परम्परा से प्राप्त इस दुर्लभ ग्रंथ का शुद्ध रूप से कम्प्युटरीकृत कर के प्रकाशित किया जा रहा है। इस ग्रंथ केशब्दों का अर्थ अति गूढ है,इसकी विमर्शिका शीघ्र ही लोकार्पित की जयेगी। प्रस्तोता:- भगवत...
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Narayan dutt shrimaliFull description
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Ugra-Tara-Pratyangira-KavachamFull description
Shri Pratyangira Kavcham by Gurudev Shri Raj verma ji. प्रत्यंगिरा देवी भगवती काली का ही प्रचण्ड स्वरुप हैं। इनकी उपासना से रोग-दोष,परप्रयोग,शत्रुदोष,ग्रहदोष आदि दुःख समाप्त होते है।कवच को विधिपूर...
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Pratyangira devi poojaFull description
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Case Study- Harishankar Bagla v. State of Madhya Pradesh
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दल ु र भ बगला प्रत्यं ि गरा कवच
सभी भाइयो ने पूज्य सदगुरुदेव की सुप्रिसद और अदत ु ग्रन्थ 'श्मशान भैरवी' मे मृगाक्षी द्वारा िकया गया िछिन्नमस्ता-प्रत्यंिगरा तो याद िकया ही होगा और कई भाइयो के मनमे इश दल ु र भ प्रयोग को िसद करने की लालशा भी जागृत हु वी होगी....यहाँ पर िछिन्नमस्ता की उस प्रत्यंिगरा कवच तो नही दे रहा हू ँ (अत्यंत ही िवनाशक होने के कारण और इसका Misuse होने की chances बहु त है ) पर वैसा ही प्रयोग बगला-प्रत्यंिगरा दे रहा हू ँ िजससे की हर व्यिक इस दल ु र भ की अगर कही व्यापार हो तो पूणर प्रितकार कर सके...पर यह प्रयोग भी अत्यंत ही उग्र है...तसथर सभी साधको को िनवेदन करता हू ँ की अपनी सूझ-बूझ और िववेक से इस प्रयोग को संपन्न करे और करने से पूवर पूज्य गुरुदेव को सूिचत करे।
इस प्रयोग को करने से पूवर भगवान् िशव की इस वाणी को अपने मनमे अवश्य गाढ़ले ... “मूखे ण तु कृ ते तं त्र े स्विन्स्मन्नेव समापते त ् ।
तस्माद्रक्ष्यः सदात्मा वै प्रत्यिङ्गिरा नक्विचच्चरेत ।। न दे यं तस्य मुख ारण ां यः सं प ूणर कु ल िवनाश कारणं कथनम् मम नान्यथा ।।“ अथारत मूखो द्वारा प्रत्यंिगरा का प्रयोग करने से उस पर ही उलटा प्रभाव होता है और यह पूणरतः िनिन्श्चत होता है। अतः स्वाथर और लोभादी से ग्रिसत मुखर को कभी भी इन प्रयोगो से मजाक नही करना चािहए। इससे ना केवल अपना बिन्ल्क पुरे कुल का समूल िवनाश होता है और मेरे इस कथन मे संसय न करो। 1) िविनयोगअस्य श्री बगलाप्रत्यंिगरामन्त्रस्य नारद ऋषिषिस्त्रिस्त्रिषु प छिन्दः प्रत्यंिगरा देवता ह्ली बीजं, हू ं शिकः ह्री कीलकम् ह्ली ह्ली ह्ली प्रत्यंिगरा मम शत्रुिवनाशे िविनयोगः ।
2)मं त्र ||ॐ प्रत्यं ि गरायै नमः प्रत्यांि गरे सकलकामान् साधय मम रक्षा कु र कु र सवारन ्