मनचाही भू मम या भवन पाने के मिए : यह उपाय नवरामि के मिन करने का है । सबसे पहिे उस स्थान की थोडी-सी ममट्टी िाकर एक काां च की शीशी में उसे डािें । उसमें गांगा जि और कपूर डािकर उसे पूजा में जौ के ढे र परउसमें गांगा जि और कपूर डािकर उसे पूजा में जौ के ढे र पर स्थामपत कर िें । नवराि भर उस शीशी के आगे नवार्ण मन्त्र 'ऐां हीां क्ीां चामु ण्डाय मवच्चे' का पाां च मािा जप करें और जौ में रोज गांगा जि डािें। नवमी केनवमी के मिन थोडे से अांकुररत जौ मनकाि िें और िे जाकर मनचाही जगह पे डाि िें । में डाि िें । िे वी की कृपा हुई तो आपको मनचाहा घर ममि जाएगा। अगर आप अपना भाग्य चमकाना चाहते हैं , तो कपूर का एक शास्त्रीय प्रयोग कर सकते हैं । इसके मिए 12 साबू िाने िेकर कपूणर की मिि से इन्हें जिा िें । यह उपाय मकसी भी मिन मकया जा सकता है, मकांतु अगर बृ हस्पमतवार को मकया जाए तो अमिक शु भ माना जाता है । अगर आप शमन िे व के अशुभ प्रभाव से परे शान हैं या जीवन में अमिक सुख प्राप्त करने के मिए उनकी कृपा पाना चाहते हैं , तो कपूर के उपयोग से होने वािा एक शास्त्रीय उपाय आपकी मिि कर सकता है । इसके मिए शमन यांि िारर् करें मकांतु कोई सािारर् शमन यांि नहीां, वरन् कपूणर की कामि ख से मिमपत यांि िारर् करें । कपूर के शास्त्रीय उपाय आपको िन की िे वी िक्ष्मी जी की भी कृपा मििा सकते हैं । िक्ष्मी जी की कृपा पाने के मिए िोग “श्री यांि” घर में िाते हैं। माां िक्ष्मी को प्रसन्न करने के मिए खास प्रकार का श्री यांि चु ना जाता है , मजसमें उनका प्रतीक भी बना हो। इस यांि को घर में िाने से पहिे कपूर के इस्ते माि से एक छोटा-सा उपाय करें । इससे आपको अमिक फि हामसि होगा। उपाय के अनुसार रमवपुष्य, गुरुपुष्य नक्षि या अन्य शु भ मुहूतण में रजत, ताम्र, स्वर्ण या भोजपि पर इस यांि को कपूर का िीपक मिखाकर घर में स्थामपत करें । इस यांि की पूजा-अचण ना से िु ख, िररद्रता िू र होकर घर में मचरस्थाई िक्ष्मी का वास होता है । अगर आपके घर में िन तो आता है िेमकन अनचाहे खचे से जल्द से जल्द चिा जाता है । तो कपूर का एक उपाय करें । इसके मिए सूयाण स्त के समय कपूणर का िीप जिाएां , उसे सारे घर में घु माएां । अांत में तु िसी पर आरती करके घर के मांमिर में स्थामपत कर िें । इससे िे वी िक्ष्मी का आशीवाणि प्राप्त होगा। िे मकन अगर आप रोजाना भी यह कायण करें , तो आपके घर में िन और खुमशयाां िोनोां बनी रहें गी। रोजाना सांध्या के समय घर के हर बै डरूम में कपूर जिाने से रोग-शोक नष्ट होते हैं । िे मकन अगर आप रोजाना भी यह कायण करें , तो आपके घर में िन और खुमशयाां िोनोां बनी रहें गी। रोजाना सांध्या के समय घर के हर बै डरूम में कपूर जिाने से रोग-शोक नष्ट होते हैं ।
किस्मत चमिाने िे किए जब हजार कोमशशोां के बाि भी काम नहीां बनते हैं तो एै से में कपूर आपकी मकस्मत के तािे को खोि सकता है । शमनवार के मिन कपूर के तेि की बूांिोां को पानी में डािें और मफर इस पानी से रोज स्नान करें । यह टोटका आपकी बांि मकस्मत को खोिता है । और आपको बीमाररयोां से भी बचाता है । दु र्घटना से बचाव िे किए टोटिा िु घणटना कभी भी हो सकती है । एै से में बचाव बहुत ही जरूरी है । आप रात के समय में कपूर को
जिाकर हनुमान चािीसा का पाठ करें । इस अचूक टोटके से इां सान मकसी भी तरह की प्राकृमतक व अप्राकृमतक िु घणटना से बचता रहता है । वास्तु दोष दू र िरने िा टोटिा आपके कई काम इसमिए नहीां बनते हैं क्ोांमक इसके पीछे वास्तु िोष होता है । वास्तुिोष को खत्म करने के मिए घर में कपू र की िो गोिी रखें। और जब यह गि जाएां मफर िो गोमियाां रख िें । एै सा आप समय समय पर करते रहें या बििते रहें । इससे वास्तुिोष खत्म हो जाएगा। सुख शाांकत िे किए िपूर िा वैकदि टोटिा यमि आपके घर में परे शानी रहती हो तो कपूर को घी में मभगाएां और सुबह और शाम के समय में इसे जिाएां । इससे मनकिने वािी उजाण से घर के अांिर सकारात्मक उजाण आती है मजससे घर में शाां मत बनी रहती है । कववाह ना हो रहा हो तो समय पर यमि मववाह ना हो तो मफर मववाह रूकने की समस्या भी हो सकती है । यमि मववाह में मकसी भी तरह की समस्या आ रही हो तो आप 6 कपूर के टु कडे और 36 िौांग के टु कडे िें। अब इसमें चावि और हल्दी को ममिा िें। इसके पश्चात आप िे वी िु गाण को इससे आहुमत िें । इस टोटके से शािी जल्दी होती है । यमि इां सान मवश्वास से इन उपायोां को करता है तो उसे इनका फायिा जरूर होता है । िु मनया समस्याओां से पहिे से ही मघरी हुई थी और आज भी एै सा ही है । इसमिए प्राचीन ग्रांथोां में इां सान की समस्याओां का मनवारर् करने के मिए मुमनयोां ने अनके उपाय बताए मजससे मानव का भिा हो सके। वै मिक वामटका आप तक हर एै सी जानकारी पहुां चाती रहे गी मजससे आपको फायिा ममिेगा।
शत्रुओ ां िो समाप्त िरने िे किए अगर आपके शिु आपको बहुत ज्यािा परे शान कर रहे हैं और आपके आगे बढ़ने के सभी रास्ते बांि कर मिए हैं तो यह उपाय आपके मिए ही है । साबुत उडि की कािी िाि के 38 और चावि के 40 िाने ममिाकर मकसी गड्ढे में िबा िें और ऊपर से नीबू मनचोड िें । नीबू मनचोडते समय शिु का नाम िेते रहें , उसका शमन होगा और वह आपके मवरुद्ध कोई किम नहीां उठा पाएगा। ये भी पढे ़ेः अपनाएां इन 5 उपायोां िो, िभी असफिता नही ां कमिे गी ये भी पढे ़ेः मोरपांख िे ये 6 टोटिे आज ही बदि दें गे आपिी किस्मत अगर नौिरी नही ां कमि रही या ऑकफस में समस्या है
अगर आप नौकरी नहीां ममिने से परे शान है या आपके ऑमफस में कुछ परे शामनयाां चि रही हैं तो सबसे आसान उपाय है मक आप कुछ मिनोां तक मीठे चावि कौओां को खखिाएां , जल्दी ही आपकी समस्या का समािान होगा। मनचाही मनोिामना पूरी िरने िे किए चावि िे टोटिे शुक्रवार की रात 10 बजे के बाि एक चौकी पर किश रखें। किश के ऊपर शुद्ध केसर से स्वखस्तक का मचह्न बनाकर उसमें पानी भर िें । अब किश में चावि, िू वाण और एक रूपया डाि िें । मफर एक छोटी सी प्लेट में चावि भरकर उसे किश के ऊपर रखें । उसके ऊपर श्रीयांि स्थामपत कर िें । इसके बाि उसके मनकट चौमुखी िीपक जिाकर उसका कुांकुम और चावि से पूजन करें । इसके बाि 10 ममनट तक िक्ष्मी का ध्यान करें । आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी। ये भी पढे ़ेः रातोांरात किस्मत बदि दे ते हैं रावण सांकहता िे ये 10 ताांकत्रि उपाय ये भी पढे ़ेः एि रुपया भी खचघ नही ां होगा और र्र में आने िगेगी कदन-दू नी, रात-चौगुनी िक्ष्मी कपतृ दोष दू र िरने िे किए अमावस्या के मिन चावि की खीर बनाकर उसमें रोटी चूर िें तथा इसे कौओां के खाने के मिए घर की छत पर रख िें । इस उपाय से घर के मपतरोां का आशीवाण ि प्राप्त होता है । अगर कुांडिी में मकसी प्रकार का मपतृ िोष हो तो उसका अशुभ असर भी समाप्त हो जाता है । साथ ही रूके हुए काम बनने िगता है। ये भी पढे ़ेः अमावस्या िो िरें ये छोटा सा अचूि उपाय, मनचाहे िाम में सफि होांगे ये भी पढे ़ेः शकनवार िे इस टोटिे से डरते हैं भूत-प्रेत, कजन्न, होती है सभी सांिटोां से रक्षा िांु डिी में चन्द्रमा िी अशुभता दू र िरता है चावि िा यह उपाय अगर मकसी व्यखि की कुांडिी में चांद्र अशुभ हो या मकसी िु ष्ट ग्रह के प्रभाव से अपना पूरा असर नहीां िे पा रहा है तो ऐसे आिमी को अपनी माता से एक मुट्ठीभर चावि मवमिपूवणक िान िे िेने चामहए। इससे हमेशा के मिए चन्द्रमा की अशुभवता िू र हो जाती है । मनचाही इच्छा पूरी िरने और समस्त िष्ोां से मुक्ति िे किए इसके मिए आप सुबह मकसी शुभ मुहूतण या पूमर्णमा के मिन चाविोां को केसर या हल्दी में रां ग कर पीिा कर िें। ध्यान रखें मक चावि का कोई भी िाना टू टा हुआ न हो। अब इन चाविोां को मकसी मांमिर में जाकर भगवान को सममपणत कर िें और उनसे अपनी इच्छा पूरी करने की प्राथणना करें । जल्दी ही आपकी सभी समस्याएां िू र हो जाएां गी। ये भी पढे ़ेः िाि किताब िे इन उपायोां से आप भी बन सिते हैं िरोड़पकत, िे किन जरूरत होने पर ही िरें ये भी पढे ़ेः हाथ िी इन रे खाओां से पता चिता है , क्या किखा है आपिे भाग्य में चावि से िरें िक्ष्मीजी िी पूजा मकसी भी मिन शुभ मुहूतण में अथवा पूमर्णमा के मिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान आमि से मनवृत्त हो जाएां । इसके बाि िाि रां ग का एक रे शमी कपडा िेकर उसमें पीिे चावि के 21 अखां मडत (यामन कोई भी िाना टू टा-फूटा न हो) िाने रखें। चावि को पीिा करने के मिए हल्दी या केसर
का प्रयोग करें । अब इन िानोां को कपडे में बाां ि कर माां िक्ष्मीजी के मिए मवमिपूवणक चौकी बनाएां और उस पर रख िें । इसके बाि िक्ष्मीजी की पूजा करें । पूजा के बाि िाि कपडे में बांिे चावि अपने पसण में मछपाकर रख िें। ऐसा करने पर महािक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और िन सांबांिी मामिोां में चि रही रुकावटें िू र हो जाती हैं। ये भी पढे ़ेः इन 5 उपायोां िो अपनाने से िभी असफि नही ां होांगे आप सूयाघस्त िे बाद भूि िर भी चावि ना खाएां कभी भी सूयाण स्त के बाि चावि नहीां खाना चामहए। इससे िक्ष्मीजी का अपमान होता है और घर की िक्ष्मी भी रूठ जाती है । यह भी पढे : जब भी सांकट आए, माता के इन नामोां का स्मरर् करें , तुरांत छु टकारा ममिेगा अमावस्या को करें ये छोटा सा अचूक उपाय, मनचाहे काम में सफि होांगे िू ि के 7 टोटके, जो ममनटोां में असर मिखाते हैं तांि की मकताबोां में मिखे हैं ये 5 टोटके, कुछ ही घांटोां में मिखता है असर
ऊपरी बाधा िो छु ड़ाने िे किए : हजार िाना नमक एक छोटा सा एकिम िहसन के आकार में, यह मांि होता है तथा िु िणभ वनस्पमत है । इसकी एक किी को तोडने पर सैकडोां की तािाि से अत्यांत सूक्ष्म सफेि बीज मनकिते हैं । यह पौिा तािाब में कहीां कहीां पाया जाता है। इसका कांि या किी जो भी उपिब्ध हो िाकर मकसी भी शु भ मुहूतण में ताबीज में डािकर गिे या भुजा में िारर् करें । मकसी ताां मिक द्वारा अमभचार मकये जाने पर एक बार में इसका माि एक िाना चटक जाता है और िोग सुरमक्षत बच जाते हैं । जब मक एक किी में सैकडोां की सांखया में बीज पाये जाते हैं ।
चमत्कारी है गुांजा ताां मिक जडीबूमटयाां भाग -9 ममिोां गुां जा एक फिी का बीज है । इसको िुांघची, रत्ती आमि नामोां से जाना जाता है । इसकी बेि काफी कुछ मटर की तरह ही िगती है मकन्तु अपेक्षाकृत मजबूत काष्ठीय तने वािी। इसे अब भी कहीां कहीां आप सुनारोां की िु कानोां पर िे ख सकते हैं । कुछ वषण पहिे तक सुनार इसे सोना तोिने के काम में िेते थे क्ोांमक इनके प्रत्येक िाने का वजन िगभग बराबर होता है करीब 120 ममिीग्राम। ये हमारे जीवन में मकतनी बसी है इसका अांिाज़ा मुहावरोां और िोकोखियोां में इसके प्रयोग से िग जाता है । यह तां ि शास्त्र में मजतनी मशहूर है उतनी ही आयुवेि में भी। आयुवेि में श्वेत गूांजा का ही अमिक प्रयोग होता है औषि रूप में साथ ही इसके मूि का भी जो मुिैठी के समान ही स्वाि और गुर् वािी होती है । इसीकारर् कई िोग मुिैठी के साथ इसके मूि की भी ममिावट कर िे ते हैं। वहीां रि गूां जा बेहि मवषैिी होती है और उसे खाने से उिटी िस्त पेट में मरोड और मृत्यु तक सम्भव है । आमिवासी क्षे िोां में पशु पक्षी मारने और जांगम मवष मनमाण र् में अब भी इसका प्रयोग होता है । गुां जा की तीन प्रजामतयाां ममिती हैं :1• रि गुां जा: िाि कािे रां ग की ये प्रजामत भी तीन तरह की ममिती है मजसमे िाि और कािे रां गोां का अनुपात
10%, 25% और 50% तक भी ममिता है । ये मु ख्यतः तां ि में ही प्रयोग होती है । श्वेत गुां जा • श्वेत गुांजा में भी एक मसरे पर कुछ कामिमा रहती है । यह आयुवेि और तांि िोनोां में ही सामान रूप से प्रयु ि होती है । ये िाि की अपेक्षा िु िणभ होती है । कािी गुां जा: कािी गुांजा िु िणभ होती है , आयुवेि में भी इसके प्रयोग िगभग नहीां हैं हााँ मकन्तु तांि प्रयोगोां में ये बेहि महत्वपू र्ण है । इन तीन के अिावा एक अन्य प्रकार की गुांजा पायी जाती है पीिी गुांजा ये िु िणभतम है क्ोांमक ये कोई मवमशष्ट प्रजामत नहीां है मकन्तु िाि और सफ़ेि प्रजामतयोां में कुछ आनुवांमशक मवकृमत होने पर उनके बीज पीिे हो जाते हैं । इस कारर् पीिी गूांजा कभी पूर्ण पीिी तो कभी कभी िामिमा या कामिमा मममश्रत पीिी भी ममिती है । इस चमत्कारी वनस्पमत गुांजा के कुछ प्रयोग:1• सम्मान प्रिायक : शु द्ध जि (गां गा का, अन्य तीथों का जि या कुएां का) में गुांजा की जड को चांिन की भाां मत मघसें। अच्छा यही है मक मकसी ब्राह्मर् या कुांवारी कन्या के हाथोां से मघसवा िें। यह िेप माथे पर चांिन की तरह िगायें। ऐसा व्यखि सभासमारोह आमि जहाां भी जायेगा, उसे वहाां मवमशष्ट सम्मान प्राप्त होगा। 2• कारोबार में बरकत मकसी भी माह के शुक् पक्ष के प्रथम बुिवार के मिन 1 ताां बे का मसक्का, 6 िाि गुांजा िाि कपडे में बाां िकर प्रात: 11 बजे से िेकर 1 बजे के बीच में मकसी सुनसान जगह में अपने ऊपर से 11 बार उसार कर 11 इां च गहरा गङ् ढा खोिकर उसमें िबा िें । ऐसा 11 बुिवार करें । िबाने वािी जगह हमेशा नई होनी चामहए। इस प्रयोग से कारोबार में बरकत होगी, घर में िन रूकेगा। 3"• ज्ञान-बु खद्ध विणक : (क) गुां जा-मूि को बकरी के िू ि में मघसकर हथेमियोां पर िेप करे , रगडे कुछ मिन तक यह प्रयोग करते रहने से व्यखि की बु खद्ध, स्मरर्-शखि तीव्र होती है , मचांतन, िारर्ा आमि शखियोां में प्रखरता व तीव्रता आती है । (ख) यमि सफेि गुांजा के 11 या 21 िाने अमभमांमित करके मवद्यामथणयोां के कक्ष में उत्तर पूवण में रख मिया जाये तो एकाग्रता एवां स्मरर् शखि में िाभ होता है । 4• वर-विू के मिए : मववाह के समय िाि गुांजा वर के कांगन में मपरोकर पहनायी जाती है । यह तांि का एक प्रयोग है , जो वर की सु रक्षा, समृ खद्ध, नजर-िोष मनवारर् एवां सुखि िाां पत्य जीवन के मिए है । गुांजा की मािा आभूषर् के रूप में पहनी जाती है । 5• पु ििाता :
शु भ मु हुतण में श्वेत गुांजा की जड िाकर िू ि से िोकर, सफेि चन्दन पुष्प से पूजा करके सफेि िागे में मपरोकर। “ऐां क्षां यां िां ” मांि के ग्यारह हजार जाप करके स्त्री या पुरूष िारर् करे तो सांतान सुख की प्राप्ती होती है । 6• वशीकरर् (क) आप मजस व्यखि का वशीकरर् करना चाहते होां उसका मचांतन करते हुए ममटटी का िीपक िेकर अमभमां मित गुां जा के ५ िाने िेकर शहि में डु बोकर रख िें . इस प्रयोग से शिु भी वशीभूत हो जाते हैं . यह प्रयोग ग्रहर् काि, होिी, िीवािी, पूमर्णमा, अमावस्या की रात में यह प्रयोग में करने से बहुत फििायक होता है . (ख) गुां जा के िानोां को अमभमांमित करके मजस व्यखि के पहने हुए कपडे या रुमाि में बाां िकर रख मिया जायेगा वह वशीभू त हो जायेगा. जब तक कपडा खोिकर गुांजा के िाने नहीां मनकिे जायेंगे वह व्यखि वशीकरर् के प्रभाव में रहे गा. ( गुां जा की मािा गिे में िारर् करने से सवणजन वशीकरर् का प्रभाव होता है . 7• मवद्वे षर् में प्रयोग : मकसी िु ष्ट, पर-पीडक, गुण्डे तथा मकसी का घर तोडने वािे के घर में िाि गुांजा - रमव या मांगिवार के मिन इस कामना के साथ फेंक मिये जाये - 'हे गुांजा ! आप मेरे कायण की मसखद्ध के मिए इस घर-पररवार में किह (मवद्वे षर्) उत्पन्न कर िो' तो आप िे खेंगे मक ऐसा ही होने िगता है । 8• मवष-मनवारर् : गुां जा की जड िो-सुखाकर रख िी जाये। यमि कोई व्यखि मवष-प्रभाव से अचेत हो रहा हो तो उसे पानी में जड को मघसकर मपिायें। इसको पानी में मघस कर मपिाने से हर प्रकार का मवष उतर जाता है । 9• मिव्य दृमष्ट :(क) अिौमकक ताममसक शखियोां के िशणन : भू त-प्रे तामि शखियोां के िशणन करने के मिए मजबूत हृिय वािे व्यखि, गुांजा मूि को रमव-पुष्य योग में या मां गिवार के मिन- शुद्ध शहि में मघस कर आां खोां में अांजन (सुरमा/काजि) की भाां मत िगायें तो भूत, चुडैि, प्रे तामि के िशणन होते हैं । (ख) गु प्त िन िशणन : अां कोि या अां कोहर के बीजोां के तेि में गुांजा-मूि को मघस कर आां खोां पर अांजन की तरह िगायें। यह प्रयोग रमवपु ष्य योग में , रमव या मांगिवार को ही करें । इसको आां जने से पृथ्वी में गडा खजाना तथा आस पास रखा िन मिखाई िे ता है । 10• शिु में भय उत्पन्न : गुां जा-मूि (जड) को मकसी स्त्री के मामसक स्राव में मघस कर आां खोां में सुरमे की भाां मत िगाने से शिु उसकी आां खोां
को िे खते ही भाग खडे होते हैं । 11• शिु िमन प्रयोग : यमि िडाई झगडे की नौबत हो तो कािे मति के तेि में गुांजामूि को मघस कर, उस िेप को सारे शरीर में मि िें। ऐसा व्यखि शिुओां को बहुत भयानक तथा सबि मिखाई िे गा। फिस्वरूप शिुिि चुपचाप भाग जायेगा। 12• रोग - बािा (क) कुष्ठ मनवारर् प्रयोग : गुां जा मू ि को अिसी के तेि में मघसकर िगाने से कुष्ठ (कोढ़) के घाव ठीक हो जाते हैं । (ख)अां िापन समाप्त : गुां जा-मूि को गांगाजि में मघसकर आां खोां मे िगाने से आां सू बहुत आते हैं ।नेिोां की सफाई होती है आाँ खोां का जाि कटता है । िे शी घी (गाय का) में मघस कर िगाते रहने से इन िोनोां प्रयोगोां से अांित्व िू र हो जाता है । (ग) वाजीकरर्: श्वेत गुां जा की जड को गाय के शुद्ध घृत में पीसकर िेप तैयार करें । यह िेप मशश्न पर मिने से कामशखि की वृखद्ध के साथ स्तां भन शखि में भी वृखद्ध होती है । 13: नौकरी में बािा राहु के प्रभाव के कारर् व्यवसाय या नौकरी में बािा आ रही हो तो िाि गुांजा व सौांफ को िाि वस्त्र में बाां िकर अपने कमरे में रखें।
**िु िणभ कािी गुांजा के कुछ प्रयोग: 1• कािी गुां जा की मवशेषता है मक मजस व्यखि के पास होती है , उस पर मुसीबत पडने पर इसका रां ग स्वतः ही बििने िगता है । 2• मिवािी के मिन अपने गि्िे के नीचे कािी गुांजा जांगिी बेि के िाने डािने से व्यवसाय में हो रही हामन रूक जाती है । 3• मिवािी की रात घर के मुख्य िरवाज़े पर सरसोां के तेि का िीपक जिा कर उसमें कािी गुांजा के 2-4 िाने डाि िें । ऐसा करने पर घर सुरमक्षत और समृद्ध रहता है । 4• होमिका िहन से पूवण पाां च कािी गुांजा िेकर होिी की पाां च पररक्रमा िगाकर अांत में होमिका की ओर पीठ करके पााँ चोां गुन्जाओां को मसर के ऊपर से पाां च बार उतारकर मसर के ऊपर से होिी में फेंक िें ।
5• घर से अिक्ष्मी िू र करने का िघु प्रयोगध्यानमां ि : ॐ तप्त-स्वर्णमनभाां शशाां क-मुकुटा रत्नप्रभा-भासुरीां । नानावस्त्र-मवभूमषताां मिनयनाां गौरी-रमाभ्यां युताम् । िवी-हाटक-भाजनां च िितीां रम्योच्चपीनस्तनीम् । मनत्यां ताां मशवमाकिय्य मुमिताां ध्याये अन्नपूर्णश्वरीम् ॥ मन्त्र : ॐ ह्रीम् श्रीम् क्ीां नमो भगवमत माहे श्वरर मामामभमतमन्नां िे मह-िे मह अन्नपूर्ों स्वाहा । मवमि : जब रमववार या गुरुवार को पुष्प नक्षि हो या नवराि में अष्टमी के मिन या िीपाविी की रामि या अन्य मकसी शुभ मिन से इस मां ि की एक मािा रुद्राक्ष मािा से मनत्य जाप करें । जाप से पूवण भगवान श्रीगर्ेश जी का ध्यान करें तथा भगवान मशव का ध्यान कर नीचे मिये ध्यान मांि से माता अन्नपूर्ाण का ध्यान करें । इस मां ि का जाप िु कान में गल्ले में सात कािी गुांजा के िाने रखकर शुद्ध आसन, (कम्बि आसन, या साफ जाजीम आमि ) पर बैठकर मकया जाए तो व्यापार में आश्चयणजनक िाभ महसूस होने गेगा । 6• कष्टोां से छु टकारे हेतु यमि सां पूर्ण िवाओां एवां डाक्टर के इिाज के बावजूि भी यमि घुटनोां और पैरोां का ििण िू र नहीां हो रहा हो तो रमव पु ष्य नक्षि, शमनवार या शमन आमवस्या के मिन यह उपाय करें । प्रात:काि मनत्यक्रम से मनवृत हो स्नानोपराां त िोहे की कटोरी में श्रद्धानुसार सरसोां का तेि भरें । 7 चुटकी कािे मति, 7 िोहे की कीि और 7 िाि और 7 कािी गुां जा उसमें डाि िें । तेि में अपना मुांह िे खने के बाि अपने ऊपर से 7 बार उल्टा उसारकर पीपि के पेड के नीचे इस ते ि का िीपक जिा िें 21 पररक्रमा करें और वहीां बैठकर 108 बार ऊाँ शां मवमिरुपाय नम:।। इस मां ि का जाप करें । ऐसा 11 शमनवार करें । कष्टोां से छु टकारा ममिेगा। पीिी गुां जा: 1• पीिे रां ग की गुांजा के बीज ,हल्दी की गाां ठे, सात कौमडयोां की पूजा अचणना करके श्री िक्ष्मीनारायर् भगवान के मां िोां से अमभमांमित करके पूजा स्थान में रखने से िाम्पत्य सुख एवां पररवार,मे एकता तथा आमथणक व्यावसामयक
मसखद्ध ममिती है 2• इसकी मािा या ब्रेसिेट िारर् करने से व्यखि का मचत्त शाां त रहता है , तनाव से मुखि ममिती है । 3• पीत गुांजा की मािा गुरु गृह को अनुकूि करती है । 4• अमनद्रा से पीमडत िोगोां को इसकी मािा िारर् करने से िाभ ममिता है । 5• बडी उम्र के जो िोग स्वप्न में डरते हैं या मजन्हें अक्सर ये िगता है की कोई उनका गिा िबा रहा है उन्हें इसकी मािा या ब्रेसिेट पहनना चामहए। अन्य मकसी जानकारी, समस्या समािान और कुांडिी मवश्लेषर् हे तु सम्पकण कर सकते हैं । हजार िाना नमक एक छोटा सा एकिम िहसन के आकार में, यह मांि होता है तथा िु िणभ वनस्पमत है । इसकी एक किी को तोडने पर सैकडोां की तािाि से अत्यां त सूक्ष्म सफ़ेि बीज मनकिते हैं । यह पौिा तािाब में कहीां कहीां पाया जाता है । इसका कांि या किी जो भी उपिब्ध हो िाकर मकसी भी शु हजार िाना नमक एक छोटा सा एकिम िहसन के आकार में, यह मांि होता है तथा िु िणभ वनस्पमत है । इसकी एक किी को तोडने पर सैकडोां की तािाि से अत्यां त सूक्ष्म सफ़ेि बीज मनकिते हैं । यह पौिा तािाब में कहीां कहीां पाया जाता है । इसका कांि या किी जो भी उपिब्ध हो िाकर मकसी भी शु भ मुहूतण में ताबीज में डािकर गिे या भुजा में िारर् करें । मकसी ताां मिक द्वारा अमभचार मकये जाने पर एक बार में इसका माि एक िाना चटक जाता है और िोग सुरमक्षत बच जाते हैं। जब मक एक किी में सैकडोां की सांख्या में बीज पाये जाते हैं । कमठन पररश्रम एवां प्रयासोां के उपराांत भी यमि कॅररयर में उठा-पटक रहती हो, नौकरी में सफिता नहीां ममि रही हो और व्यापार में िाभ नहीां ममि रहा हो तो मकसी भी शमन प्रिोष व्रत के मिन राहु काि के िौरान ताां बे के िोटे में एक चाांिी और सोने का छोटा सा टु कडा, सात गोमती चक्र , शमन यांि, सात उडि के िानें िोटे में डाि कर ऊाँ शां गोचराय नम: इस मांि का जाप करते हुए िोटे को गां गाजि से भर िें । ताांबे का ढक्कन िगाकर इस िोटे को अपने ऊपर से सात बार उसारें और अपने घर के ईशान कोर् में रख िें । सांपूर्ण परे शामनयोां का मनवारर् होगा। आमथणक िनकोष में वृ खद्ध होगी। कारोबार में िाभ ममिेगा। घर में सुख-शाांमत िगातार 27 शमनवार करें । 700 ग्राम ज्वार गाय को अपने हाथ से खखिाएां । अवश्य िाभ ममिे गा। जो काम करता हूाँ, पूरा नही होता ? Ans:- 43 मिन गाय के घी का िीपक मांमिर मे जिाएाँ , ज़मीन मे पैिा हुई सब्जी िाममणक स्थान मे िे ,
1. िक्ष्मी का प्रतीक कौमडयाां : पीिी कौडी को िे वी िक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है । कुछ सफेि कौमडयोां को केसर या हल्दी के घोि में मभगोकर उसे िाि कपडे में बाां िकर घर में खस्थत मतजोरी में रखें। कौमडयोां कौमडयोां के अिावा एक नाररयि की मवमि-मविान से पूजा कर उसे चमकीिे िाि कपडे में िपेटकर मतजोरी में रख िें । 1 शमन दृमष्ट िोष िू र करने के मिये उडि की िाि के 4 बडे शमनवार को प्रात: मसर से 3 बार एां टी क्ाकवाइज (उिटा) घुमाकर कौओां को खखिाएां । (सात शमनवार करो)। 2 शमन कृपा पाने के मिये शमनवार के मिन आठ नां बर का जू ता (िै िर का) शमन का िान माां गने वािे को ‘ऊाँ सूयण पुिाय नम:’ आठ बार कहकर िें । 3 ऊपरी बािायें िू र करने के मिये। कािे घोडे को 1-1/4 मकिो कािे चने शु क्रवार को खखिाओ तथा शमनवार को उसके मपछिे िायें पैर की नाि िे कर शमनवार को ही अपने घर के प्रवेश द्वार पर U इस आकार में िगाएां
4 िक्ष्मी प्राखप्त करने के मिये शु क्रवार को अांिमवद्यािय में 27 सांतरे अांिे बच्चोां को खखिाएां । 5 बच्चोां की पढ़ाई में अमिक अांक पाने हे तु मकसी अांिे बच्चे या िडकी को अपना पुि या बेटी मानते हुए पुस्तकोां का िान करो या वस्त्र तथा फीस िे कर मिि करें । 6 नजर टोना-टोटका िू र करने के मिये एक नीांबू िे कर रोगी के ऊपर सात बार उिटा घुमाकर उतारें (शमनवार) एक चाकू मसर से पैर तक िीरे -िीरे स्पशण करते हुए नीांबू को बीच से काट िें । िोनोां टु कडे िमक्षर् मिशा की ओर सांध्या समय फेंक िें । 7 ऊपरी प्रेत बािा िू र करने के मिये। बाजरे का िमिया 1-1/4 मकिो िे कर बनाएां । पाव भर गुड ममिाकर ममट्टी की हाां डी में रखें । मसर से पैर तक सात बार उतार कर चौराहे पर सायां को रख िें मु डकर न िे खें न बात करें । वामपस घर आ जाओ। (तीन शमनवार करो)। 8 शमन ढै या या साढ़े साती के िोष से मु खि पाने के मिए। कािे चनें 1-1/4 मकिो शु क्रवार रामि पानी में मभगी िें । शमनवार प्रात: पानी वािी हां मडया में अपना चेहरा िे खकर चने कािे घोडे को खखिाएां व पानी पीपि के पेड पर डाि िें । 9 जोडोां के ििण व वायू िोष िू र करने हे तु। शमनवार को 1-1/4 मकिो आिू व बैंगन की सब्जी सरसोां के तेि में बनाएां । इतनी ही पूररयाां सरसोां के तेि में बनाएां । रमववार को अांिे िगांडे व गरीब िोगोां को यह भोजन खखिाएां । 10 शमन कृपा प्राप्त करन के मिए 27 मकिो गुिाब जामुन पर एक िौांग फूि वािी चोभोकर शमनवार को जमुना निी में प्रवामहत करें । 11 मनोवाां खच्छत ट् ाां सफर पाने के मिये सूयण को जि ताां बे के बतणन में 22 मिन तक िगातार िें । 22 िाि ममचण के बीज पानी में डािकर प्रात: सूयण को जि िें । 12 रोग िू र करने के मिये पानी का नाररयि मसर से तीन बार उिटा घुमाकर सूयण की ओर रोगी िे खें व सामने िे खें व सामने ही फोडे िे । 13 सरििण व वायरि बुखार से मु खि हे तु 11 पानी वािे नाररयि मसर से उिटा घुमाकर मशवजी के मांमिर जायें, वहीां मशवमिां ग के पास जमीन पर फोडकर जि (नाररयि का) मशवमिां ग पर चढ़ा िें । 14 मनोवाां खच्छत वर या विु पाने के मिए पाां च पीठे पान बनवाकर मशव मांमिर में पहिे गर्ेश जी को िे मफर माां पावणती को िे तीसरा पान स्वामी कामतणकेय का व चौथा पान नां िी जी को िे । 5वाां पान मशवमिांग पर चढ़ा िें । 15 िक्ष्मी प्राखप्त के मिए िू ि में घी, शहि व िही ममिाकर मशवमिां ग पर एक आां विा रखें ऊपर से िू ि चढ़ा िें । आां विे का मु रब्बा एक पीस मशवमिां ग पर रखें व ऊपर से िू ि चढ़ाएां । 16 पढ़ाई में अच्छे नां बर पाने के मिए। बच्चे मोर मु कुट का चाां िा अपनी पुस्तकोां में रखें । NE मिशा में एक बाां सुरी िटकायें बाां सुरी पर ऊाँ नमो भगवते वासुिेवाय। रौिी व मसांिूर से मिखें । 17 स्मृमत तेज करने के मिये। बच्चोां को प्रात: एक आां विे का मु ब्बा रोज खाने को िें । ऊपर से िू ि पीये। क्रोि कम होगा व पढ़ाई में ध्यान बढ़े गा। 18 ऊपरी बािा िू र करने के मिए। अांडा िे कर रोगी के ऊपर से 11 बार घुमाकर (उिटा) उतारें । अांडे पर कािी स्याही से मकडी का जािा बनायें। अांडा निी में बहा िें । 19 ममरगी का िौरा िू र करने के मिए। एक तौिा असिी हीांग कािे कपडे में सीकर ताबीज जै सा बनाकर शमनवार के मिन गिे में पहनने से मृ गी (ममरगी) का िौरा नहीां पडाता है । ऊपरी बािाएां भी शाां त हो जाती हैं । 20. हाटण अटै क िू र करने के मिये। हृिय होग मनवारर् (िू र) के मिये मामर्क् RING FINGER में िाां ये हाथ में तथा पन्ना 6 रत्ती का िाकेट बनाकर गिे में बुिवार को िारर् करें । मानमसक बीमाररयाां भी ठीक हो जाएगी। 21 अपना घर बनाने के मिये। मकान बनवाने या खरीिने से पूवण भैं सा का िान करें , तथा पुष्य नक्षि में ही मकान की नीांव रखें या मनमाण र् करें । वास्तु पूजन अवश्य करायें। 22 हृिय रोग िू र कनरे के मिए। हृिय रोग मनवारर् के मिए 5 मु खी रुद्राक्ष गिे में िारर् करें । पाां च मुखी रुद्राक्ष, एक िाि रां ग का हकीक पत्थर, ½ मीटर िाि कपडा, 8 िाि ममचें-इन सबकोां कपडे में रखकर रोगी के मसर से तीन बार घुमाकर बहते पानी में रमववार को वहा िें । 23 आशीवाण ि फिीभू त होने के मिये भू िकर भी बच्चोां को गामियाां न िें । न ही कोसें। अक्सर माता-मपता बच्चोां को उनकी आज्ञा न मानने पर, पढ़ाई न पढ़ने पर कहते है मक तू न ही होता तो अच्छा था, या घर से चिा जा, मर ही जाये तो अच्छा था। यह मवनाशकारी श्राप भू ि से भी न िें । याि रखें 10
आशीवाण िोां को माि एक श्राप नष्ट कर िे ता है । 24 कोटण -कचहरी में मु कद्दमा जीतने के मिये। मु कद्दमे में जीत के मिए NORHT-EAST कोने में मां मिर बनाकर मु कद्दमें की फाइिें पूजा के स्थान पर ही रखें । यमि आप सच्चें हैं तो मु कद्दमें का फैसिा आपके पक्ष में ही होगा। 25 शीघ्र मववाह करने हे तु पुखराज पाां च रत्ती चाां िी या गोल्ड की अांगूठी में INDEX FINGER में गुरुवार को पहने । तथा मफरोज सात रत्ती चाां िी में मढ़वाकर शुक्रवार को िामहने हाथ की छोटी अांगुिी में पहने । शीघ्र मववाह होने के अवसर होांगे। 26 मनचाहा मववाह करने हे तु ‘केिे की जड’ का टु कडा, एकािशी मतमथ को ‘ऊाँ नमो भगवते वासुिेवाय’ मांि से 108 बार बोिकर गिे में ‘ताबीज’ बनाकर बुिवार को प्रात: पहने । मववाह मनपसांि होगा। 27 मां गिीक िोष िू र करने मांगिीक िोष िू र करने के मिये प्रत्येक मां गिवार को वट वृक्ष की जड पर मीठा िू ि चढ़ायें। भीगी ममट्टी से माथे में मतिक िगायें। 28 पढ़ाई में अच्छे नां बर व सफिता पाने हे तु पढ़ाई में अच्छे नां बर व सफिता के मिये करे ये प्रयोग बांिर को मीठी रोटी, केिे व गुड चना मां गिवार को खखिाएां । NORHT-EAST कोर् में एक बाां सुरी रौिी व मतिक िगाकर िगायें। पाां च रत्ती का मूां गा िाकेट बनाकर मां गिवार को बच्चे के गिे में पहनायें। गरीब बच्चोां को मुफ्त पुस्तकें बाां टे। 29 परस्पर प्रेम वृखद्ध के मिए पमत-पत्नी के किे श िू र करने के मिये तथा प्रेम की वृखद्ध के मिये पमत िायें हाथ की RING FINGER में हीरा 30 CENT या सफेि पुखराज पाां च रत्ती का शु क्रवार व बृहस्पमतवार को पहने । पत्नी बायें हाथ की RING FINGER में पाां च रत्ती का मोती चाां िी या गोल्ड में सोमवार को पहने । 30 िररद्रता िू र व कजाण मु खि हे तु िररद्रता िू र करने के मिए, कजाण उतारने के मिये पुरुष िायें हाथ की INDEX अांगुिी में ‘पीिा पुखराज’ पहने तथा बायें हाथ की छोटी अांगुिी में मोती पाां च रत्ती का चाां िी में सोमवार को पहने । व एक मािा जाप करें । ‘ऊाँ श्रीां मश्रयै नम:’। 31 कोटण -कचहरी व मु कद्दमा में मवजय हे तु मु कद्दमा में मवजय के मिये यमि आप सच्चे हैं तो िायें हाथ की RING FINGER में मामर्क् RUBY 6 रत्ती का रमववार को पहने व ‘पीिा पूखराज’ िाकेट गिे में पहने । 32 नौकरी में प्रमोशन व राजनीमतक जीत हे तु नौकरी में प्रमोशन व राजनीमतक जीत के मिये िायें हाथ की छोटी अांगुिी में 6 रत्ती का पन्ना चाां िी या गोल्ड में पहने । (बुिवार को) गिे में मामर्क् 6 रत्ती का िॉकेट बनाकर पहने । (रमववार को प्रात:) एक मािा स्फमटक की मािा से ‘ऊाँ आमित्याय नम:’ जप करें । 33 मीमडया व मॉडमिां ग में सफिता प्राप्त हे तु मीमडया क्षेि में , मॉडमिां ग के क्षे ि में या मफल्म के क्षे ि में अपार सफिता के मिये िाये हाथ की RING FINGER में हीरा 30 CENT शु क्रवार को चाां िी या गोल्ड में पहने। तथा ‘ऊाँ रािेकृष्णाय नम:’ की एक मािा जाप रोज करें । 34 शिु ता के ममिता बििने हे तु शिु ता को ममिता में बििने के मिये शमनवार को भोजपि पर िाि रौिी से शिु का नाम मिखकर शहि की शीशी में डूबो िे ना चामहये। 35 सांतान व सुख प्राखप्त हे तु सांतान सुख की प्राखप्त के मिये पुरुष िायें हाथ INDEX FINGER में 6 रत्ती का पुखराज बृहस्पमतवार को पहने । 36 मवद्या प्राखप्त हे तु मवद्या की प्राखप्त के मिए व मां गिीक प्रभाव िू र करने के मिये एक पाव कच्चा िू ि मसर से 3 बार उिटा घुमाकर ममट्टी के बतणन में डािकर कािे , िाि मकसी भी कुत्ते को मां गि को खखिाएां । 37 हृिय रोग से बचने हे तु हृिय रोग से बचाव के मिये पाां च मुखी रुद्राक्ष, कािे डोरे में डािकर गिे में ‘ऊाँ जूां स:’ 108 बार बोिकर सोमवार को िारर् करें । पाां च मु खी रुद्राक्ष, एक िाि हकीक, एक मीटर िाि कपडे में बाां िकर रोगी के मसर से 21 बार उिटा घुमाकर रमववार को बहते पानी में बहायें । 38 शमन की साढे -साती िू र करने हे तु मोरपांख का चांिोबा रमव-पुष्य नक्षि में काटकर अपनी जे ब में रखने से मान-सम्मान में वृखद्ध व िररद्रता िू र होती है तथा शमन का साडे -साती का प्रभाव िू र होता है। 39 िक्ष्मी की वृखद्ध हे तु नये मकान के प्रवेश द्वार पर कौमडयोां का तोरर् द्वार िटकाने से ऊपरी बािायें िू र होती हैं। नजर-टोना नहीां होता है । िक्ष्मी की वृखद्ध होती है । 40 माां गमिक िोष िू र हे तु हाथी िाां त के गर्पमत की सिै व पूजा करने से माां गिीक िोष िू र होता है । आमथण क सांपन्नता बढ़ती है । मवद्या के क्षे ि में मवशेष िाभ होता है । 41 आिा सीसी का ििण िू र करन हे तु आिा सीसी का ििण कािी ममचण के 12 बीज, नीम की पमत्तयाां -12, चावि के-12 िाने । इनको मसिवटे पर 3 या 4 बूांि पानी ममिाकर िवा बनायें। सूयोिय से पूवण 5 ममनट तक इस िवा को सूांघे। 12 मिन तक यह प्रयोग करने से आिा-मसर का ििण हमेशा के मिये िू र हो जाता है । 42 नौकरी व प्रमोशन प्राप्त करने तथा अच्छें अांक प्राप्त करने के मिये माता-मपता को
पावणती व मशव जानकर उन्हें बैठायें। हाथ में पुष्प िे कर माता-मपता के तीन चक्कर िगायें। स्वयां को गर्ेश का रूप समझकर उनके चरर्ोां में पुष्प चढ़ायें व नौकरी प्राप्त करन का, प्रमोशन प्राप्त करने का तथा मवद्या के क्षे ि में अच्छे नां बर प्राप्त करने के मिये िां डवत प्रर्ाम करें । 43 ममरगी का िौरा पडना बांि करने हे तु गाय के बायें सीांग की या जां गिी सूअर के नाखून की अांगूठी बनाकर िामहने हाथ की छोटी अांगुिी में पहनने से ममरगी का िौरा पडना बांि हो जाती है । 44 मोटापा कम करने हे तु राां गा िातु की अांगूठी िामहने हाथ की बडी अांगुिी में पहनने से मोटापा कम हो जाता है । चबी कम बनती हैं । 45 ग्राहक अमिक आने व िररद्रता िू र हे तु शमनवार की शाम िायें हाथ में एक साबुत सुपारी व ताां बे का मसक्का पीपि के पेड के नीचे रखें। रमववार को उसी पीपि का एक पत्ता िाकर रौिी से पत्ते पर ‘श्रीां’ मिखें व अपनी गद्दी के नीचे रखें या सेफ में रखें। ग्राहक अमिक आयेंगे। िररद्रता िू र होगी। 46 टोने -टोटके से मु खि हे तु कािे घोडे की नाि या अांगूठी ‘कृमत्तका नक्षि’ वािें मिन घर के प्रवेश द्वार या अांगुिी में िारर् करने से मकसी के मकये टोने -टोटके से मु खि प्राप्त होती है । 47 आमथणक िाभ प्राखप्त हे तु पीति के िोटे में जि व गाय का िू ि ममिाकर शु क् पक्ष में मसरहाने रखकर सो जायें। प्रात: यह िू ि मममश्रत जि पीपि वृक्ष पर श्रद्धापूवणक चढ़ा िें । यह उपाय 11 मिन तक िगातार करें । सोमवार से यह प्रयोग आरां भ करें आमथण क िाभ मनमश्चत होगा। 48 नौकरी प्राखप्त व व्यापार में िाभ हे तु पीति के िोटे में गांगा जि भरकर ‘चाां िी’ व सोने की िातुए डािकर मसर से ऊपर के स्थान पर NORTH+ EAST (ईषान) स्थान पर रखें । तथा ‘ऊाँ गांगािराय नम:’ मांि को 11 बार बोिें। ऊपरी बािायें िू र होती है िन की वृखद्ध होती है । नौकरी के अवसर ममिते है व्यापार में िाभ होता है । 49 घुटनोां के ििण व वायु मवकार िू र करने हे तु शुद्ध पेट्ोि िे कर, िोनोां हथे मियोां के बीच पेट्ोि डािकर, िोनोां घुटनोां पर हथे मियोां से मिते हुए 11 बार मनम्न मांि बोिने से 40 मिन के अांतर समस्त घुटनोां के ििण , वायु मवकार िू र हो जाता है । मां ि- नासे रोग हरे सब पीरा, जपत मनरां तर हनु मत् वीरा। 50 पढ़ाई में एकाग्रता, ऊपरी बािाओां मु खि व स्वास्थ्य िाभ प्राखप्त के मिए मां गिवार के मिन हनु मान मां मिर से मसांिूर का चोिा चढ़ायें तथा मांमिर के ऊपर एक झांडा िाि रां ग का िगा िें । झांडे के बीच में मसांिूर से मिखें ‘श्रीराम’। तथा नीचे मसांिूर से मिखें ‘बि बुखद्ध मवद्या िे हु, मोरर हरक किे श मवकार’। पढ़ाई में एकाग्रता बढ़े गी, ऊपरी बािायें िू र होगी। स्वास्थ्य िाभ होगा। 51 शमन की साढ़े साती के प्रभाव को िू र करने के मिए शमनवार से साढ़े साती का िु श्प्प्रभाव कम करने के मिए 1-1/4 मकिो कािे चने िोहे की नयी बाल्टी में डाि िें । पानी से भर िें । शु क्रवार की रामि यह प्रयोग करें । शमनवार की प्रात: उस पानी वािी बाल्टी में अपनी छाया िे खें। पानी घर के बाहर पीपि के पेड पर डािें। चनें बहुत शु द्ध पानी में, 1 मुट्ठी ‘ऊाँ सूयण पुिाय नम:’ कहकर प्रवामहत करें । जब तक चने समाप्त न हो यह प्रयोग जारी रखें । बाल्टी मकसी शमन के िान मागने वािे का 1-1/4 मकिो सरसोां के तेि डािकर, कुछ मसक्के डािकर िान करें । 52 आमथण क सांकट, न्यायािय में मु कद्दमें व शिु द्वारा अपयश? अपने घर में NORHT-EAST कोने में (इषार्) यमि शौचािय हो, तो तुरांत बांि कर िें । वरना घर में िे वता का प्रकोप होगा। बीमारी, कष्ट किेश, आमथण क सांकट, न्यायािय में मु कद्दमें व शिु द्वारा अपयश होगा। 53 अमि भय व िु घणटना से बचने हे तु घर या फैक्टरी में SOUTH-EAST कोने में (अमि) यमि पानी की टां की रखी हो तो फौरन हटा िें । वरना अमि भय रहे गा। BP HIGH रहे गा। क्रोि अमिक होगा। घर में किे श व शिु द्वारा स्वास्थ्य व िन हामन होगी। 54 शराब, नशा, िररद्रता िू र करने के मिये अपने मकान की छत पर यमि पुराने सररये, िोहे का समान, टीन, कनस्तर या प्लाखिक के मडब्बे हो तो फौरन हटाये वरना शमन का िु श्प्प्रभाव रहे गा। आिस्य के कारर् बच्चे पढ़ नहीां पायेंगे। िररद्रता रहे गी। घर में शराब व नशा के कारर् स्वास्थ्य मगरे गा। 55 ऊपरी बािा िू र करने के मिये घर में िे वी के मचि के आगे स्नान कर प्रात: िाि वस्त्र की ज्योमत जिाने से व सायां सफेि वस्त्र या काटन की ज्योमत जिाने से शीघ्र मववाह होता है । व्यापार में मवशे ष िाभ होता है। ऊपरी बािायें फौरन िू र होती हैं । 56 स्वास्थ्य हामन िू र करने हे तु स्वास्थ्य हामन हो रही हो, डाक्टरोां ने जवाब िे मिया हो तो फौरन रोगी के वजन का पहाडी नमक तथा सतनाजा बहते पानी में बहायें। पानी वािे 11 नाररयि रोगी के मसर से िे कर पैर तक 3 बार उिटा घुमायें। नाररयि को रोगी के सामने ही जमीन पर फोड िे । नाररयि के टु कडे बहते पानी में बहायें। यह प्रयोग रमववार वािे मिन करें । 57 पत्नी
िक्ष्मी रूपा हे उसे सत्कार िें । भू िकर भी िमण पत्नी को न ही िु त्कारें , न कोसें तथा न ही अशु भ मानकर मारें । िु खी होकर पत्नी रोती हुई अपने माता-मपता के घर चिी गयी तो याि रहे इस पाप कमण से आपके घर की बरकत चिी जाएगी। आपकी बहन किामप अपने ससुराि सुखी न रहे गी। उसके सांतान सुख न होगा। तथा आप पर वांश हत्या का पाप िगेगा। पत्नी मायके चिी गयी हो तो फौरन मनाकर िे आयें। िन, वस्त्र व मान िे कर पत्नी को मनायें। मबगडते कायण बनें गे। माां वैष्णोां िे वी की यािा का पुण्य ममिे गा। 58 फोडे -फुांसी व घाव की रामबार् िवा। िही को ताबें के बतणन में ताां बे के चम्मच से इतना घोटें मक वह हरे रां ग का हो जाय। इस िवा को गांज पर िगाने से बाि शीघ्र उग जाते हैं । फोडे -फुांसी, घाव आमि के मिये यह रामबार् िवा है । 59 गांजापन व बाि झडना िू र करने के मिये पत्ता गोभी के रस को यमि मनरन्तर मसर पर मामिश की जाय तो गांजापन, बाि झडना, बाि मगरना आमि रोग िू र होते हैं। 60 मू ि सांबांिी रोग व गुिे के मवकार िू र करने के मिये मूि सांबांिी रोगोां में या गुिे के मवकार को िू र करने के मिये मूां गा 4 रत्ती+ नीिम 3 रत्ती सांयुि जडवाकर िारर् करें । मध्या अांगुिी में िारर् करें । 61 श्वाां स सांबांिी बीमाररयोां को िू र करने हे तु श्वाां स सांबांिी बीमाररयोां में मूां गा+पन्ना+ मोती सांयुि रूप से RING FINGER अनाममका में िारर् करने से िाभ रहता है । 62 सांतान प्राखप्त हे तु मववाह के पश्चात सांतान न होने पर, गुरुवार को पमत िाये हाथ में तजण नी INDEX अांगुिी में 5-1/2 रत्ती का पुखराज पहने व पत्नी बायें हाथ की INDEX अांगुिी में ‘सुनैिा’ रत्न 6-1/4 रत्ती का िारर् करें । 63 चुनाव जीतने के मिये राजनीमतक जीवन में सफिता के मिये िायें हाथ की RING FINGER में कृमत्तका नक्षि में (RUBY) मामर्क् रत्न 5-1/4 रत्ती का पहने । 1 तथा ‘पुष्प’ नक्षि में पुखराज रत्न 5-1/4 रत्ती INDEX FINGER में पहने। 64 मां गिीक िोष िू र करने के मिये मां गिीक िोष िू र करने के मिये घर का किेश िू र करने के मिये व बेटी की शािी न होती हो तो, मूां गा 5 रत्ती का अनाममका अांगुिी में पहने। मविवा स्त्री का मजाक न उडायें बखि उनकी मिि व सेवा करें । घर, तफ्तर या िु कान पर नौकरोां से अभद्र व्यवहार न करे बखि िन आमि से मिि करें । पर स्त्री गमन, शराब व गुटखा आमि का भुिकर भी सेवन न करें , वरना मववाह के बाि बेटी िु खी हो। हनु मान मां मिर पर झांडा िगायें व चोिा चढ़ाएां । 65 शमन की साढ़े साती व शमन के िु श्प्प्रभाव को िू र करने के मिये शमन की साढ़े साती या शमन के िु श्प्प्रभाव को िू र करने के मिये करें ये उपाय। अांिे व िां गडे व्यखि की सहायता करें । भू िकर भी मकसी कुत्ते की टाां ग पर िाठी न मारें । नाररयि के खोपरे में मति व बूरा चीनी डािकर जमीन में िबायें। माां स-मच्छी व शराब का सेवन भू िकर भी न करें । कौऐ व कुत्ते को मसर से 3 बार उिटा वारकर रोटी खाने को िें । भवन, मनमाण र् न करें व न हीां बना हुआ मकान खरीिें वरना चोरी, िन हामन व िु घणटना हो। शमन व भै रव चािीसा प्रात: व सायां पढ़ें । मशवमिां ग पर सोमवार को िू ि चढ़ाएां । 40 हनु मान चािीसा हनु मान मां मिर बाां टें। 66 आमथण क िाभ व प्रॉपटी के काम में िाभ के मिये मां गिवार के मिन िाि चांिन, गुिाब के 4 फूि, 4 साबुत सुपारी-रौिी में रां गकर िाि कपडे में बाां िकर उत्तर मिशा में मतजोरी, सेफ या िॉकर में रखें व गांगा जि के छीटें अवश्य िें । 67 पागिपन व उन्माि रोग िू र करने के मिए पागिपन व उन्माि रोग 100 ग्राम से 200 ग्राम तक गोमूि छानकर प्रमतमिन प्रात:काि 30 मिन तक पीने से मनमश्चत रूप से ठीक होता है । 68 उच्च रिचाप के मिए उपाय गेहूां की बासी रोटी प्रात: िू ि से मभगोकर खायें उच्च रिचाप के मिये सवणश्रेष्ठ उपाय है । 69 उच्च बल्डप्रेशर शाां त हे तु सपणगांिा को कूटपीसकर कपडा से छानकर रख िें । रोज 2-2 ग्राम प्रात: व सायां पानी से िें । उच्च बल्डप्रेशर शाां त होगा। सारा सांसार िोहा मानता है । 70 अमिक क्रोि से बचने के मिए अमिक क्रोि आने पर सायां काि 1 बडा चम्मच गुिकांि खाकर ऊपर से िू ि पीयें तथा प्रात: 2 पक्के सेब नाश्ते से पहिे खायें। 71 मोटापा कम करने के मिए मोटापा कम करने के मिये नीांबू का रस 25 ग्राम शहि 20 ग्राम में ममिाकर महीने सेवन करें । चबी घट जाती है व शरीर सुडोि होता है । 72 ने ि ज्योमतविणक करने के मिए ने ि ज्योमतविणक के मिये सौांफ ½ मक. व ½ मक. खॉड िोनोां को बारीक पीसकर ममिाकर रामि में 10 ग्राम िवा िे कर 4 घूांट पानी पीयें। मनरां तर िेने से मोमतया बांि भी रुकता है । 73 नजर िोष मु खि हे तु नमक, रोई, प्याज के मछिके िाि ममचण व िहसून िे कर अांगारे पर डाि िे । उस अांगारे को रोगी के मसर से उिटा 21 बार घुमाने से नजर पत्थर फाड भी हो, तुरांत िू र होती है । 74 रूके काम में सफिता पाने के मिए काम
पर बाहर जाते समय थोडी हीांग को िमक्षर् मिशा में फेंक िें । पीिी सरसोां अपने मसर से सात बार उिटा घुमाकर अपने आगे घर से बाहर फेंक िें । रूका काम तेजी से होने िगते हैं । 75 रूका िन पाने के मिए पीपि के सात पत्ते िे कर रौिी से ‘श्री’ मिखकर मशवमिां ग पर चढ़ाएां । ऊपर से गांगा जि चढ़ाएां । ‘ऊाँ नम शम्भवाय’ सात बार बोिें । रूका िन ममि जाएगा। यह प्रयोग सात बार सोमार से शु रू करना है । 76 अमिकारी को मनाने के मिए िाि गूिाब का फूि एक मगिास पानी में रखकर अपनी टे बि पर रखें तथा एक फूि अपनी जे ब में सफेि रूमाि में बाां िकर रखें । अमिकारी से ममिने से पूवण गुिाब के फूि पर ‘ऊाँ आमित्याये नम:’ कहकर फूांक मार िें । वह गुिाब अमिकारी को भें ठ करें । मन ही मन भगवान सूयण से प्राथण ना पूर्ण होने की कामना करें । आप का काम मनमश्चत हो जाएगा। 77 िु भाण ग्य िू र करने के मिए गुड व चना यमि मकसी फकीर या सांन्यासी को शु क्रवार को िें तो िु भाण ग्य िू र चिा जाता है । तथा सौभाग्य की प्राखप्त होती है । अपने ऊपर से एक रोटी को 31 बार उतार कर चौराहे पर प्रात: रखें। तथा मनम्न मां ि भी कहें ऊाँ िु भाण ग्य नामशनी िुां िु भाण य नम:। मनमश्चत िु भाण ग्य िू र होगा। 78 कजाण िू र करने के मसद्ध प्रयोग शु क् पक्ष पहिे मां गिवार को स्नान कर मशव मां मिर जाएां । मशवमिां ग पर िाि मसूर की िाि चढ़ाएां । 108 बार मनम्न मां ि बोिकर िाि चढ़ाएां । ऊाँ ऋर् मु िेश्वर सिा मशवाय नम: यह प्रयोग आठ मां गिवार करें । हनु मान जी के मां मिर में िाि झांडा िगायें कजाण िू र होगा। 79 शुक् पक्ष की मां गिवार को आटे में गुड ममिाकर मीठे पुए हनु मान जी के मांमिर में चढ़ाएां तथा मनम्न मां ि की 108 बार जाप करके गरीबोां को वस्त्र व भोजन मां गिवार को करायें। ऊाँ हां हूनु मते ऋर्मोचने नम:। 80 मां गिोां भू ममपुिाश्च ऋर्हताण िनप्रि। खस्थरासनोां महाकाय: सवण काम मवरोिक।। उपरोि मां ि का एक मािा (रुद्राक्ष) से जाप करके िे सी घी का िीपक जिाकर िौ िौांग जिायें। जिे हुए िौांग मकसी पेड के नीचे िमक्षर् मिशा की ओर फेंक िें । 81 मवष्णु मप्रया िक्ष्मी के 12 नाम का प्रात: सूयोिय में भगवान सूयण को एक मगिास जि में रौिी व चावि ममिाकर अर्घ्ण िे ने से ऋर् मु खि होती है । िैिोक् पूमजते िे मव कमिे मवष्णु वल्लभे। यथा त्वमचिा कृष्णे तथा भव ममय खस्थरा।। कमिा चांचिा िक्ष्मीश्चिा भूमतहररमप्रया। पद्मा पिमािया सांपि रमा श्री पद्मिाररर्ी।। द्वािशै तामन नामामन िक्ष्मी सांपूज्यय: पठे त्। खस्थरा िक्ष्मी भवेत तस्य पुिामिमभ: सह।। 82 एक सेर भुने चावि, एक पाव शक्कर तथा आिा पाव घी तीनोां को एक साथ ममिाकर प्रात: मनम्न मांि पढ़कर चीांटी के मबि पर घर से बहार मकसी पाकण के एकाां त में डािें , तो बैंक का िोन यो मकसी से कजाण िे मिया हो तो कजे उतारने का मागण बन जाता है। 83 मां गिवोर को, मां गि मिशा व अांतरिशा में कजे किामप नहीां िेना चामहए वरना कजे उतारना कमठन हो जाता है । हाां कजे की रकम की मकश्त शु क् पक्ष के पहिे मां गिवार को मनम्न मां ि पढ़कर िे ने से कजाण शीघ्र ही उतर जाता है । मां ि- ऊाँ ह्रीां ऋर्मोचने स्वाहा। 84 गायिी मांि का जाप 108 बार करें । डे ढ़ मीटर सफेि कपडे में पाां च िाि गुिाब, पाां च िौांग व पाां च बताशें निी में मनम्न मांि बोिकर प्रवामहत कर िें । पुराने से पुराना कजे भी उतर जाता है । 85 अमावस्या की रामि 12 बजे के समय कािी राई की िामहने हाथ में िे कर अपने मकान की छत के तीन चक्कर (उिटे ) िगाये। िसोां मिशाओां में हाथ की राई के िाने मनम्न मांि बोिकर डािें। यह प्रयोग आिीरात में मकसी मतहारे पर भी मकया जा सकता है । 86 रमववार के मिन, या ‘हस्त’ नक्षि हो या रमववार को ‘अमृ तमसखद्ध योग’ हो तो भू िकर भी कजाण नहीां िेना चामहए। वरना कजाण चुकाना कमठन होता है । हाां इन मिनोां कजाण वामपस करना अमत शु भ है । 87 सांक्राां मत के मिन या ‘वृखद्ध’ नामक योग हो तो भी भूिकर कजाण नहीां िे ना चामहए वरना िन िमक्षर् मिशा के गये मे घ जै सा वामपस नहीां आता है। बहुत कमठनता से रकम की वसूिी होती है । 88 बुिवार को भूिकर भी मकसी को रकम या ब्याज पर िन नहीां िे ना चामहए वरना िन िमक्षर् मिशा के गये मे घ जै सा वामपस नहीां आता है । बहुत कमठनता से रकम की वसूिी होती है। 89 यमि अपने मकान का ईशान कोर् पर बना अमिकभार वािा भाग हटा िें । तथा नैऋमत कोर् का मकान ऊाँचा बना िे अथाण त वजन बढ़ा िें तो कजाण अपने आप खत्म हो जाएगा। भू िकर भी ईशान कोर् का महस्सा ऊाँचा न करे तथा नैऋमत का भाग नीचा न करे अथाण त अमिक ऊाँचा करे तो कजाण समाप्त हो जाता है । 90 ईशान कोर् में भू ममगत टैं क बनवाने से कजाण कम हो जाता है । नैऋमत कोर् में भू िकर भी टैं क न बनायें वरना कजाण , रोग, िु श्मन बढ़ते जाएां गे। 91 िमक्षर् मिशा के मतजोरी को उत्तर की ओर खुिने की खस्थमत में प्रमतमष्ठत करे । मतजोरी
में िक्ष्मी, गर्ेश व कुबेरयांि पूजा कर प्रमतमष्ठत करें । सिा िक्ष्मी की कृपा रहे गी। कजाण नहीां होगा। हाां यमि कजाण मिया हो तो शीघ्र उत्तर जायेगा। 92 घर के ईशान कोर् में गांिगी नहीां रखनी चामहए। पुराने कपडे , कूडा भू िकर भी न रखें । झाडू आमि न रखें । शाम को झाडू आमि न िगायें। परां तु प्रात: सफाई अवश्य करें । 93 रात को रसोई से झूठे बतणन किामप न रखें । झूठे बतणन होने से कजाण बढ़ता है । घर में किे श, वैचाररक मतभे ि िू र करने के मिये अपने झूठे बतणन स्वयां ही उठाकर रसोई में रखें। सिा कजे से मु ि रहता है । झूठे बतणन उठाने वािा आपकी श्रीां व यश को भी िे जाता है । 94 मृ गमशरा, मचिा व घमनष्ठा नक्षिोां में भूिकर भी कजाण नहीां िेना चामहए। कजाण उतारना तो िू र िडाईझगडा व मु कद्दमें बाजी तक हो जाती है । यमि गिती से िे ही मिया, हो तो ऊाँ िरर्ी सुताय नम: का एक मािा जाप करनी चामहए। 95 गांिगी, छत में बने मकडी के जािे िररद्रता व कजे को जन्म िे ते हैं । फौरन शमनवार वािे मिन मकडी की जािोां को साफ करनी चामहए। िूप अगरबत्ती यमि चांिन की हो तो अवश्य जिानी चामहए चांिन की अगरबत्ती िररद्रता नाशक है । 96 छत पर पडा पुराना सररया, िोहा व कनस्तर आमि यमि हो तो फौरन हटा िे ना चामहए। शमनवार को कबाडी को बुिाकर मबना पैसे मिये फ्री में िे िे ना चामहए। कबाडी को िोहा का सामान जहाां तक हो बेचना नहीां चामहए। वरना रोग व कजाण बढ़ता है । 97 फशण व िीवारोां पर बच्चे अक्सर पेंमसि से िाइने खीांच िे ते हैं । व्यथण के आिे खन नहीां बनाने चामहए। किेश व कजाण बढ़ता है । हो सके तो िीवार पर खीांची िाइने व अन्य िब्बे आमि ममटाने चामहए। िक्ष्मी की कृपा बनी रहे गी। 98 िीपाविी के रामि िो केिे के नर व मािा पेड गमिे में िगायें। कुांकुम व रौिी का मतिक पेड पर िगाएां । िे खभाि करें । आपका कजाण कम हो जाएगा। केिोां का पेड बढ़ने पर मकसी मवष्णु या कृष्ण के मांमिर में िगा िें । 99 त्र्योिशी (िन तेरस) के मिन, िीपाविी से िो मिन पूवण अशोक का पेड गमिे में िगा घर पर िाएां । रौिी व हल्दी से मतिक करें । 10 मािा पेड के पास बैठकर जाप करें । जाप के बाि एक मगिास पानी पेड पर डािे । जै से-जै से पेड में नए पत्ते आएां गे घर पर िन समृखद्ध का प्रभाव बढ़ता जाएगा। ऊाँ श्रीां ह्रीां श्रीां कुबेराय नम: (10 मािा जाप) 100 घर में एक तुिसी का पौिा िगायें। एक शामिग्राम भी पौिोां के पास रखें । मोिी के िागे से तुिसी की जड के साथ शामिग्राम को सात बार बाां िे या िपेटे। सायांकाि रोज घी का िीपक जिाएां । मनम्न मां ि बोिने से कजाण रोग व शिु बािा नष्ट हो जाते हैं । यत् मू िे सवणतीथाण मन यत् मध्ये सवणिेवता:। यद्ग्रे सवण वेिाश्च तुिमस! त्वाम् नमाम्यहम् ।। 101 यमि कोई व्यखि पैसा वामपस न कर रहा हो तो करे यह प्रयोग। मचत्तकारी कौडी शमनवार के मिन मजससे पैसा िे ना हो उसके घर के मुख्य द्वार पर रखें । तीन शमनवा यह प्रयोग करें । मनम्न मां ि अवश्य बोिे ऊाँ ह्रीां फट् स्वाहा। 102 यमि कजण िे ने के मिए िन सांग्रह न हो पा रहा हो तो आप मतजोरी या गल्ले में िाि चांिन का पाउडर मनम्न मांि बोिकर आठ मां गिवार शुक् पक्ष को डािें । इससे िन जु डने िगेगा। ऊाँ महाभोगप्रिे िे मव महाकाम प्रपूररते। सुखमोक्षप्रिे िे मव िनिायै नमोSस्तु ते।। 103 मां गिवार को 11 पीपि के पत्ते िे कर उन पर िाि चांिन से राम-राम मिखें। बजरां ग बार् का पाठ 11 बार पढ़ें । ब्रह्मचायण व पमविता का पूर्ण पािन करें । कजाण उतारने की हनु मान जी से प्राथण ना करें । 11 पीपि के पत्ते हनु मान जी के मां मिर चढ़ा िें । यह प्रयोग 11 मां गिवार भखि भाव से करें । हनु मान जी की कृपा से कजाण तुरांत उतरता है । 104 गर्ेश जी को बुिवार मसांिूर, मोिक व श्वे ताकण बहुत पसांि है । अकण व मिार के वृक्ष में गर्ेश जी का आवास माना जाता है । श्वे ताकण गर्पमत में साक्षात गौरर पुि गर्ेश का मनवास है । एक मािा मनम्न मां ि से जाप कर मसांिूर चढ़ाने से कजाण िू र होता है। शिु शाां त होते हैं । 105 12 रमववार गायिी मांि का 108 बार जाप कर एक मािा हवन करने से भगवान आमित्य की कृपा से रोगोां का नाश होता है। हवन में प्रयुि ईाँटोां का इस्तेमाि यमि अपने मकान बनवाने में करे तो भवन के समस्त वास्तु िोष नष्ट होते हैं । 106 नर व नारायर् िमक्षर्ावती शांख में बासमती चावि भरकर चाां िी के मसक्के डािकर एक मािा बाां िकर मतजोरी में रखने से िररद्रता का नाश होता है। िन व समृ खद्ध िोनोां प्राप्त होते हैं । ऊाँ श्री िक्ष्मी सहोिराय नम:। 107 प्रात: व सायांकाि घर में पूजा करके आरती अवश्य करनी चामहए। आरती करते समय िूप व िीपक अवश्य जिाना चामहए। शां ख ध्वमन कटने से रोग, शिु व कजाण सभी समाप्त हो जाते हैं । िक्ष्मी व यश-कीमतण की मनरां तर वृखद्ध होती है । 108 नाररयि यमि एक आां ख का ममि जाये तो आप पर माां िक्ष्मी मवशेष मे हरबान है ऐसा
समझना चामहए। अकसर िो आां खोां व एक मुां ह वािा अथाण त तीन आां खोां जै सा नाररयि ममिता है । यमि एक आां ख व एक मुां ह वािा नाररयि ममिे तो रोज मनम्न मांि पढ़कर मसांिूर व चाां िी के वकण करे चढ़ाना चामहए। िररद्रता, अपयश व कजाण िू र होता हैं । मांि श्रीां एकाक्षी नाररकेि समृ खद्ध िे मह िे मह स्वाहा।। और पढ़ें : http://mirchifacts.com/panditji-ke-chamatkarik-totke/189.html