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साबर साधनाओ के गु सूऽ: ***नव नाथ क धूना*** दल 5 साधनाएं ु भ भुत ूेत के अचानक हमलो से बचाव का मंऽ "वधान हम अ9छC बुर& सभी साधनाए करते रहते है .. कभी कभी अपना साधना ह& हमे काट ने को दौड़ता है ..वोह इस िलए IयJके हमने कोई गलती कर -दया होगा ...
जय जय तारा। जय वाम गु वाम॥
***साबर साधना*** यहा म यादा कुछ "वशेस बोलना नह& चाहता बस सीधा "विध पर *यान लगा रहा हु .. साबर
साधना म कहते
है क -कसी गु क आवःयकता नह&ं
रहती -फर भी साधना म गु क भूिमका तोह मह3वपूण5 है ह& .. साबर
साधना म गु6गल क धुप क ूयोग ह& अ9छा माना जाता
है .. माला कोई भी .. शु; वातावरण .. शु; मन म<ःतंक से .. शु; आचार "वचार .. शु; व> .. -दशा यादातर उ@र .. समय
ॄBा मुहूत5 या महा िनशा ..
धन ूाि के िलए स पं थ युK "ऽश"K साधना धन ूाि के िलए स पं थ युK "ऽश"K साधना धन ... यह -कसे नह&ंचा-हए .. मुझे Iया दे वताओ को भी जरत होता है ... इ... sulemani kritya sadhna ----------- जय जय तारा .. जय वाम ..गु वाम .. आज आप सबके सामने एक बहुत ह& तीआण सुलेमानी कृ 3या क "वधान ःपःट करने जा रहा हु ... ... ितो ई9छा पुित5 धुमावती साधनितो ई9छा पुित5 धुमावती साधनधूमावती साधना एक सफल अनुभूत और तीो ूभाव युK ूयोग है .. यह केवल एक -दन क ह& साधना है औ... साबर साधनाओ के गु सूऽ: नव नाथ क धूनी साबर साधनाओ के गु सूऽ: ***नव नाथ क धूना*** जय जय तारा। जय वाम गु वाम॥ ***साबर साधना*** यहा म यादा कुछ "वशेस बो... यंऽ व ् माला म कैसे ूाण ूितRा करे उसका पूण5 "वधान यंऽ व ् माला म कैसे ूाण ूितRा करे उसका पूण5 "वधान जय माँ तारा .. हे माँ तारा तू आज अपने नील सरःवती Tप धर के मुझ... ।।कण5 "पशािचनी साधना का गूढ़ तVय ।। part 1 हे कण5 "पशािचनी दे वी आप भगवती क अनWय भK होने के नाते मै आप को साXांग ूणाम करता हूँ ... *** कण5
अित "विशR गोपनीय ौी नील सरःवती दे वी क साधना अित "विशR गोपनीय ौी नील सरःवती दे वी क साधना जय माँ तारा ... हे माँ तू मुझे आज इतनी श"K दे ता-क मै ... ौाप एक अ"वZनीय तVय part 1 ौाप एक अ"वZनीय तVय part 1 आज मै आप को जो बताने जा रहा हूँ वोह एक अित मह3वपूण5 "वषय है <जसके "वषय म साधको को \ात होना अित... धूॆ माग5 दे व माग5 *****धूमर माग5***** दादा गु म3ःयेWि नाथ जी को आदे श आदे श ... यह लेख परम पूय ौी नाथ जी क ौी चरणJ म अर्...
Blog Archive ▼ 2013 (26) ► October (1) ▼ June (2) साबर साधनाओ के गु सूऽ: नव नाथ क धूनी यंऽ व ् माला म कैसे ूाण ूितRा करे उसका पू... ► May (8) ► April (15)
-दशा बांधने का मं ऽ||ॐ वळ बोधाय महा दWताय दश -दशJ बं ध बं ध हुं फट ःवाहा|| अब एक आसनी "वछा के उसके उपर एक बजोट धरे
बजोट के
ऊपर एक थाली .. थाली क ऊपर नौ पान क प@े .. और प@े क उपर नौ द&पक .. "बच म एक गोल पाऽ <जसमे धुनी जलाया जा सके ..
ठCक
वैसा ह& ...
पान के प@े पे एक एक सुपार& लॉWग इलाइची पतासे और एक Tपया का िसIका रखे ड&।। द&पक म घी या मीठा तेल डाल करब@ी लगा के रIखे।।।बीच म धुनी जलादे वK यह मं ऽ पड़े ..
और धुनी जलाते
धुनी मं ऽ||धुनी धरे . धुआंकरे ; तोह नव नाथ पधारे जो नाथ ना पधारे तोह िशव क जटा टू ट भूिम म पड़े अदे श आदे श नव नाथJ को आदे श|| अब नौ द&पक को एक एक iोक पढ़ते हुए एक एक कर जलायेiोक 1. आ-दनाथ आकाश सम ;सूआम Tप ॐकार ..ितन लोक म हो रहा .अपनी जय जय कार .. iोक 2. उदय नाथ तुम पाव5ती; ूाण नाथ भी आप ..धरती Tप सु जािनए िमटे "ऽ"बध भव ताप .. iोक 3. स3य नाथ है सृ"X पित ;<जनका है जल Tप ..नमन करत है आपको स चराचर के भूप ..
iोक 4. "वंणु तो सं तोष नाथ खांड़ा खड़ग ःवTप ..राज सम -दjय तेज है ितन लोक का भूप .. iोक 5 . शेष Tप है आपका ,अचल अचkभे नाथ ..आ-द नाथ के आप "ूय सदा रहे उन साथ .. iोक 6. गज-वली गज के Tप है .गण पित कWथभ नाथ ..दे वो म है अम तम सब ह& जोड़े हाथ .. iोक 7. \ान पारखी िस; है ,चWि चौरंगी नाथ .<जनका वन-पित Tप है उWह नामाऊ माथ .. iोक 8. माया Tपी आप है .दादा मmWि नाथ .रखूंचरण म आपके ,करो कृ पा मम माथ .. iोक 9. िशव गोरn िशव Tप है ,घट-घट <जनका वास ,योित Tप म आपने -कया योग ूकाश .. अब ् आप धुनी और द&पकJ को जला चुके है .. अब ् नव नाथ ःवप का *यान करे ... नव नाथ *यान मं ऽ||अ-द नाथ सदा िशव है <जनका आकाश Tप,, उदय नाथ पाव5ती पृVवी Tप जािनए .. स3य नाथ ॄBा जी जल Tप जािनए .. "वंणु सं तोष नाथ ितनका Tप मािनये .. अचल है अचkभे नाथ
<जनका है शेष Tप ..
गजवली IWथभ नाथ हःती Tप मािनये .. \ान पारखी जो िस; है वोह चौरंगी नाथ .. अठार भर वनःपित चWि Tप जािनए .. दादा गु ौी मछWि नाथ <जनका है माया Tप .. गु ौी गोरn नाथ योित Tप जािनए .. बाल है "ऽलोक नव-नाथ को नमन कTँ .. नाथ जी ये बाल को अपना ह& जािनए|| इस के बाद आप नव नाथJ को ूणाम कर जो भी साबर
जय माँ तारा .. हे माँ तारा तू आज अपने नील सरःवती Tप धर के मुझ पर अपनी कृ पा oXी बनाये रखना ता-क मै इस पोःट pारा पूण5 Tप से ूमा<णक "वधान मेरे िमऽो को उपलqध करवा सकू ...... जय माँ नील तारा ... मेरे परम िमऽो आप को तो शायद यह \ात ह& होगा क अना-द काल से साधना nेऽ म यं ऽो का उपयोग होता आ रहा है और होता रहे गा ... आज इस बत5मान म लाखो यं ऽ िमल जायगे ौीयंऽ से शुT करके नवमह यं ऽ तक .. दे वी दे वताओ के यंऽ से लेकर भुत "पशाच तक के यं ऽ उपलqध है बाजार म ....इन यं ऽो क मह3व -कतना है यह तोह मुझे नह&ंपता .. पर साधना nेऽ म यं ऽो क आवःयकता तोह शुT से ह& था .. IयJके यं ऽ उस दे व वग5 का साnात ् ःवप होता है .. और इन यं ऽो पर साधना करना अितउ@म भी माना गया है .. परWतु -कसी भी यंऽ पर साधना शुT करने से पहले आप को कुछ बाते पता होना अवँयक ह& नह&ंअिनवा5य5 भी है ... 1 यं ऽ सुभ मुहूत5 म सु; पsर<ःथित म बनाया गया है या नह&ं... 2 यं ऽ पूण5 Tप से ूाणूित"Rत है या नह&ं... 3 Iया उस यं ऽ का ौाप उ;ार -कया गया है ? IयJ-क अिधकांस दे व वग5 -कसी न -कसी कारन से ौा"पत है .... जब तक इन दे व वग5 का उ;ार -बया ना क जाय तब तक वेह पूण5 Tप से आप पर कृ पा भी नह&ंकर सकते IयJ-क जो खुद शा"पत है वोह भला कैसे ..? 4 Iया यं ऽ का अमृत अिभषेक करवाके यं ऽ को पूण5 Tप से चैतWय जी"वत जामत अमर -कया गया है या नह&ं.. ? गुदे व क कृ पा से मुझे जो चार यं ऽ का "वधान ूा हुआ है उसे आप सबके सामने ूःतुत कर रहा हूँ ... 1 दे वी श"K क साधना हे तु ...अथा5त समःत दे "वओ हे तु तारा से लेकर कमला तक ..
2 दे वताओ हे तु .. िशव "वंणु से शुT करके यमराज क भी साधना इस यWऽ पर सkपWन कर सकते है ..
3 िशव श"K सायुय साधना हे तु अथा5त <जस साधना म दे व वग5 और दे वी मंऽ
4 भुत ूेत "पशाच यn यIशनी योिगनी अtसरा गंधव5 जैसे दास वग5 हे तु ..
वैसे तोह इस यं ऽ को चौसठ योिगनी यं ऽ कहा जाता है पर मuने इसी यWऽ पर बहुत से साधना सkपWन करवाया है ओर ् ःवम ् -कया भी हूँ .. इसी िलए म पूण5 "वZास के साथ कह सकता हूँ क इस यंऽ पर समःत साधना क जा सकती है ... चार माला 1 िाn क <जन पर समःत साधना सkपWन क जा सकती है बगला व ् "वंणु ..व ् "वंणु अवतारJ को छोड़ कर .. 2 हvद& माला व ् "पला ह-कक माला ...बागला जी क अनुRान हे तु .. 3 कमल गwटे क या ःफ-टक माला लआमी साधना हे तु .. 4 तुलसी माला "वंणु और उनके अवतारJ क साधना हे तु .. िमऽो आप लोग एक बात हमेशा याद र<खयेगा क अगर आप अपने ःवम ् के हातो से िनिम5त ूाणूित"Rत चैतWय यं ऽ पर "वःवास नह&ंकर पाय तोह आप दस ु रे जगह से मंगाए गए यWऽ पर भी पूण5 "वZास नह&ं कर पाएंगे .. और पैसे के साथ समय का भी बबा5द& िन लाल ःवेत या -फर सु; जो भी उपलqध हो .. आसनी िस; या पy .. ितन अिभषेक पाऽ .. पुंप दब ु ा5 अnत चWदन कुंकुम धुप ब@ी ..
सव5 ूथम गु गणेश भैरव िशव श"K पूजन पाथ5ना व ् आ\ा ले .. -फर हात म जल लेके संकvप करे .. "वधान .... ितन पाऽो म से एक म सु; जल हात धोने के िलए .. एक म चWदन कुंकुम िमिौत .. एक के जल म अमृत अवाहन करे पाऽ के ऊपर दा-हना हात रIखे िनkन मंऽ क 11 बार उ9चारण करे .. ।। ॐ अमृते अिॆतोzवे
अमृतव"ष5णी अमृतंआकष5य
3वं िस"; दे -ह
ःवाहा।।
अब आप बजोट के ऊपर व> "बछाके उस पर भोज पऽ म यWऽ क रचना करे .. यWऽ बनाने के बाद आप बजोट पर एक ताॆ पाऽ ःथापत करे व ् उसके ऊपर यWऽ को पुनः ःथा"पत करे .. सबसे पहले यWऽ क सं
अब आप अपना बायाँ हात ॑दय के ऊपर रख के दा-हने हात म दब ु ा5 को शुकर& या मृगी मुिा से पकड़ के
दव ू ा5 को पास म रख दे व ् हात धो ली<जये अब आप िनkन मंऽ के उ9चारण के साथ 21 बार अnत चढ़ाये .. ।। ॐ ॐ ॐ ॑&ं >ींबं ॐ ॐ ॐ।। हात धो ली<जये और अब आप <जस पाऽ के जल म अमृत अवाहन -कया उस पाऽ म दब ु ा5 को डु बो डु बो कर िनkन मंऽ के साथ यWऽ पर21 बार छCंटे दे ... ।।ह हं सः संजीवनी जूंजीवंूानमंिथःथंकु कु ःवाहा।। अब आप
इसके बाद आप हात म फुल लेके िनkन iोक के साथ यWऽ पर अप5ण क<जये ..
।।नाना सुगंध पुंपा<ण यथा कालोद भवानी च पुंपं जिलरमया
द@ं गृहान
परमेZर&/परमेZरा।।
अब आप दोनJ हात जोड़ कर पाथ5ना करे ... ।।आहवानां ना जानािम न जानािम "वसज5नम पूजांचैव न जानािम nkयतां परमेZर&/परमेZरा .. मंऽ -हनं-बया -हनंभ"K -हनंसुरेZsर/सुरेZर .. यत पू<जतंमया दे वी/दे व पsरपूण तदःतु मे।। आप का यं ऽ
पूण5 Tप से ूाण ूित"Rत ौाप मुK चैतWय हो चूका है ..
गु मWऽ या इःट मWऽ का एक माला जप करके गुदे व के ौी चरणJम कुछ पुंप लेके मन ह& मन उनसे सभी ऽु-टयो के िलए nमा मांगते हुए "विध को पूण5 करने क पाथ5ना के साथ चढ़ा द&<जये ... बमश ...