हल्द औय ऩानी के साथ रेने से भधभ ु ेह भे बी राब कयती है । भात्र – ½ ग्राभ से 1 ग्राभ तक 2 सभम गयभ/गन ु गुने ऩानी से। आयोग्मवधमनी विी-
मे दर्वा गोर के रूऩ भे सभरती है । मह कृटि गोऩार आमर्व े बर्वन ु द
कारेडा, स्र्वाभी याभदे र्व की हदव्म पाभेसी, व्मास, गरु ु कुर, गीता बर्वन औय गरु ु कुर झज्िय आहद भे से ककसी बी कॊऩनी का रेना िाहहए। अरग अरग कॊऩननमो का गोर का आकाय छोटा फड़ा होता है । सोयाइससस र्व एकिीभा भे फहुत ह राबकाय है । मे गोर कब्ि बी नह ॊ होने दे ती। इसभे रौह बस्भ है । इससरए मे खन ू की कभी को बी ऩूया कयती है । साथ साथ बोिन की अऩिन ऩेटभे गैस, बख ू न रगना भे बी राब कयती है । मे दर्वा मकृत (LIVER) औय गद ु े (kidney) के योगों को बी दयू कयती है । रृदम योग भे बी अत्मॊत उऩमोगी है । भह ु भे छारे होना, अम्रवऩत्त (Acidity ) भुह से फदफू आना, ऩेशहाफ भे िरन, स्थामी रूऩ से कब्ि यहना, फाय फाय फुखाय होना औय ऩेशाफ भे िरन होना आहद योगों भे फहुत ह राबकाय है । भधभ ु ेह के योगी को आॉम दर्वाओॊ के साथ सहामक दर्वा के भात्रा- िभम योग भे ½ ग्राभ हदन भे 2 फाय गुनगुने ऩानी से। महद कब्ि हो तो 1 ग्राभ तक की भात्रा र िा सकती है । र्विन औय भोटाऩा कभ कयने के सरए उफार कय ठॊ डे ककए हुए ऩानी भे 1 िम्भि शहद सभरा कय रें। शहद कबी बी गयभ ऩानी भे न सभराएॉ।
भधभ ु ेह के योगी 1-1 िम्भि आर्वॊरा+हल्द +चगरोम सुफह औय यात को 150-200 ग्राभ ऩानी भे डार दें । 12 घण्टे फाद ऩानी छान रें। उसभे 1 िम्भि शहद सभरा कय ½ से 1 ग्राभ सुफह शाभ रें। इॊसुसरन बी छुट िाती है । शहद भधभ ु ेह भे कोई नुकसान नह ॊ कयता।
भहाभॊक्जटठारयटिइस दर्वा को स्र्वाभी याभदे र्व से सॊफक्न्धत हदव्म पाभेसी फनाती है । मे सबी िभम योगों भे राबदामक है । महद भहाभॊक्िटठारयटट न सभरे तो गुरुकुर काॉगड़ी का खददयारयटि रें। मे दर्वा कबी बी खार ऩेट न रें। भात्रा- बोिन के 30 सभनट फाद 10 सभर र टय (2 फड़े मा िाय छोटे िम्भि) फयाफय ऩानी सभरा कय रें। मे दर्वा दस ू य दर्वाओॊ के साथ रेने ऩय राबकाय है । चगरोम – मे एक फेर है क्िसके ऩत्ते ऩान के आकाय के होते हैं। सबी नसमरयमों भे इसका ऩौधा सभर िाता है । गभरे भे बी उगा सकते है । मे सख ु ी बी सभरती है । सूखी चगरोम को राकय ऩीस रे। इसका फना फनामा िि ू म बी सभरता है । चगरोम का िि ू म व्मास, गीता बर्वन, शाॊनतकॊु ि पाभेसी (गामत्री ऩरयर्वाय से सॊफक्न्धत) आहद ननभामता फनाते है । िभम योग भे चगरोम की प्रशॊसा भे सुश्रत ु सॊहहता चिककत्सा स्थान अध्माम 11/14 भे सरखा है – चगरोम का स्र्वयस (यस) मा जर्वाथ(काढ़ा) मा चगरोम के काढ़े से फनामा गमा घी प्रात् सेर्वन कये औय दोऩहय को घी औय आर्वॊरे के यस/मूि के साथ घी सभरा कय िार्वर खाए तो एक भह ने भे ह सबी कुटठों (िभम योगों) से छूट िाता है । तािी चगरोम की अॊगुर के सभान भोट औय 6-12 इॊि तक रॊफी डॊडी को थोड़ा सा ऩानी सभरा कय कूट/ ऩीस रे। मह चगरोम का स्र्वयस है । महद तािी चगरोम न सभरे तो सुखी चगरोम के 10 ग्राभ िि ू म को 100 ग्राभ ऩानी भे डार दें । 12 घण्टे फाद छान कय ऩी रें। ध्मान यखें – भुख्म दर्वा घी मा ऩॊिननम्फ िि ू म है । इससरए दोनों घी मा ऩॊिननम्फ िि ू म भे से एक दर्वा िरूय रें। अन्म सफ सहामक दर्वा हैं। सहामक दर्वा फहुत धीये राब कयती हैं। महद कड़र्वा स्र्वाद होने के कायि घी औय ऩॊिननम्फ िि ू म न रे सके तो कैशोय गुगुर की भात्रा दग ु ुनी कय दें ।
डडप्रेशन - रॊफे सभम तक सोयाइससस से ऩये शान यहने के कायर् योगी ननयाश हो जाता है । डडप्रेशन के सरए नरदादद घत ुुं ी चर् ू म (शाॊनतकॊु ज पाभेसी ृ भ (आमम वैद्म शारा केयर) मा ननगड गामत्री ऩरयवाय से सॊफक्न्धत) मा शॊखऩुटऩी चर् ू म (व्मास,गीता बवन मा शाॊनतकॊु ज) रें। नरदादद घत ुुं ी चर् ू म केवर अखखर ववश्व गामत्री ृ के सेवन की ववचध ऊऩय फताए हुए घी के सभान है । ननगड ऩरयवाय ही फेचता है इससरए आसऩास गामत्री ऩरयवाय के कामामरम भे मह सभर जाएगा। ननगड ुुं ी चर् ू म की भात्रा 1-5 ग्राभ तक है । इसे ऩानी से सुफह शाभ रें । डडप्रेशन के साथ – साथ ननगड ुुं ी त्वचा योग नाशक है । शॊखऩुटऩी साफुत रे कय ऩीस रे मा ऩीसा वऩसामा रें । 1-5 ग्राभ 2 सभम।
ससय भे ऩऩड़ी जभा होने मा आॉख भे फहुत जरन मा रारी के सरए गोयखभुॊडी का चर् ू म की दध ू यदहत चाम रे, गोयखभॊड ु ी हय जड़ी फि ू ी फेचने वारे से सभर जाती है । गोयखभॊड ु ी को भोिा भोिा कूि कय ऩानी भे उफारे। 1 चम्भच गोयखभॊड ु ी को 1 कऩ ऩानी भे उफार रे। छन कय ऩी रें ।
15 ददन भे एक फाय ऩेि साप कयने की दवा सुफह जरूय रे। ऩेि साप कयने के सरए भॊक्जटठादद चर् ू म (व्मास) मा स्वाददटि ववये चन चर् ू म मा
DUPHALAC
30 सभरीरीिय जरूय रें। कब्ज न
होने ऩय बी 15 ददन भे एक फाय ऩेि साप की दवा जरूय रें। रेऩ के सरए – एक्जजभा औय सोयाइससस भे फहुत जरन औय खज ु री होती है । उसके सरए फाहयी उऩचाय जरूयी है । इन योगों भे त्वचा ऩय कोई घी मा तेर न रगाएॉ। नीभ/ सप्तऩर्म/अभरतास/ हयभर मा ननगण् ुम डी के ऩत्तों का ऩानी भे सभराकय यस ननकारे मा ऩानी के साथ उफार कय काढ़ा फनाएॉ । इसी ऩानी से नहाएॉ। ताजी नीभ की ऩक्त्तमों को ऩानी भे ऩीस कय छान रें। दे शी घी रगबग 100 ग्राभ रें। उस घी भे नीभ के ऩत्तों के यस से धोएॉ अथामत एक काॊसे के मा स्िीर फतमन भे घी डारें। थोड़ा सा नीभ के ऩत्तों का ऩानी डारकय घी को हाथ से भसरें। उसके फाद फचे हुए ऩानी को एक अरग फतमन भे डार रें । इस तयह एक एक कयके 21 फाय मा 50 फाय मा 100 फाय धोएॉ। कपय धर ु े हुए घी को योगग्रस्त त्त्वचा ऩय रगाएॉ। उसी सभम खज ु री औय जरन सभि जाती है ।