कु छ उपयोगी टोटके 1. शतु शमन के िलए :
साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने िमलाकर िकसी गडे मे दबा दे और ऊपर से नीबू िनचोड़ दे। नीबू िनचोड़ते समय शतु का नाम लेते रहे, उसका शमन होगा और वह आपके िवरद कोई कदम नही उठाएगा। 2. अकारण परेश ान करने वाले वयिक से शीघ छु टकारा पाने के िलए :
यिद कोई वयिक बगैर िकसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच िकया काल मे शौचालय मे बैठे-बैठे वही के पानी से उस वयिक का नाम िलखे और बाहर िनकलने से पूवर जहां पानी से नाम िलखा था, उस सथान पर अप बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारे। धयान रहे, यह पयोग सवाथर वश न करे, अनयथा हािन हो सकती है।
3. शतुओ ं का नाश करे- बगुल ामुख ी यंत आज लोग अपनी िवफलता से दख ु ी नही, बिलक पड़ोसी की सफलता से दख ु ी है। ऐसे मे उन लोगो को सफलता देने के िलए माताओं मे माता बगलामुखी (वालगामुखी) मानव कलयाण के िलये किलयुग मे पतयक फल पदान करती रही है। आज इनही माता, जो दषु ो का संहार करती है। अशुभ समय का िनवारण कर नई चेतना का संचार करती है। ऐसी माता के बारे मे मै अपनी अलप बुिद से आपकी पसनता के िलए इनकी सेवा आराधना पर कुछ कहने का साहस कर रहा हू ।ं मुझे आशा ही नही वरन पूणर िवशवास है िक मै माता वालगामुखी (बगलामुखी) की जो बाते आपसे कह रहा हू ं अगर आप उसका तिनक भी अनुसरण करते है तो माता आप पर कृपा जरर करेगी, लेिकन पाठक भाइयो धयान रहे। इनकी साधना अथवा पाथर ना मे आपकी शदा और िवशवास असीम हो तभी मां की शुभ दिष आप पर पड़ेगी। इनकी आराधना करके आप जीवन मे जो चाहे जैसा चाहे वैसा कर सकते है। सामानयत: आजकल इनकी सवारिधक आराधना राजनेता लोग चुनाव जीतने और अपने शतुओं को परासत करने मे अनुषान सवरप करवाते है। इनकी आराधना करने वाला शतु से कभी परासत नही हो सकता, वरन उसे मनमाना कष पहु च ं सकता है। वषर 2004 के चुनाव मे तो कई राजनेताओं िजनका नाम लेना उिचत नही है ने माता बगलामुखी की आराधना करके (पंिडतो दारा) चुनाव भी जीते और अचछे मंतालय भी पाप िकये। माता की यही आराधना युद, वाद-िववाद मुकदमे मे सफलता, शतुओं का नाश, मारण, मोहन, उचचाटन, सतमभन, देवसतमभन, आकषर ण कलह, शतुसतभन, रोगनाश, कायर िसिद, वशीकरण वयापार मे बाधा िनवारण, दक ु ान बाधना, कोख बाधना, शतु वाणी रोधक आिद कायो ं की बाधा दरू करने और बाधा पैदा करने दोनो मे की जाती है। साधक अपनी इचछानुसार माता को पसन करके इनका आशीवारद पाप कर सकता है। जैसा िक पूवर मे उलेख िकया जा चुका है िक माता शदा और िवशवास से आराधना (साधना) करने पर अवशय पसन होगी, लेिकन धयान रहे इनकी आराधना (अनुषान) करते समय बहचयर परमावशयक है।
गृहसथ भाइयो के िलये मै माता की आराधना का सरल उपाय बता रहा हू ।ं आप इसे करके शीघ फल पाप कर सकते है। िकसी भी देवी-देवता का अनुषान (साधना) आरमभ करने बैठे तो सवर पथम शुभ मुहूरत, शुभ िदन, शुभ सथान, सवचछ वस, नये ताम पूजा पात, िबना िकसी छल कपट के शांत िचत, भोले भाव से यथाशिक यथा सामगी, बहचयर के पालन की पितजा कर यह साधना आरमभ कर सकते है। याद रहे अगर आप अित िनधर न हो तो केवल पीले पुषप, पीले वस, हलदी की 108 दाने की माला और दीप जलाकर माता की पितमा, यंत आिद रखकर शुद आसन कमबल, कुशा या मृगचयर जो भी हो उस पर बैठकर माता की आराधना कर आशीवारद पाप कर सकते है। माता बगलामुखी की आराधना के िलये जब सामगी आिद इकटा करके शुद आसन पर बैठे (उतर मुख) तो दो बातो का धयान रखे, पहला तो यह िक िसदासन या पदासन हो, जप करते समय पैर के तलुओं और गुह सथानो को न छुएं शरीर गला और िसर सम िसथत होना चािहए। इसके पशचात गंगाजल से िछड़काव कर (सवयं पर) यह मंत पढे- अपिवत: पिवतो वा सवारवसथाङतोऽिपवा, य: समरेत, पुणडरी काकं स बाह अभयांतर: शुिच:। उसके बाद इस मंत से दािहने हाथ से आचमन करे-ऊं केशवाय नम:, ऊं नारायणाय नम:, ऊं माधवाय नम:। अनत मे ऊं हषीकेशाय नम: कहके हाथ धो लेना चािहये। इसके बाद गायती मंत पढते हु ए तीन बार पाणायाम करे। चोटी बांधे और ितलक लगाये। अब पूजा दीप पजजविलत करे। िफर िवघनिवनाशक गणपित का धयान करे। याद रहे धयान अथवा मंत समबंिधत देवी-देवता का टेलीफोन नंबर है। जैसे ही आप मंत का उचचारण करेगे, उस देवी-देवता के पास आपकी पुकार तुरत ं पहु च ं जायेगी। इसिलये मंत शुद पढऩा चािहये। मंत का शुद उचचारण न होने पर कोई फल नही िमलेगा, बिलक नुकसान ही होगा। इसीिलए उचचारण पर िवशेष धयान रखे। अब आप गणेश जी के बाद सभी देवी-देवािद कुल, वासतु, नवगह और ईष देवी-देवतािद को पणाम कर आशीवारद लेते हु ए कष का िनवारण कर शतुओं का संहार करने वाली वालगा (बंगलामुखी) का िविनयोग मंत दािहने हाथ मे जल लेकर पढे -ऊं असय शी बगलामुखी मंतसय नारद ऋिष: ितषु पछनद: बगलामुखी देवता, हीबीजम् सवाहा शिक: ममाभीष िसधयथे जपे िविनयोग: (जल नीचे िगरा दे)। अब माता का धयान करे, याद रहे सारी पूजा मे हलदी और पीला पुषप अिनवायर रप से होना चािहए। धयानमधये सुधािबध मिण मणडप रतन वेदां, िसंहासनो पिरगतां पिरपीत वणारम, पीतामबरा भरण मालय िवभूिषताडगी देवी भजािम धृत मुदगर वैिरिजहाम िजहाग मादाय करेण देवी, वामेन शतून पिरपीडयनतीम, गदािभघातेन च दिकणेन, पीतामबराढां िदभुजां नमािम॥ अपने हाथ मे पीले पुषप लेकर उपरोक धयान का शुद उचचारण करते हु ए माता का धयान करे। उसके बाद यह मंत जाप करे। साधक धयान दे, अगर पूजा मै िवसतार से कहू गं ा तो आप
भिमत हो सकते है। परंतु शदा-िवशवास से इतना ही करेगे िजतना कहा जा रहा है तो भी उतना ही लाभ िमलेगा। जैसे िवषणुसहस नाम का पाठ करने से जो फल िमलता है वही ऊं नमोऽभगवते वासुदेवाय से, यहां मै इसिलये इसका िजक कर रहा हू ं तािक आपके मन मे कोई संशय न रहे। राम कहना भी उतना ही फल देगा। अत: थोड़े मंतो के िदये जाने से कोई संशय न करे। अब िजसका आपको इंतजार था उन माता बगलामुखी के मंत को आपके समक पसतुत कर रहा हू ।ं मंत है : ऊं ही बगलामुिख! सवर दषु ानां वाचं मुखं पदं सतमभय सतमभय िजहां कीलय कीलय बुिदं िवनाशय ही ऊंसवाहा। इस मंत का जाप पीली हलदी की गांठ की माता से करे। आप चाहे तो इसी मंत से माता की षोडशोपचार िविध से पूजा भी कर सकते है। आपको कम से कम पांच बाते पूजा मे अवशय धयान रखनी है-1. बहचयर , 2. शुद और सवचछ आसन 3. गणेश नमसकार और घी का दीपक 4. धयान और शुद मंत का उचचारण 5. पीले वस पहनना और पीली हलदी की माला से जाप करना। आप कहेगे मै बार-बार यही सावधानी बता रहा हू ।ं तो मै कहू गं ा इससे गलती करोगे तो माता शायद ही कमा करे। इसिलये जो आपके वश मे है, उसमे आप फेल न हो। बाकी का काम मां पर छोड़ दे। इतनी सी बाते आपकी कामयाबी के िलये काफी है। अिधकािरयो को वश मे करने अथवा शतुओं दारा अपने पर हो रहे अतयाचार को रोकने के िलए यह अनुषान पयारप है। ितल और चावल मे दध ू िमलाकर माता का हवन करने से शी पािप होती हैैै और दिरदता दरू भागती है। गूगल और ितल से हवन करने से कारागार से मुिक िमलती है। अगर वशीकरण करना हो तो उतर की ओर मुख करके और धन पािप के िलए पिशचम की ओर मुख करके हवन करना चािहए। अनुभूत पयोग कुछ इस पकार है। मधु, शहद, चीनी, दवू ार, गुरच और धान के लावा से हवन करने से समसत रोग शानत हो जाते है। िगद और कौए के पंख को सरसो के तेल मे िमलाकर िचता पर हवन करने से शतु तबाह हो जाते है। भगवान िशव के मिनदर मे बैठकर सवा लाख जाप िफर दशांश हवन करे तो सारे कायर िसद हो जाते है। मधु घी, शककर और नमक से हवन आकषर ण (वशीकरण) के िलए पयोग कर सकते है। इसके अितिरक भी बड़े पयोग है िकनतु इसका कही गलत पयोग न कर िदया जाए जो समाज के िलए िहतकारी न हो इसिलये देना उिचत नही है। अत: आप सवयं के कलयाण के िलए माता की आराधना कर लाभ उठा सकते है। यहां संिकप िविध इसिलये दी गई है िक सामानय पाणी भी माता की आराधना कर लाभािनवत हो सके। यह गृहसथ भाइयो के िलए भी पयारप है। 4. नजर उतारने के पाचीन उपाय 1. नमक, राई, राल, लहसुन, पयाज के सूखे िछलके व सूखी िमचर अंगारे पर डालकर उस आग को रोगी के ऊपर सात बार घुमाने से बुरी नजर का दोष िमटता है। 2. शिनवार के िदन हनुमान मंिदर मे जाकर पेमपूवरक हनुमान जी की आराधना कर उनके कंधे पर से िसंदरू लाकर नजर लगे हु ए वयिक के माथे पर लगाने से बुरी नजर का पभाव कम
होता है। 3. खाने के समय भी िकसी वयिक को नजर लग जाती है। ऐसे समय इमली की तीन छोटी डािलयो को लेकर आग मे जलाकर नजर लगे वयिक के माथे पर से सात बार घुमाकर पानी मे बुझा देते है और उस पानी को रोगी को िपलाने से नजर दोष दरू होता है। 4. कई बार हम देखते है, भोजन मे नजर लग जाती है। तब तैयार भोजन मे से थोड़ा-थोड़ा एक पते पर लेकर उस पर गुलाब िछड़ककर रासते मे रख दे। िफर बाद मे सभी खाना खाएँ । नजर उतर जाएगी। 5. नजर लगे वयिक को पान मे गुलाब की सात पंखिु ड़याँ रखकर िखलाए। नजर लगा हु आ वयिक इष देव का नाम लेकर पान खाए। बुरी नजर का पभाव दरू हो जाएगा। 6. लाल िमचर , अजवाइन और पीली सरसो को िमटटी के एक छोटे बतर न मे आग लेकर जलाएँ । िैफर उसकी धूप नजर लगे बचचे को दे। िकसी पकार की नजर हो ठीक हो जाएगी।
नज़र बाधा
1. आप अपने नए मकान को बुर ी नजर से बचाना चाहते है तो मुखय दार की चौखट पर काले धागे से पीली कौड़ी बांधकर लटकाने से समसत ऊपरी बाधाओं से मुिक िमलती है। 2. यिद आपने कोई नया वाहन खरीदा है और आप इस बात से परेशान है िक कुछ न कुछ रोज वाहन मे गड़बड़ी हो जाती है। यिद गड़बड़ी नही होती तो दघ ु र टना मे चोट-चपेट लग जाती है और बेकार के खचर से सारी अथर -वयवसथा चौपट हो जाती है। अपने वाहन पर काले धागे से पीली कौड़ी बांधने से आप इस बुरी नजर से बच सकेगे, करके परेशानी से मुक हो जाएं । 3. यिद आपके घर पर रोज कोई न कोई आपदा आ रही है। आप इस बात को लेकर परेशान है िक कही िकसी ने कु छ कर तो नही िदया। ऐसे मे आपको चािहए िक एक नािरयल को काले कपड़े मे िसल कर घर के बाहर लटका दे। 4. िमचर , राई व नमक को पीिड़त वयिक के िसर से वार कर आग मे जला दे। चंदमा जब राहु से पीिड़त होता है तब नजर लगती है। िमचर मंगल का, राई शिन का और नमक राहु का पतीक है। इन तीनो को आग (मंगल का पतीक) मे डालने से नजर दोष दरू हो जाता है। यिद इन तीनो को जलाने पर तीखी गंध न आए तो नजर दोष समझना चािहए। यिद आए तो अनय उपाय करने चािहए। टोटका तीन-यिद आपके बचचे को नजर लग गई है और हर वक परेशान व बीमार रहता है तो लाल साबुत िमचर को बचचे के ऊपर से तीन बार वार कर जलती आग मे डालने से नजर उतर जाएगी और िमचर का धचका भी नही लगेगा।
5. यिद कोई वयिक बुरी नजर से परेशान है तो िक शिनवार के िदन कचचा दध ू उसके ऊपर से सात बार वारकर कुते को िपला देने से बुरी नजर का पभाव दरू हो जाता है। 6. यिद कोई वयिक बुरी नजर से परेशान है तो िक मंगलवार के िदन हनुमान मंिदर जाकर उनके कनधे से िसनदरु लेकर नजर लगे वयिक के माथे पर यह सोचकर ितलक कर दे िक यह नजर दोष से मुक हो गया है।
िदमाग से पािरवािरक िचनता हटाने का टोटका, नजर लगना
अिधकतर पािरवािरक कारणो से िदमाग बहु त ही उतेज ना मे आ जाता है,पिरवार की िकसी समसया से या लेन देन से,अथवा िकसी िरशते-नाते को लेकर िदमाग एक दम उदेिलत होने लगता है,ऐसा लगने लगता है िक िदमाग फ़ट पडेगा,इसका एक अनुभूत टोटका है िक जैसे ही टेशन हो एक लोटे मे या जग मे पानी लेकर उसके अनदर चार लालिमचर के बीज डालकर अपने ऊपर सात बार उबारा (उसारा) करने के बाद घर के बाहर सडक पर फ़ेक दीिजये,फ़ौरन आराम िमल जायेगा। . 7. यिद आपके बचचे को बार-बार नजर लग जाती है तो आपको चािहए िक आप उसके गले मे रीठे का एक फल काले धागे मे उसके गले मे पहना दे। 8. यिद आप नजर दोष से मुक होना चाहते है तो सूती कोरे कपड़े को सात बार वार कर सीधी टांग के नीचे से िनकालकर आग मे झोक दे। यिद नजर होगी तो कपड़ा जल जाएगा व जलने की बदबू भी नही आएगी। यह पयोग बुधवार एवं शिनवार को ही कर सकते है। 9. टोटका नौ-यिद कोई बचचा नजर दोष से बीमार रहता है और उसका समसत िवकास रक गया है तो िफटकरी एवं सरसो को बचचे पर से सात बार वारकर चूलहे पर झोक देने से नजर उतर जाती है। यिद यह सुबह, दोपहर एवं सायं तीनो समय करे तो एक ही िदन मे नजर दोष दरू हो जाता है।
मानिसक परेश ानी द ूर करने के िलए : रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करे ! पतयेक शिनवार को शिन को तेल चढाये ! अपनी पहनी हु ई एक जोडी चपपल िकसी गरीब को एक बार दान करे !
घर से पराशिकयो को हटाने का टोटका
एक कांच के िगलास मे पानी मे नमक िमलाकर घर के नैऋतय के कोने मे रख दीिजए, और बलब के पीछे लाल रंग का एक बलब लगा दीिजए,जब भी पानी सूख जाये तो उस िगलास को िफ़र से साफ़ करने के बाद नमक िमलाकर पानी भर दीिजए।
वयिकगत बाधा िनवारण के िलए
वयिकगत बाधा के िलए एक मुटी िपसा हु आ नमक लेकर शाम को अपने िसर के ऊपर से तीन बार उतार ले और उसे दरवाजे के बाहर फेके। ऐसा तीन िदन लगातार करे। यिद आराम न िमले तो नमक को िसर के ऊपर वार कर शौचालय मे डालकर फलश चला दे। िनिशचत रप से लाभ िमलेगा। हमारी या हमारे पिरवार के िकसी भी सदसय की गह िसथित थोड़ी सी भी अनुकूल होगी तो हमे िनशचय ही इन उपायो से भरपूर लाभ िमलेगा।
बनता काम िबगडता हो, लाभ न हो रहा हो या कोई भी परेश ानी हो तो :
1. हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणो मे बदाना (मीठी बूंदी) चढा कर उसी पशाद को मंिदर के बाहर गरीबो मे बांट दे !
2. वयापार, िववाह या िकसी भी कायर के करने मे बार-बार असफलता िमल रही हो तो यह टोटका करे- सरसो के तेल मे िसंके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार (आक) के पुषप, िसंदरू , आटे से तैयार सरसो के तैल का रई की बती से जलता दीपक, पतल या अरणडी के पते पर रखकर शिनवार की राित मे िकसी चौराहे पर रखे और कहे -“हे मेरे दभ ु ारगय तुझे यही छोड़े जा रहा हू ँ कृपा करके मेरा पीछा ना करना। सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखे।
िकसी रोग से गिसत होने पर :
1. सोते समय अपना िसरहाना पूवर की ओर रखे ! अपने सोने के कमरे मे एक कटोरी मे सेधा नमक के कुछ टु कडे रखे ! सेहत ठीक रहेगी ! 2. एक रपये का िसकका रात को िसरहाने मे रख कर सोएं और सुबह उठकर उसे शमशान के
आसपास फेक दे, रोग से मुिक िमल जाएगी।
लगातार बुख ार आने पर
1. यिद िकसी को लगातार बुख ार आ रहा हो और कोई भी दवा असर न कर रही हो तो आक की जड लेकर उसे िकसी कपडे मे कस कर बांध ले! िफर उस कपडे को रोगी के कान से बांध दे ! बुखार उतर जायगा ! 2. बचचे के उतम सवासथय व दीघारयु के िलए : एक काला रेशमी डोरा ले ! “ऊं नमोः भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करते हु ए उस डोरे मे थोडी थोडी दरू ी पर सात गांठे लगाये ! उस डोरे को बचचे के गले या कमर मे बांध दे ! 4. पतयेक मंगलवार को बचचे के िसर पर से कचचा दध ू 11 बार वार कर िकसी जंगली कुते को शाम के समय िपला दे ! बचचा दीघारयु होगा ! 5. यिद िकसी को टायफाईड हो गया हो तो उसे पितिदन एक नािरयल पानी िपलाये ! कुछ ही िदनो मे आराम हो जायगा !
6॰ िसनदरू लगे हनुमान जी की मूितर का िसनदरू लेकर सीता जी के चरणो मे लगाएँ । िफर माता सीता से एक शवास मे अपनी कामना िनवेिदत कर भिक पूवरक पणाम कर वापस आ जाएँ । इस पकार कुछ िदन करने पर सभी पकार की बाधाओं का िनवारण होता है।
रोगी को ठीक करने के िलए :- कृषण पक मे अमावसया की रात को 12 बजे नहा-धोकर नीले रंग के वस गहण करे। आसन पर नीला कपड़ा िबछाकर पूवर की ओर मुख करके बैठे। इसके पशचात चौमुखी दीपक (चार मुँह वाला जलाएँ । (िनमन सामगी पहले से इकटठी करके रख ले) नीला कपड़ा सवा गज – 4 मीटर चौमुखी िदए 40 नग, िमटटी की गड़वी 1 नग, सफेद कुशासन(कुश का आसन) 1 नग, बितयाँ 51 नग, छोटी इलायची 11 दाने, छुहारे (खारक) 5 नग, एक नीले कपड़े का रमाल, िदयासलाई, लौग 11 दाने, तेल सरसो 1 िकलो इत व शीशी गुलाब के फूल 5 नग, गेर का टु कड़ा, 1 लडडू और लडू के टु कड़े 11 नग। िविध - नीले कपड़े के चारो कोने मे लडडू, लौग, इलायची एवं छुहारे बाँध ले, िफर िमटटी के बतर न मे पानी भरकर, गुलाब के फूल भी वहाँ रख ले। िफर नीचे िलखा मंत पढे। मंत पढते समय लोहे की चीज (िदयासलाई) से अपने चारो ओर लकीर खीच ले। मंत इस पकार है। ऊँ अनुरािगनी मैथन िपये सवाहा। शुकलपके, जपे धावनताव दशयते जपेत्।। यह मंत चालीस िदन लगातार पढे, (सवा लाख बार) सुबह उठकर नदी के पानी मे अपनी छाया को देखे। जब मंत संपूणर हो जाएँ तो सारी सामगी (नीले कपड़े सिहत) पानी मे बहा दे। अब िजसको आप अपने वश मे करना चाहते है अथवा िजस िकसी रोगी का इलाज करना चाहते है, उसका नाम लेकर इस मंत को 1100 बार पढे, बस आपका काम हो जाएगा। ·
यिद घर के छोटे बचचे पीिड़त हो, तो मोर पंख को पूरा जलाकर उसकी राख बना ले और उस राख से बचचे को िनयिमत रप से ितलक लगाएं तथा थोड़ी-सी राख चटा दे।
बीमारी का पता नही चल पा रहा हो · यिद बीमारी का पता नही चल पा रहा हो और वयिक सवसथ भी नही हो पा रहा हो, तो सात पकार के अनाज एक-एक मुटी लेकर पानी मे उबाल कर छान ले। छने व उबले अनाज (बाकले) मे एक तोला िसंदरू की पुिड़या और ५० गाम ितल का तेल डाल कर कीकर (देसी बबूल) की जड़ मे डाले या िकसी भी रिववार को दोपहर १२ बजे भैरव सथल पर चढा दे।
बदन ददर हो, तो मंगलवार को हनुमान जी के चरणो मे िसकका चढाकर उसमे लगी िसंदरू का ितलक करे। पानी पीते समय यिद िगलास मे पानी बच जाए, तो उसे अनादर के साथ फेके नही, िगलास मे ही रहने दे। फेकने से मानिसक अशांित होगी कयोिक पानी चंदमा का कारक है।
ससुर ाल मे सुख ी रहने के िलए :
1- कनया अपने हाथ से हलदी की 7 साबुत गांठे, पीतल का एक टु कड़ा और थोड़ा-सा गुड़ ससुराल की तरफ फेके, ससुराल मे सुरिकत और सुखी रहेगी। 2- सवा पाव मेहद ं ी के तीन पैकेट (लगभग सौ गाम पित पैकेट) बनाएं और तीनो पैकेट लेकर काली मंिदर या शस धारण िकए हु ए िकसी देवी की मूितर वाले मंिदर मे जाएं । वहां दिकणा, पत, पुषप, फल, िमठाई, िसंदरू तथा वस के साथ मेहद ं ी के उक तीनो पैकेट चढा दे। िफर भगवती से कष िनवारण की पाथर ना करे और एक फल तथा मेहद ं ी के दो पैकेट वापस लेकर कुछ धन के साथ िकसी िभखािरन या अपने घर के आसपास सफाई करने वाली को दे। िफर उससे मेहद ं ी का एक पैकेट वापस ले ले और उसे घोलकर पीिड़त मिहला के हाथो एवं पैरो मे लगा दे। पीिड़ता की पीड़ा मेहद ं ी के रंग उतरने के साथ-साथ धीरे-धीरे समाप हो जाएगी।
पित-पतनी के बीच वै म नसयता को द रू करने हे त ु : 1. रात को सोते समय पतनी पित के तिकये मे िसंदरू की एक पुिड़या और पित पतनी के तिकये मे कपूर की २ िटिकयां रख दे। पातः होते ही िसंदरू की पुिड़या घर से बाहर फेक दे तथा कपूर को िनकाल कर उस कमरे जला दे।
पित को वश मे करने के िलए : 1- यह पयोग शुकल मे पक करना चािहए ! एक पान का पता ले ! उस पर चंदन और केसर का पाऊडर िमला कर रखे ! िफर दगु ार माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दगु ार सतुित मे से चँडी सोत का पाठ 43 िदन तक करे ! पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पते पर रखा था, का ितलक अपने माथे पर लगाये ! और िफर ितलक लगा कर पित के सामने जांय ! यिद पित वहां पर न हो तो उनकी फोटो के सामने जांय ! पान का पता रोज़ नया ले जो िक साबुत हो कही से कटा फटा न हो ! रोज़ पयोग िकए गए पान के पते को अलग िकसी सथान पर रखे ! 43 िदन के बाद उन पान के पतो को जल पवाह कर दे ! शीघ समसया का समाधान होगा !
2शिनवार की राित मे ७ लौग लेकर उस पर २१ बार िजस वयिक को वश मे करना हो उसका नाम लेकर फंू क मारे और अगले रिववार को इनको आग मे जला दे। यह पयोग लगातार ७ बार करने से अभीष वयिक का वशीकरण होता है। 3अगर आपके पित िकसी अनय सी पर आसक है और आप से लड़ाई-झगड़ा इतयािद करते है। तो यह पयोग आपके िलए बहु त कारगर है, पतयेक रिववार को अपने घर तथा शयनकक मे गूगल की धूनी दे। धूनी करने से पहले उस सी का नाम ले और यह कामना करे िक आपके पित उसके चककर से शीघ ही छूट जाएं । शदा-िवशवास के साथ करने से िनिशचय ही आपको लाभ िमलेगा। 4शुकल पक के पथम रिववार को पातःकाल सनानािद से िनवृत होकर अपने पूजन सथल पर आएं । एक थाली मे केसर से सविसतक बनाकर गंगाजल से धुला हु आ मोती शंख सथािपत करे और गंध, अकत पुषपािद से इसका पूजन करे। पूजन के समय गोघृत का दीपक जलाएं और िनमनिलिखत मंत का 1 माला जप सफिटक की माला पर करे। शदा-िवशवास पूवरक 1 महीने जप करने से िकसी भी वयिक िवशेष का मोहन-वशीकरण एवं आकषर ण होता है। िजस वयिक का नाम, धयान करते हु ए जप िकया जाए वह वयिक साधक का हर पकार से मंगल करता है। यह पयोग िनशचय ही कारगर िसद होता है। मंत : ऊँ की वांिछतं मे वशमानय सवाहा।'' 5- िजन िसयो के पित िकसी अनय सी के मोहजाल मे फं स गये हो या आपस मे पेम नही रखते हो, लड़ाई-झगड़ा करते हो तो इस टोटके दारा पित को अनुकूल बनाया जा सकता है। गुरवार अथवा शुकवार की राित मे १२ बजे पित की चोटी (िशखा) के कुछ बाल काट ले और उसे िकसी ऐसे सथान पर रख दे जहां आपके पित की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पित की बुिद का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेगे। कुछ िदन बाद इन बालो को जलाकर अपने पैरो से कुचलकर बाहर फेक दे। मािसक धमर के समय करने से अिधक कारगर िसद होगा। 1. 2. 3. 4.
पित पतनी मे कले श द रू करने के िलए 1. शी गणेश जी और शिक की उपासना करे | 2. सोते समय पूवर की और िसरहाना होना चािहए | 3. चीिटयो को शककर डालना चािहए | 4. भोजपत पर लाल कलम से पित का नाम िलख कर तथा ” हं हनुमंते नमः ” का 21 बार उचचारण करे उसे शहद मे अचछी तरह से बंद कर के घर के िकसी कोने मे रख दे जहाँ पर िकसी की दिष न पढे | 5. धीरे धीरे कलहपूणर वातावरण दरू होगा | 6. कुछ पिरवारो मे सब कुछ होते हु ए भी छोटी छोटी बातो मे गृह कले श होता रहता है | िनमन मंत का जाप पित या पतनी मे से कोई करे तो िकसी एक को बुिद आ जायेगी और घर मे शांित का वातावरण बनेगा | मंत -
धं िधं धुम धुजरते | पतनी वां वी बूम वािगधशविर | कं की कूं कािलका देवी | शं षीम शूं मे शुभम कुर | यिद लड़की यह पयोग कर रही है तो पतनी की जगह पित शबद का उलेख करे | िविधपातः सनान कर के काली या माँ दगु ार के िचत पर लाल पुषप चढाये |
घर की कलह को समाप करने का उपाय रोजाना सुबह जागकर अपने सवर को देखना चािहये, नाक के बाये सवर से जागने पर फ़ौरन िबसतर छोड कर अपने काम मे लग जाना चािहये, अगर नाक से दािहना सवर चल रहा है तो दािहनी तरफ़ बगल के नीचे तिकया लगाकर दबु ारा से सो जाना चािहये, कुछ समय मे बायां सवर चलने लगेगा,सही तरीके से चलने पर िबसतर छोड देना चािहये। पिरवार मे शांि त बनाए रखने के िलए : बुधवार को िमटी के बने एक शेर को उसके गले मे लाल चुनी बांधकर और लाल टीका लगाकर माता के मंिदर मे रखे और माता को अपने पिरवार की सभी समसयाएं बताकर उनसे शांित बनाए रखने की िवनती करे। यह िकया िनषापूवरक करे, पिरवार मे शांित कायम होगी। शादी-िववाह मे िवघन न पडने दे ने के िलये टोटका शादी वाले िदन से एक िदन पहले एक ईटं के ऊपर कोयले से "बाधाये" िलखकर ईटं को उलटा करके िकसी सुरिकत सथान पर रख दीिजये,और शादी के बाद उस ईटं को उठाकर िकसी पानी वाले सथान पर डाल कर ऊपर से कुछ खाने का सामान डाल दीिजये,शादी िववाह के समय मे बाधाये नही आयेगी। वै व ािहक सुख के िलए : कनया का िववाह हो जाने के बाद उसके घर से िवदा होते समय एक लोटे मे गंगाजल, थोड़ी सी हलदी और एक पीला िसकका डालकर उसके आगे फेक दे, उसका वैवािहक जीवन सुखी रहेगा। शुक गह की शािनत के िलए गहो मे शुक को िववाह व वाहन का कारक गह कहा गया है (इसिलये +वाहन दघ ु र टना से बचने के िलये भी ये उपाय िकये जा सकते है। शुक के उपाय करने से वैवािहक सुख की पािप की संभावनाएं बनती है. वाहन से जुडे मामलो मे भी यह उपाय लाभकारी रहते है। शुक की वसतुओ ं से सनान (Bathe Using the Products Related to Venus गह की वसतुओं से सनान करना उपायो के अनतगर त आता है. शुक का सनान उपाय करते
समय जल मे बडी इलायची डालकर उबाल कर इस जल को सनान के पानी मे िमलाया जाता है (boil big cardamom in a water and mix in the bathing water). इसके बाद इस पानी से सनान िकया जाता है. सनान करने से वसतु का पभाव वयिक पर पतयक रप से पडता है. तथा शुक के दोषो का िनवारण होता है. यह उपाय करते समय वयिक को अपनी शुदता का धयान रखना चािहए. तथा उपाय करने िक अविध के दौरान शुक देव का धयान करने से उपाय की शुभता मे वृै्िद होती है. इसके दौरान शुक मंत का जाप करने से भी शुक के उपाय के फलो को सहयोग पाप होता है (recite Mantra at the time of bathing). शुक की वसतुओ ं का दान -Donate Products related to Venus शुक की दान देने वाली वसतुओं मे घी व चावन (Ghee and rice are the products of Venus) का दान िकया जाता है. इसके अितिरक शुक कयोिक भोग-िवलास के कारक गह है. इसिलये सुख- आराम की वसतुओं का भी दान िकया जा सकता है. बनाव -शंगार की वसतुओं का दान भी इसके अनतगर त िकया जा सकता है (cosmetics and luxurious products). दान िकया मे दान करने वाले वयिक मे शदा व िवशवास होना आवशयक है. तथा यह दान वयिक को अपने हाथो से करना चािहए. दान से पहले अपने बडो का आिशवारद लेना उपाय की शुभता को बढाने मे सहयोग करता है. शुक मनत का जाप (Enchantment of Venus's Mantra) शुक के इस उपाय मे िनमन शलोक का पाठ िकया जाता है. "ऊँ जयनती मंगला काली भदकाली दगु ार कमा िशवा धाती सवाहा सवधा " शुक के अशुभ गोचर की अविध या िफर शुक की दशा मे इस शलोक का पाठ पितिदन या िफर शुकवार के िदन करने पर इस समय के अशुभ फलो मे कमी होने की संभावना बनती है. मुंह के अशुद होने पर मंत का जाप नही करना चािहए. ऎसा करने पर िवपरीत फल पाप हो सकते है. वैवािहक जीवन की परेशािनयो को दरू करने के िलये इस शलोक का जाप करना लाभकारी रहता है (recite this Mantra to resolve married life problems). वाहन दघ ु र टना से बचाव करने के िलये यह मंत लाभकारी रहता है. शुक का यनत (Yantra of Venus) शुक के अनय उपायो मे शुक यनत का िनमारण करा कर उसे पूजा घर मे रखने पर लाभ पाप होता है. शुक यनत की पहली लाईन के तीन खानो मे 11,6,13 ये संखयाये िलखी जाती है. मधय की लाईन मे 12,10, 8 संखया होनी चािहए. तथा अनत की लाईन मे 07,14,9 संखया िलखी जाती है. शुक यनत मे पाण पितषा करने के िलये िकसी जानकार पिणडत की सलाह ली जा सकती है. यनत पूजा घर मे सथािपत करने के बाद उसकी िनयिमत रप से साफसफाई का धयान रखना चािहए. ...................................................................................
शादी करने का अनुभ ूत उपाय पुरषो को िविभन रंगो से िसयो की तसवीरे और मिहलाओं को लाल रंग से पुरषो की तसवीर सफ़ेद कागज पर रोजाना तीन मिहने तक एक एक बनानी चािहये। अगर लड़की की उम िनकली जा रही है और सुय ोगय लड़का नही िमल रहा। िरशता बनता है िफर टू ट जाता है । या िफर शादी मे अनावशयक दे र ी हो रही हो तो कु छ छोटे -छोटे िसद टोटको से इस दोष को द रू िकया जा सकता है। ये टोटके अगर पूरे मन से िवशवास करके अपनाए जाएं तो इनका फल बहु त ही कम समय मे िमल जाता है । जािनए कया है ये टोटके :1. रिववार को पीले रंग के कपड़े मे सात सुप ारी, हलदी की सात गांठे , गुड़ की सात डिलयां, सात पीले फू ल, चने की दाल (करीब 70 गाम), एक पीला कपड़ा (70 से म ी), सात पीले िसकके और एक पं द ह का यं त माता पावर ती का पूज न करके चालीस िदन तक घर मे रखे । िववाह के िनिमत मनोकामना करे। इन चालीस िदनो के भीतर ही िववाह के आसार बनने लगे गे । 2. लड़की को गुर वार का वत करना चािहए। उस िदन कोई पीली वसतु का दान करे। िदन मे न सोए, पूरे िनयम सं य म से रहे । 3. सावन के महीने मे िशवजी को रोजाना िबलव पत चढाए। िबलव पत की सं ख या 108 हो तो सबसे अचछा पिरणाम िमलता है। 4. िशवजी का पूज न कर िनमारल य का ितलक लगाए तो भी जलदी िववाह के योग बनते है। िववाह के उपाय (Remedies and Upay to avoide late marriage) समय पर अपनी िजममेदािरयो को पूरा करने की इचछा के कारण माता-िपता व भावी वर-वधू भी चाहते है िक अनुकुल समय पर ही िववाह हो जाये. कुणडली मे िववाह िवलमब से होने के योग होने पर िववाह की बात बार-बार पयास करने पर भी कही बनती नही है. इस पकार की िसथित होने पर शीघ िववाह के उपाय करने िहतकारी रहते है. उपाय करने से शीघ िववाह के मागर बनते है. तथा िववाह के मागर की बाधाएं दरू होती है। उपाय करते समय धयान मे रखने योगय बाते (Precautions while doing Jyotish remedies) • •
1. िकसी भी उपाय को करते समय, वयिक के मन मे यही िवचार होना चािहए, िक वह जो भी उपाय कर रहा है, वह ईशवरीय कृै्पा से अवशय ही शुभ फल देगा. 2. सभी उपाय पूणरत: साितवक है तथा इनसे िकसी के अिहत करने का िवचार नही है.
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3. उपाय करते समय उपाय पर होने वाले वययो को ले क र िचिनतत नही होना चािहए. 4. उपाय से संबिनधत गोपनीयता रखना िहतकारी होता है. 5. यह मान कर चलना चािहए, िक शदा व िवशवास से सभी कामनाएं पूणर होती है.
आईये शीघ िववाह के उपायो को समझने का पयास करे (Remedies for a late marriage) 1. हलदी के पयोग से उपाय िववाह योग लोगो को शीघ िववाह के िलये पतयेक गुरवार को नहाने वाले पानी मे एक चुटकी हलदी डालकर सनान करना चािहए. भोजन मे केसर का सेवन करने से िववाह शीघ होने की संभावनाएं बनती है. 2. पीला वस धारण करना ऎसे वयिक को सदैव शरीर पर कोई भी एक पीला वस धारण करके रखना चािहए. 3. वृै ्द ो का सममान करना उपाय करने वाले वयिक को कभी भी अपने से बडो व वृैद ् ो का अपमान नही करना चािहए. 4. गाय को रोटी दे न ा िजन वयिकयो को शीघ िववाह की कामना हो उनहे गुरवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोडी हलदी लगाकर िखलाना चािहए. तथा इसके साथ ही थोडा सा गुड व चने की पीली दाल का भोग गाय को लगाना शुभ होता है. 5. शीघ िववाह पयोग इसके अलावा शीघ िववाह के िलये एक पयोग भी िकया जा सकता है. यह पयोग शुकल पक के पथम गुरवार को िकया जाता है. इस पयोग मे गुरवार की शाम को पांच पकार की िमठाई, हरी इलायची का जोडा तथा शुद घी के दीपक के साथ जल अिपर त करना चािहये. यह पयोग लगातार तीन गुरवार को करना चािहए. 6. के ले के वृै ्क की पूज ा गुरवार को केले के वृै्क के सामने गुर के 108 नामो का उचचारण करने के साथ शुद घी का दीपक जलाना चािहए. अथा जल भी अिपर त करना चािहए. 7. सूखे नािरयल से उपाय एक अनय उपाय के रप मे सोमवार की राित के 12 बजे के बाद कुछ भी गहण नही िकया जाता, इस उपाय के िलये जल भी गहण नही िकया जाता. इस उपाय को करने के िलये अगले िदन मंगलवार को पात: सूयोदय काल मे एक सूखा नािरयल ले, सूखे नािरयल मे चाकू की सहायता से एक इंच लमबा छे द िकया जाता है. अब इस छे द मे 300 गाम बूरा (चीनी पाऊडर) तथा 11 रपये का पंचमेवा िमलाकर नािरयल को भर िदया जाता है. यह कायर करने के बाद इस नािरयल को पीपल के पेड के नीचे गडा करके दबा देना. इसके बाद गडे को िमटी से भर देना है. तथा कोई पतथर भी उसके ऊपर रख देना चािहए.
यह िकया लगातार 7 मंगलवार करने से वयिक को लाभ पाप होता है. यह धयान रखना है िक सोमवार की रात 12 बजे के बाद कुछ भी गहण नही करना है. 8. मांग िलक योग का उपाय (Remedies for Manglik Yoga) अगर िकसी का िववाह कुणडली के मांगिलक योग के कारण नही हो पा रहा है, तो ऎसे वयिक को मंगल वार के िदन चिणडका सतोत का पाठ मंगलवार के िदन तथा शिनवार के िदन सुनदर काणड का पाठ करना चािहए. इससे भी िववाह के मागर की बाधाओं मे कमी होती है. 9. छु आरे िसरहाने रख कर सोना यह उपाय उन वयिकयो को करना चािहए. िजन वयिकयो की िववाह की आयु हो चुकी है. परनतु िववाह संपन होने मे बाधा आ रही है. इस उपाय को करने के िलये शुकवार की राित मे आठ छुआरे जल मे उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले सथान पर िसरहाने रख कर सोये तथा शिनवार को पात: सनान करने के बाद िकसी भी बहते जल मे इनहे पवािहत कर दे. कुछ गहो के अशुभ पभाव के कारण कनया के िववाह मे िवलंब हो तो इस पकार के उपाय सवयं कनया दारा करवाने से िववाह बाधाएं दरू होती है – िकसी भी माह की शुकल पक की चतुथी से चांदी की छोटी कटोरी मे गाय का दध ू लेकर उसमे शककर एवं उबलेहुए चांवल िमलाकर चंदोदय के समय चंदमा को तुलसी की पती डालकर यह नेवैद बताएं व पदिकणा करे, इस पकार यह िनयम 45 िदनो तक करे ,45 ङह िदन पूणर होने पर एक कनया को भोजन करवाकर वस और मेहदी दान करे, ऐसाकरने से सुयोगय वर की पािप होकर शीघ मांगिलक कायर संपन होता है । गुरवार के िदन पात:काल िनतयकमर से िनवृत होकर हलदीयुक रोिटयां बनाकर पतयेक रोटी पर गुड़ रखे व उसे गाय को िखलाएं ।7 गुरवार िनयिमत रप से यह िविध करने से शीघ िववाह होता है । मंगलवार के िदन देवी -मंिदर मे लाल गुलाब का फूल चढाएं पूजन करे एवं मंगलवार का वत रखे । यह कायर नौ मंगलवार तक करे । अंितम मंगलवार को9 ख् वषर की नौ कनयाओं को भोजन करवाकर लाल वस, मेहदी एवं यथाशिक दिकण दे, शीघ फल की पािप होगी । कातयायिन महामाये महायोिगनयधीशविर नंद गोपसुतं देिवपितं मे कुर ने नम: । माँ कातयायिन देवी या पावर ती देवी के फोटो को सामने रखकर जो कनया पूजन कर इस कातयायिन मंत की 1 माला का जाप पितिदन करती है , उस कनया की िववाह बधा शीघ दरू होती है ।
१. यिद कनया की शादी मे कोई रकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नािरयल ले ! भगवान िशव की मूती या फोटो के आगे रख कर “ऊं शी वर पदाय शी नामः” मंत का पांच माला जाप करे िफर वो पांचो नािरयल िशव जी के मंिदर मे चढा दे ! िववाह की बाधाये अपने
आप दरू होती जांयगी ! २. पतयेक सोमवार को कनया सुबह नहा-धोकर िशविलंग पर “ऊं सोमेशवराय नमः” का जाप करते हु ए दध ू िमले जल को चढाये और वही मंिदर मे बैठ कर रदाक की माला से इसी मंत का एक माला जप करे ! िववाह की समभावना शीघ बनती नज़र आयेगी 3. कनया को चािहए िक वह बृहसपितवार को वत रखे और बृहसपित की मंत के साथ पूजा करे। इसके अितिरक पुखराज या सुनल ै ा धारण करे। छोटे बचचे को बृहसपितवार को पीले वस दान करे। लड़के को चािहए िक वह हीरा या अमेिरकन जकरन धारण करे और छोटी बचची को शुकवार को शवेत वस दान करे। िकस माह मे जनमी मिहला कै सी? जयोितष शास के अनुसार िसयो का सवभाव उनके जनम के मास से भी जाना जा सकता है। यहां हम क म से इन िहनदी मासो मे जनम लेने वाली मिहलाओं के सवभाव की जानकारी पसतुत कर रहे है। चैत मास: चैत मास मे जनम लेने वाली सी वका, होिशयार, कोधी सवभाव वाली, रतनारे नेत वाली, सुंदर रप- गोरे रंग वाली, धनवान, पुतवती और सभी सुखो को पाने वाली होती है। वैशाख मास: वैशाख मास मे जनम लेने वाली सी शेष पितवता, कोमल सवभाव वाली, सुंदर हदय, बड़े नेतो वाली, धनवान, कोध करने वाली तथा िमतवययी होती है। जयेष मास: जयेष मास मे पैदा होने वाली सी बुिदमान और धनवान, तीथर सथानो को जाने वाली, कायो ं मे कुशल और अपने पित की पयारी होती है। आषाढ मास: आषाढ मास मे उतपन सी संतानवान, धन से हीन, सुख भोगने वाली, सरल और पित की द ु ला रीहो ती है । शावण मास: शावण मास मे जनम लेने वाली पिवत , मोटे शरीर वाली, कमा करने वाली, सुंदर तथा धमर यक ु और सुखो को पाने वाली होती है। भाद मास: भाद मास मे जनम लेने वाली कोमल, धन पुतवाली, सुखी घर की वसतुओं िक देखभाल करनेवाली, हमेशा पसन रहने वाली, सुशीला और मीठा बोलने वाली होती है। आिशवन मास: आिशवन मास मे जनम लेने वाली सी सुखी, धनी, शुद हदय गुण और रपवती होती है, कायो ं मे कुशल तथा अिधक कायर करने वाली होती है। काितर क मास: काितर क मास मे जनम लेने वाली सी कुिटल सवभाव िक, चतुर, झुठ बोलने वाली, कूर और धन सुख वाली होती है। मागशीषर मास: मागशीषर मे जनम लेने वाली पिवत , िमठे वचनो वाली, दया, दान, धन, धमर करने वाली, कायर मे कुशल और रका करने वाली होती है।
पौष मास: पौष मास मे जनम लेने वाली सी पुरष के समान सवभाव वाली, पित से िवमुख, समाज मे गवर तथा कोध रखने वाली होती है। माघ मास: माघ मास मे जनम लेने वाली सी धनी, सौभागयवान, बुिदमान संतान से युक तथा कटु पर सतय वचन बोलने वाली होती है। फालगुन मास: फालगुन मास मे जनम लेने वाली सी सवर गुणसंपन, ऐशवयर शाली, सुखी और संताित वाली तीथर यातापर जाने वाली तथा कलयाणकरने वाली होती है।
सं त ान होने और नही होने की पिहचान करना पुरष और सी के दािहने हाथ मे साफ़ िमटी रख कर उसके अनदर थोडा दही और िपसी शुद हलदी रखनी चािहये,यह काम रात को सोने से पहले करना चािहये,सुबह अगर दोनो के हाथ मे हलदी का रंग लाल हो गया है तो संतान आने का समय है,सी के हाथ मे लाल है और पुरष के हाथ मे पीली है तो सी के अनदर कामवासना अिधक है,पुरष के हाथ मे लाल हो गयी है और सी के हाथ मे नही तो सी रित समबनधी कारणो से ठंडी है,और संतान पैदा करने मे असमथर है,कुछ समय के िलये रित िकया को बंद कर देना चािहये। चार वीरवार को 900 गाम जौ चलते जल मे बहाए | • वीरवार का वत भी रखना शुभ होगा | • राधा कृषणजी के मंिदर मे शुकल पक के वीरवार या जनमाषमी को चानदी की बांसुरी चढाये | • लाल या भूरी गाये को आटे का पेढा व पानी दे | उपाय मन से करने से मनोकामना पूरण होगी | •
घर मे खुशहाली पिर तथा दक ु ान की उनित हेतु : शांित बनाए रखने के िलए : बुधवार को िमटी के बने एक शेर को उसके गले मे लाल चुनी बांधकर और लाल टीका लगाकर माता के मंिदर मे रखे और माता को अपने पिरवार की सभी समसयाएं बताकर उनसे शांित बनाए रखने की िवनती करे। यह िकया िनषापूवरक करे, पिरवार मे शांित कायम होगी। घर या वयापार सथल के मुखय दार के एक कोने को गंगाजल से धो ले और वहां सवािसतक की सथापना करे और उस पर रोज चने की दाल और गुड़ रखकर उसकी पूजा करे। साथ ही उसे धयान रोज से देखे और िजस िदन वह खराब हो जाए उस िदन उस सथान पर एकत सामगी को जल मे पवािहत कर दे। यह िकया शुकल पक के बृहसपितवार को आरंभ कर ११ बृहसपितवार तक िनयिमत रप से करे। िफर गणेश जी को िसंदरू लगाकर उनके सामने लडू
रखे तथा ÷जय गणेश काटो कलेश' कहकर उनकी पाथर ना करे, घर मे सुख शांित आ जागी। सफलता पा िप के िलए : 6. िकसी कायर की िसिद के िलए जाते समय घर से िनकलने से पूवर ही अपने हाथ मे रोटी ले ले। मागर मे जहां भी कौए िदखलाई दे, वहां उस रोटी के टु कड़े कर के डाल दे और आगे बढ जाएं । इससे सफलता पाप होती है। 23॰ िकसी भी आवशयक कायर के िलए घर से िनकलते समय घर की देहली के बाहर, पूवर िदशा की ओर, एक मुटी घुघंची को रख कर अपना कायर बोलते हु ए, उस पर बलपूवरक पैर रख कर, कायर हेतु िनकल जाएं , तो अवशय ही कायर मे सफलता िमलती है। 24॰ अगर िकसी काम से जाना हो, तो एक नीबू ले। उसपर 4 लौग गाड़ दे तथा इस मंत का जाप करे : `ॐ शी हनुमते नम:´। 21 बार जाप करने के बाद उसको साथ ले कर जाएं । काम मे िकसी पकार की बाधा नही आएगी। 25॰ चुटकी भर हीग अपने ऊपर से वार कर उतर िदशा मे फेक दे। पात:काल तीन हरी इलायची को दाएँ हाथ मे रखकर “शी शी´´ बोले, उसे खा ले, िफर बाहर जाए¡। पातः सोकर उठने के बाद िनयिमत रप से अपनी हथेिलयो को धयानपूवरक देखे और तीन बार चूमे। ऐसा करने से हर कायर मे सफलता िमलती है। यह िकया शिनवार से शुर करे। घर मे धन की बरककत के िलये टोटका सबसे छोटे चलने वाले नोट का एक ितकोण िपरािमड बनाकर घर के धन सथान मे रख दीिजये,जब धन की कमी होने लगे तो उस िपरािमड को बाये हाथ मे रखकर दािहने हाथ से उसे ढककर कलपना कीिजये िक यह िपरािमड घर मे धन ला रहा है,कही से भी धन का बनदोबसत हो जायेगा,लेिकन यह पयोग बहु त ही जररत मे कीिजये। 7. DHAN KE UPAY धन एक गौड साधन है,िबना धन के जानी वयिक भी बेकार लगता है,िबना धन के िकसी पकार की शिक भी आिसततवहीन होती है,आज के युग मे िजसे देखो धन की तरफ़ भाग रहा है,और धन के िलये िकतने ही गलत काम िकये जा रहे है,भाई भाई का दशु मन बना बैठा है,बाप बेटे को धन के िलये छोड देता है,पतनी धन के िलये पित की हतया करवा देती है,आिद तरीके लोग धन के िलये अपना रहे है,अगर धन को ईशवरीय शिक से पाप िकया जाये,तो वह धन अिधक सथाई और अचछे कामो मे खचर होने वाला होता है,और जो भी खचार िकया जाता है वह मानिसक और शारीिरक दोनो पकार के सुख देता है,तामसी कारणो से लोगो को लूट खसोट कर पाप िकया जाने वाला धन हमेशा बुरे कामो मे ही खचर होता है,धन तो खचर होता ही है,लेिकन हमेशा के िलये दख ु दायी भी हो जाता है। सही तरीके से और ईमानदारी से धन कमाने के िलये ईशवरीय शिक की जररत पडती है,ईशवरीय शिक को पाप करने के िलये ईशवर मे आसथा बनानी पडती है,और आसथा बनाने के िलये िनयिमत रप से उपाय करने पडते है,िनयिमत रप से उपाय करने के िलये अपने को पयासरत रखना पडता है। आइये आपको कुछ सहज मे ही ईशवरीय शिकयो से धन पाप करने के तरीके बता
देता हू ँ,इस पकार से पाप िकये जाने वाले धन को पयोग करने के बाद आपको िकतनी शांित और समृिद िमलती है,आपको खुद को पता चल जायेगा। पयास के िलये तीन बातो का खयाल रखना भी जररी है िक इनसान को तीन तरह का पयास सदैव जारी रखना चािहये,एक तो अपनी मानवीय शिक को सहेज कर रखना,दस ू रे जो भी भौितक साधन अपने पास है,उनका पयोग करते रहना,और तीसरा पयास ईशवर से दैिवक शिक को पाप करने के बाद उसका पयोग करते रहना। FIRST UPAY आप अपने िनवास सथान मे उतर-पूवर िदशा मे एक साफ़ जगह पर सथान चुन लीिजये,उस सथान को गंदगी आिद से मुक कर लीिजये,िफ़र एक साफ़ लकडी का पाटा उस सथान पर रख लीिजये,और एक चमेली के तेल की सीसी,पचास मोमबती सफ़ेद और पचास मोमबती हरी और एक मािचस लाकर रख लीिजये। अपना एक समय चुन लीिजये िजस समय आप जरर फ़ी रहते हो,उस समय मे आप घडी िमलाकर ईशवर से धन पाप करने के उपाय करना शुर कर दीिजये। पाटे को पानी और िकसी साफ़ कपडे से साफ़ किरये,एक हरी मोमबती और एक सफ़ेद मोमबती दोनो को चमेली के तेल मे डु बोकर नहला लीिजये,दोनो को एक मािचस की तीली जलाकर उनके पैदे को गमर करने के बाद एक दस ू रे से नौ इंच की दरू ी पर बायी (लेफ़ट) तरफ़ हरी मोमबती और दािहनी (राइट) तरफ़ सफ़ेद मोमबती पाटे पर िचपका दीिजये। दबु ारा से मािचस की तीली जलाकर पहले हरी मोमबती को और िफ़र सफ़ेद मोमबती को जला दीिजये,दोनो मोमबितओं को देखकर मानिसक रप से पाथर ना कीिजये "हे धन के देवता कुबेर ! मुझे धन की अमुक (िजस काम के िलये धन की जररत हो उसका नाम) काम के िलये जररत है,मुझे ईमानदारी से धन को पाप करने मे सहायता कीिजये",और पाथर ना करने के बाद मोमबती को जलता हु आ छोड कर अपने काम मे लग जाइये। दस ू रे िदन अगर मोमबती पूरी जल गयी है,तो उस जले हु ये मोम को वही पर लगा रहने दे,और नही जली है तो वैसी ही रहने दे,दस ू री मोमबितयो को पहले िदन की तरह से ले लीिजये,और पहले जली हु यी मोमबितयो से एक दस ू री के नजदीक लगाकर जलाकर पहले िदन की तरह से वही पाथर ना किरये,इस तरह से धीरे धीरे मोमबितया एक दस ू रे की पास आती चली जायेगी,िजतनी ही मोमबितयां पास आती जायेगी,धन आने का साधन बनता चला जायेगा,और जैसे ही दोनो मोमबितयां आपस मे सटकर जलेगी,धन पाप हो जायेगा। जब धन पाप हो जाये तो पास के िकसी धािमर क सथान पर या पास की िकसी बहती नदी मे उस मोमबितयो के िपघले मोम को लेजाकर शदा से रख आइये या बहा दीिजये,जो भी शदा बने गरीबो को दान कर दीिजये,धयान रिखये इस पकार से पाप धन को िकसी पकार के गलत काम मे मत पयोग किरये,अनयथा दबु ारा से धन नही आयेगा। SECEND
UPAY
दस ू रे पकार के उपाय मे कुछ धन पहले खचर करना पडता है,इस उपाय के िलये आपको जो भी मुदा आपके यहां चलती है आप ले लीिजये जैसे रपया चलता है तो दस दस के पांच नोट ले लीिजये डालर चलता है तो पांच डालर ले लीिजये आिद। बाजार से पांच नगीने जैसे गोमेद एमेिथसट जेड सुनहला गारनेट ले लीिजये,यह नगीने ससते ही आते है,साथ ही बाजार से समुदी नमक भी लेते आइये। यह उपाय गुरवार से शुर करना है,अपने घर मे अनदर एक
ऐसी जगह को देिखये जहां पर लगातार सूयर की रोशनी कम से कम तीन घंटे रहती हो,एक पोलीिथन के ऊपर पहले पांच नोट रिखये,उनके ऊपर एक एक नगीना रख दीिजये,और उन नगीनो तथा नोटो पर समुदी नमक पीस कर थोडा थोडा िछडक दीिजये और उनहे सूयर की रोशनी मे लगातार तीन घंटे के िलये छोड दीिजये। तीन घंटे बाद उन नोटो और नगीनो को समुदी नमक को उसी पोलीथीन पर पर साफ़ कर लीिजये,और उस पोलीिथन वाले नमक को अपने घर के मुखय दरवाजे पर डाल दीिजये,उन नगीनो और नोटो को अपने पसर मे रख लीिजये,अगर कोई तुमहारा जान पिहचान का या कोई िरसतेदार तुमहारे पास आता है तो उसे एक नगीना कोई सा भी उसी गुरवार को यह कहकर दीिजये िक यह नगीना भागय बढाने वाला है,और एक नोट उनमे से िकसी बचचे को िबसकुट लाने के िलये या िकसी पकार िबल चुकाने के काम मे उसी िदन ले लीिजये,दस ू रे गुरवार को दस ू रा नगीना िकसी को िफ़र दान कर दीिजये और एक नोट िकसी बचचे या िकसी पकार के घरेलू खचे मे खचर कर दीिजये,यही कम लगातार चार गुरवार तक करना है,पांचवे गुरवार को बचा हु आ एक नगीना और नोट अपनी ितजोरी या धन रखने वाले सथान मे रख लीिजये,आपके पास लगातार धन का पवाह शुर हो जायेगा,उस धन मे से 3% दान करते रिहये,जब तक वह नगीना और नोट आपके पास रहेगा,धन की कमी नही आ सकती है। VYAPAR अिधकतर मामलो मे वयापार करते हु ये धन की कमी होती है,लगातार पितसपधार के कारण लोग वयवसाय को काटते है,और गाहको को अपनी तरफ़ आकिषर त करते है,अपनी िबजिनस बढाने के िलये तांितक उपाय करते है,और उन तांितक उपायो को करने के बाद खुद तो उलटा सीधा कमाते है,लेिकन अपने सामने वाले को भी बरबाद करते है तथा कुछ िदनो मे उनके दारा िकये गये तांितक उपायो का असर खतम हो जाने पर िदवािलया बन कर घूमने लगते है। अपने वयवसाय सथल से नकारातमक ऊजार को हटाने और गाहकी बढाने का तरीका आपको बता रहा हू ँ, इस तरीके को पयोग करने के बाद आप खुद ही महसूस करने लगेगे । सोमवार के िदन िकसी नगीने बेचने वाले से तीन गारनेट के नग खरीदकर लाइये,और रात को उनहे िकसी साफ़ कांच के बतर न मे पानी मे डु बोकर खुले सथान मे रख दीिजये,उन नगो को लगातार नौ िदन तक यानी अगले मंगलवार तक उसी सथान पर रखा रहने दीिजये,और मंगलवार की शाम को उन नगीनो को मय उस पानी के उठा लीिजये,बुधवार को उस पानी से नगीनो को अपने वयवसाय वाले सथान पर िनकाल लीिजये और पानी को वयवसाय सथान के सभी कोनो और अनधेरी जगह पर कैस काउनटर और टेिबल डर ावर के अनदर िछडक दीिजये,तथा उन नगीनो को (तीनो को) अपनी टेिबल पर सजाकर सामने रख लीिजये,इस पकार से आपके वयापािरक सथान की नकारातमक ऊजार बाहर चली जायेगी,और सकारातमक ऊजार आने लगेगी । नगीनो को समभाल कर रखे,िजससे कोई उनहे ले न जा सके।
EDUCATION अिधकतर पढाई करने के बाद सनतान की नौकरी और वयवसाय की िचनता हर माता िपता को होती है,बचचे जवानी और अपनी उमंग के कारण उनहे कौन से केत मे जाना है,उसे भूल जाते है,और दस ू रो की देखा देखी अपनी वासतिवक नोलेज को भूलकर दस ू रो के चककर मे पड कर अपने को बरबाद कर लेते है,जब वे अपनी योगयता को नही िदखा पाते है तो वे गलत कायो ं की तरफ़ बढ जाते है,और उनका जीवन जो सहज रासते पर जा रहा था वह किठनाइयो की तरफ़ चला जाता है,िदगभम हो जाने पर लाख कोिशश करने पर भी बचचे अपनी जगह पर वापस नही आ पाते है,और आते है तब तक उनका बहु मूलय समय बरबाद हो गया होता है। सबसे पहले अपने बचचे को सही रासते पर लाने के िलये या वह कही गलत रासते पर तो नही जा रहा है,का धयान उसी पकार से रखना चािहये जैसे एक माली अपने पेड को संभालता है,कब उसे पानी देना है कब उसमे खाद देनी है,कही जंगली जानवर उस पेड को खतम तो नही कर रहा है,कही कोई बीमारी पेड को तो नही लग रही है,कही कोई खरपतवार उस पेड के साथ तो नही उग रहा है जो उस पेड को दी जाने वाली खाद पानी को पेड तक पहु च ं ने ही नही देना चाहता हो,आिद बाते धयान मे रखने पर बचचे को सही िदशा तक ले जाया सकता है। बचचे को सही रासते पर ले जाने के िलये वैिदक रप से कुछ उपाय बताये गये है,उनको आप लोगो के िलये िलख रहा हू ँ। •
रात को सोते समय बचचे के िसरहाने उसकी दािहनी तरफ़ पानी का एक लोटा या िगलास रखना चािहये,िजससे रात को सोते समय कुिवचार उसके सुषुप मिसतक पर असर नही दे पाये।
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बचचे के जगने पर उसके पास जरर उपिसथत रहे,िजतना बचचा जगने के बाद आपको देखेगा,उतना ही वह िदन भर आपकी तसवीर को वह अपने िदमाग मे रखेगा,अिधक समय तक आपको अपने सामने पाने पर वह कभी आपको अलग नही कर पायेगा,और गलती करने पर आपकी ही तसवीर उसके िदमाग मे आकर उसे गलत काम से रोकेगी।
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बचचे को अपने हाथ से खाना परोसना चािहये,बनाया चाहे िकसी ने भी हो,उसे बचचे की रिच के अनुसार अगर आपके हाथ से परोसा गया है तो वह उसके शरीर मे उसी तरह से लगेगा िजस पकार से बचपन मे माँ का दध ू लगता है।
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बचचे को दस ू रो की नजर जरर लगती है,चाहे वह अपने ही घर वालो की कयो न हो,शाम को बचचा जब िबसतर पर सोने जाये तो एक पतथर को बचचे के ऊपर से ओसारा करने के बाद िकसी पानी से धोकर एक िनयत सथान पर रख देना चािहये,िजस िदन खतरनाक नजर लगी होगी या कोई बीमारी परेशान करने वाली होगी,वह पतथर अपने सथान पर नही िमलेगा,अथवा टू टा िमलेगा।
धन पाप करने के िलये नगीनो की िकट पाप करे
8.
सुख-समृिद॰
यिद पिरशम के पशचात् भी कारोबार ठपप हो, या धन आकर खचर हो जाता हो तो यह टोटका काम मे ले। िकसी गुर पुषय योग और शुभ चनदमा के िदन पात: हरे रंग के कपड़े की छोटी थैली तैयार करे। शी गणेश के िचत अथवा मूितर के आगे “संकटनाशन गणेश सतोत´´ के 11 पाठ करे। ततपशचात् इस थैली मे 7 मूंग, 10 गाम साबुत धिनया, एक पंचमुखी रदाक, एक चांदी का रपया या 2 सुपारी, 2 हलदी की गांठ रख कर दािहने मुख के गणेश जी को शुद घी के मोदक का भोग लगाएं । िफर यह थैली ितजोरी या कैश बॉकस मे रख दे। गरीबो और बाहणो को दान करते रहे। आिथर क िसथित मे शीघ सुधार आएगा। 1 साल बाद नयी थैली बना कर बदलते रहे। 2॰ िकसी के पतयेक शुभ कायर मे बाधा आती हो या िवलमब होता हो तो रिववार को भैरो जी के मंिदर मे िसंदरू का चोला चढा कर “बटु क भैरव सतोत´´ का एक पाठ कर के गौ, कौओं और काले कुतो को उनकी रिच का पदाथर िखलाना चािहए। ऐसा वषर मे 4-5 बार करने से कायर बाधाएं नष हो जाएं गी। 3॰ रके हु ए कायो ं की िसिद के िलए यह पयोग बहु त ही लाभदायक है। गणेश चतुथी को गणेश जी का ऐसा िचत घर या दक ु ान पर लगाएं , िजसमे उनकी सूंड दायी ओर मुड़ी हु ई हो। इसकी आराधना करे। इसके आगे लौग तथा सुपारी रखे। जब भी कही काम पर जाना हो, तो एक लौग तथा सुपारी को साथ ले कर जाएं , तो काम िसद होगा। लौग को चूसे तथा सुपारी को वापस ला कर गणेश जी के आगे रख दे तथा जाते हु ए कहे `जय गणेश काटो कलेश´। 4॰ सरकारी या िनजी रोजगार केत मे पिरशम के उपरांत भी सफलता नही िमल रही हो, तो िनयमपूवरक िकये गये िवषणु यज की िवभूित ले कर, अपने िपतरो की `कुशा´ की मूितर बना कर, गंगाजल से सनान कराये तथा यज िवभूित लगा कर, कुछ भोग लगा दे और उनसे कायर की सफलता हेतु कृपा करने की पाथर ना करे। िकसी धािमर क गंथ का एक अधयाय पढ कर, उस कुशा की मूितर को पिवत नदी या सरोवर मे पवािहत कर दे। सफलता अवशय िमलेगी। सफलता के पशचात् िकसी शुभ कायर मे दानािद दे। 7॰ िकसी शिनवार को, यिद उस िदन `सवारथर िसिद योग’ हो तो अित उतम सांयकाल अपनी लमबाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप ले। िफर एक पता बरगद का तोड़े। उसे सवचछ जल से धोकर पोछ ले। तब पते पर अपनी कामना रपी नापा हु आ लाल रेशमी सूत लपेट दे और पते को बहते हु ए जल मे पवािहत कर दे। इस पयोग से सभी पकार की बाधाएँ दरू होती है और कामनाओं की पूितर होती है। ८॰ रिववार पुषय नकत मे एक कौआ अथवा काला कुता पकड़े। उसके दाएँ पैर का नाखून काटे। इस नाखून को ताबीज मे भरकर, धूपदीपािद से पूजन कर धारण करे। इससे आिथर क बाधा दरू होती है। कौए या काले कुते दोनो मे से िकसी एक का नाखून ले। दोनो का एक साथ पयोग न करे। 9॰ पतयेक पकार के संकट िनवारण के िलये भगवान गणेश की मूितर पर कम से कम 21 िदन
तक थोड़ी-थोड़ी जािवती चढावे और रात को सोते समय थोड़ी जािवती खाकर सोवे। यह पयोग 21, 42, 64 या 84 िदनो तक करे। 10॰ अकसर सुनने मे आता है िक घर मे कमाई तो बहु त है , िकनतु पैसा नही िटकता, तो यह पयोग करे। जब आटा िपसवाने जाते है तो उससे पहले थोड़े से गेहू मे 11 पते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर िमला ले तथा अब इसको बाकी गेहू मे िमला कर िपसवा ले। यह िकया सोमवार और शिनवार को करे। िफर घर मे धन की कमी नही रहेगी। 11॰ आटा िपसते समय उसमे 100 गाम काले चने भी िपसने के िलये डाल िदया करे तथा केवल शिनवार को ही आटा िपसवाने का िनयम बना ले। 12॰ शिनवार को खाने मे िकसी भी रप मे काला चना अवशय ले िलया करे। 13॰ अगर पयारप धनारजन के पशचात् भी धन संचय नही हो रहा हो, तो काले कुते को पतयेक शिनवार को कड़वे तेल (सरसो के तेल) से चुपड़ी रोटी िखलाएँ । 14॰ संधया समय सोना, पढना और भोजन करना िनिषद है। सोने से पूवर पैरो को ठंडे पानी से धोना चािहए, िकनतु गीले पैर नही सोना चािहए। इससे धन का कय होता है। 15॰ राित मे चावल, दही और सतू का सेवन करने से लकमी का िनरादर होता है। अत: समृिद चाहने वालो को तथा िजन वयिकयो को आिथर क कष रहते हो, उनहे इनका सेवन राित भोज मे नही करना चािहये। 16॰ भोजन सदैव पूवर या उतर की ओर मुख कर के करना चािहए। संभव हो तो रसोईघर मे ही बैठकर भोजन करे इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हु ए कभी भोजन नही करना चािहए। 17॰ सुबह कुला िकए िबना पानी या चाय न पीएं । जूठे हाथो से या पैरो से कभी गौ, बाहण तथा अिग का सपशर न करे। 18॰ घर मे देवी-देवताओं पर चढाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उनहे घर मे रखना अलाभकारी होता है। 19॰ अपने घर मे पिवत निदयो का जल संगह कर के रखना चािहए। इसे घर के ईशान कोण मे रखने से अिधक लाभ होता है। 20॰ रिववार के िदन पुषय नकत हो, तब गूलर के वृक की जड़ पाप कर के घर लाएं । इसे धूप, दीप करके धन सथान पर रख दे। यिद इसे धारण करना चाहे तो सवणर ताबीज मे भर कर धारण कर ले। जब तक यह ताबीज आपके पास रहेगी, तब तक कोई कमी नही आयेगी। घर मे संतान सुख उतम रहेगा। यश की पािप होती रहेगी। धन संपदा भरपूर होगे। सुख शांित और संतुिष की पािप होगी। 21॰ `देव सखा´ आिद 18 पुतवगर भगवती लकमी के कहे गये है। इनके नाम के आिद मे और अनत मे `नम:´ लगाकर जप करने से अभीष धन की पािप होती है। यथा - ॐ देवसखाय नम:, िचकलीताय, आननदाय, कदर माय, शीपदाय, जातवेदाय, अनुरागाय, समवादाय, िवजयाय, वलभाय, मदाय, हषारय, बलाय, तेजसे, दमकाय, सिललाय, गुगगुलाय, ॐ कुरणटकाय नम:। धन लाभ के िलए :
9. शिनवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और िसंदरू डालकर पीपल के नीचे रख आएं । वापस आते समय पीछे मुड़कर नही देखे। यह िकया शिनवार को ही शुर करे और ७ शिनवार को िनयिमत रप से िकया करे , धन की पािप होने लगेगी। संपित मे वृिद हेतु : 10. िकसी भी बृहसपितवार को बाजार से जलकंु भी लाएं और उसे पीले कपड़े मे बांधकर घर मे कही लटका दे। लेिकन इसे बार-बार छूएं नही। एक सपाह के बाद इसे बदल कर नई कंु भी ऐसे ही बांध दे। इस तरह ७बृहसपितवार करे। यह िनचचठापूवरक करे, ईशवर ने चाहा तो आपकी संपित मे वृिद अवषय होगी। अमीर बनने का अनुभ ूत टोटका जो भी कमाया जाये उसका दसवां िहससा गरीबो को भोजन,कनयाओं को भोजन और वस,कनयायो की शादी,धमर सथानो को बनाने के काम,आिद मे खचर किरये,देिखये िक आपकी आमदनी िकतनी जलदी बढनी शुर हो जाती है। लेिकन दसवे िहससे अिधक खचर करने पर बजाय आमदनी बढने के घटने लगेगी। धन के ठहराव के िलए : आप जो भी धन मेहनत से कमाते है उससे जयादा खचर हो रहा हो अथारत घर मे धन का ठहराव न हो तो धयान रखे को आपके घर मे कोई नल लीक न करता हो ! अथारत पानी टप–टप टपकता न हो ! और आग पर रखा दध ू या चाय उबलनी नही चािहये ! वरना आमदनी से जयादा खचर होने की समभावना रहती है !
· 28॰ घर मे समृिद लाने हेतु घर के उतरपिशचम के कोण (वायवय कोण) मे सुनदर से िमटी के बतर न मे कुछ सोने-चांदी के िसकके, लाल कपड़े मे बांध कर रखे। िफर बतर न को गेहूं या चावल से भर दे। ऐसा करने से घर मे धन का अभाव नही रहेगा। 35॰ घर मे सथायी सुख-समृिद हेतु पीपल के वृक की छाया मे खड़े रह कर लोहे के बतर न मे जल, चीनी, घी तथा दध ू िमला कर पीपल के वृक की जड़ मे डालने से घर मे लमबे समय तक सुख-समृिद रहती है और लकमी का वास होता है। · ·
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36॰ घर मे बार-बार धन हािन हो रही हो तो वीरवार को घर के मुखय दार
पर गुलाल िछड़क कर गुलाल पर शुद घी का दोमुखी (दो मुख वाला) दीपक जलाना चािहए। दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चािहए की `भिवषय मे घर मे धन हािन का सामना न करना पड़े´। जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हु ए पानी मे बहा देना चािहए। 37॰ काले ितल पिरवार के सभी सदसयो के िसर पर सात बार उसार कर घर के उतर िदशा मे फेक दे, धनहािन बंद होगी। 38॰ घर की आिथर क िसथित ठीक करने के िलए घर मे सोने का चौरस िसकका रखे। कुते को दध ू दे। अपने कमरे मे मोर का पंख रखे। 39॰ अगर आप सुख-समृिद चाहते है, तो आपको पके हु ए िमटी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मोली बांधकर तथा उसमे जटायुक नािरयल रखकर बहते हु ए जल मे पवािहत कर देना चािहए। 40॰ अखंिडत भोज पत पर 15 का यंत लाल चनदन की सयाही से मोर के पंख की कलम से बनाएं और उसे सदा अपने पास रखे। 41॰ वयिक जब उनित की ओर अगसर होता है, तो उसकी उनित से ईषयारगसत होकर कुछ उसके अपने ही उसके शतु बन जाते है और उसे सहयोग देने के सथान पर वे ही उसकी उनित के मागर को अवरद करने लग जाते है, ऐसे शतुओं से िनपटना अतयिधक किठन होता है। ऐसी ही पिरिसथितयो से िनपटने के िलए पात:काल सात बार हनुमान बाण का पाठ करे तथा हनुमान जी को लडू का भोग लगाए¡ और पाँच लौग पूजा सथान मे देशी कपूरर के साथ जलाएँ । िफर भसम से ितलक करके बाहर जाए¡। यह पयोग आपके जीवन मे समसत शतुओं को परासत करने मे सकम होगा, वही इस यंत के माधयम से आप अपनी मनोकामनाओं की भी पूितर करने मे सकम होगे। 42॰ कचची धानी के तेल के दीपक मे लौग डालकर हनुमान जी की आरती करे। अिनष दरू होगा और धन भी पाप होगा। 43॰ अगर अचानक धन लाभ की िसथितयाँ बन रही हो, िकनतु लाभ नही िमल रहा हो, तो गोपी चनदन की नौ डिलयाँ लेकर केले के वृक पर टाँग देनी चािहए। समरण रहे यह चनदन
पीले धागे से ही बाँधना है। 44॰ अकसमात् धन लाभ के िलये शुकल पक के पथम बुधवार को सफेद कपड़े के झंडे को पीपल के वृक पर लगाना चािहए। यिद वयवसाय मे आिकसमक वयवधान एवं पतन की समभावना पबल हो रही हो, तो यह पयोग बहु त लाभदायक है। 45॰ अगर आिथर क परेशािनयो से जूझ रहे हो, तो मिनदर मे केले के दो पौधे (नर-मादा) लगा दे। 46॰ अगर आप अमावसया के िदन पीला ितकोण आकृित की पताका िवषणु मिनदर मे ऊँचाई वाले सथान पर इस पकार लगाएँ िक वह लहराता हु आ रहे, तो आपका भागय शीघ ही चमक उठे गा। झंडा लगातार वहाँ लगा रहना चािहए। यह अिनवायर शतर है। 47॰ देवी लकमी के िचत के समक नौ बितयो का घी का दीपक जलाए¡। उसी िदन धन लाभ होगा। 48॰ एक नािरयल पर कािमया िसनदरू , मोली, अकत अिपर त कर पूजन करे। िफर हनुमान जी के मिनदर मे चढा आएँ । धन लाभ होगा। 49॰ पीपल के वृक की जड़ मे तेल का दीपक जला दे। िफर वापस घर आ जाएँ एवं पीछे मुड़कर न देखे। धन लाभ होगा। 50॰ पात:काल पीपल के वृक मे जल चढाएँ तथा अपनी सफलता की मनोकामना करे और घर से बाहर शुद केसर से सविसतक बनाकर उस पर पीले पुषप और अकत चढाए¡। घर से बाहर िनकलते समय दािहना पाँव पहले बाहर िनकाले। 51॰ एक हंिडया मे सवा िकलो हरी साबुत मूंग की दाल, दस ू री मे सवा िकलो डिलया वाला नमक भर दे। यह दोनो हंिडया घर मे कही रख दे। यह िकया बुधवार को करे। घर मे धन आना शुर हो जाएगा। 52॰ पतयेक मंगलवार को 11 पीपल के पते ले। उनको गंगाजल से अचछी तरह धोकर लाल चनदन से हर पते पर 7 बार राम िलखे। इसके बाद हनुमान जी के मिनदर मे चढा आएं तथा वहां पसाद बाटे और इस मंत का जाप िजतना कर सकते हो करे। `जय जय जय हनुमान गोसाई ं, कृपा करो गुर देव की नांई´ 7 मंगलवार लगातार जप करे। पयोग गोपनीय रखे।
अवशय लाभ होगा। 53॰ अगर नौकरी मे तरककी चाहते है, तो 7 तरह का अनाज िचिड़यो को डाले। 54॰ ऋगवेद (4/32/20-21) का पिसद मनत इस पकार है -`ॐ भूिरदा भूिर देिहनो, मा दभं भूयार भर। भूिर घेिदनद िदतसिस। ॐ भूिरदा तयिस शुत: पुरता शूर वृतहन्। आ नो भजसव राधिस।।´ (हे लकमीपते ! आप दानी है, साधारण दानदाता ही नही बहु त बड़े दानी है। आपजनो से सुना है िक संसारभर से िनराश होकर जो याचक आपसे पाथर ना करता है उसकी पुकार सुनकर उसे आप आिथर क कषो से मुक कर देते है - उसकी झोली भर देते है। हे भगवान मुझे इस अथर संकट से मुक कर दो।) िनमन मनत को शुभमुहूतर मे पारमभ करे। पितिदन िनयमपूवरक 5 माला शदा से भगवान् शीकृषण का धयान करके, जप करता रहे -“ॐ कली ननदािद गोकुलताता दाता दािरदरयभंजन। सवर मंगलदाता च सवर काम पदायक:। शीकृषणाय नम: ॰ ·
भादपद मास के कृषणपक भरणी नकत के िदन चार
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घड़ो मे पानी भरकर िकसी एकानत कमरे मे रख दे। अगले िदन िजस घड़े
का पानी कुछ कम हो उसे अन से भरकर पितिदन िविधवत पूजन करते रहे। शेष घड़ो के पानी को घर, आँ गन, खेत आिद मे िछड़क दे। अनपूणार देवी सदैव पसन रहेगी। ·
िकसी शुभ कायर के जाने से पहले
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-रिववार को पान का पता साथ रखकर जाये।सोमवार को दपर ण मे अपना
चेहरा देखकर जाये।मंगलवार को िमषान खाकर जाये।बुधवार को हरे धिनये के पते खाकर जाये।गुरवार को सरसो के कुछ दाने मुख मे डालकर जाये।शुकवार को दही खाकर जाये। शिनवार को अदरक और घी खाकर जाना चािहये। ॰ ·
िकसी भी शिनवार की शाम को माह की दाल के दाने ले। उसपर थोड़ी सी
दही और िसनदरू लगाकर पीपल के वृक के नीचे रख दे और िबना मुड़कर देखे वािपस आ जाये। सात शिनवार लगातार करने से आिथर क समृिद तथा खुशहाली बनी रहेगी। ·
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गृह बाधा की शांित के िलए पिशचमािभमुख होकर कक नमः िशवाय मंत का
२१ बार या २१ माला शदापूवरक जप करे। · ·
आिथर क परेशािनयो से मुिक के िलए गणपित की िनयिमत आराधना करे।
इसके अलावा शवेत गुजा (िचरमी) को एक शीशी मे गंगाजल मे डाल कर पितिदन शी सूक का पाठ करे। बुधवार को िवशेष रप से पसाद चढाकर पूजा करे। आिथर क समसया के छुटकारे के िलए : यिद आप हमेशा आिथर क समसया से परेशान है तो इसके िलए आप 21 शुकवार 9 वषर से कम आयु की 5 कनयायो को खीर व िमशी का पसाद बांटे ! .
घर और कायर सथल मे धन वषार के िलए :
इसके िलए आप अपने घर, दक ु ान या शोरम मे एक अलंकािरक फववारा रखे ! या एक मछलीघर िजसमे 8 सुनहरी व एक काली मछली हो रखे ! इसको उतर या उतरपूवर की ओर रखे ! यिद कोई मछली मर जाय तो उसको िनकाल कर नई मछली लाकर उसमे डाल दे ! . परेशानी से मुिक के िलए : आज कल हर आदमी िकसी न िकसी कारण से परेशान है ! कारण कोई भी हो आप एक तांबे के पात मे जल भर कर उसमे थोडा सा लाल चंदन िमला दे ! उस पात को िसरहाने रख कर रात को सो जांय ! पातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दे ! धीरे-धीरे परेशानी दरू होगी ! ·
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घर मे िसथर लकमी के वास के िलए :
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चककी पर गेहूं िपसवाने जाते समय तुलसी के गयारह पते गेहूं मे डाल दे।
एक लाल थैली मे केसर के २ पते और थोड़े से गेहूं डालकर मंिदर मे रखकर िफर इनहे भी िपसवाने वाले गेहू मे िमला दे, धन मे बरकत होगी और घर मे िसथ लकमी का वास होगा। आटा केवल सोमवार या शिनवार को िपसवाएं । · · ·
पैतृक संपित की पािप के िलए : घर मे पूवरजो के गड़े हु ए धन की पािप हेतु िकसी सोमवार को २१ शवेत
िचतकवरी कौिड़यो को अचछी तरह पीस ले और चूणर को उस सथान पर रखे , जहां धन गड़े होने का अनुमान हो। धन गड़ा हु आ होगा, तो िमल जाएगा। · HOUSE िजन वयिकयो को लाख पयतन करने पर भी सवयं का मकान न बन पा रहा हो, वे इस टोटके को अपनाएं । पतयेक शुकवार को िनयम से िकसी भूखे को भोजन कराएं और रिववार के िदन गाय को गुड़ िखलाएं । ऐसा िनयिमत करने से अपनी अचल समपित बनेगी या पैतृक समपित पाप होगी। अगर समभव हो तो पात:काल सनान-धयान के पशचात् िनमन मंत का जाप करे। “ॐ पदावती पद कुशी वजवजांपुशी पितब भवंित भवंित।।´´ 27॰ यह पयोग नवराित के िदनो मे अषमी ितिथ को िकया जाता है। इस िदन पात:काल उठ कर पूजा सथल मे गंगाजल, कुआं जल, बोिरंग जल मे से जो उपलबध हो, उसके छीटे लगाएं , िफर एक पाटे के ऊपर दगु ार जी के िचत के सामने, पूवर मे मुंह करते हु ए उस पर 5 गाम िसकके रखे। साबुत िसकको पर रोली, लाल चनदन एवं एक गुलाब का पुषप चढाएं । माता से पाथर ना करे। इन सबको पोटली बांध कर अपने गले, संदक ू या अलमारी मे रख दे। यह टोटका हर 6 माह बाद पुन: दोहराएं । · · ·
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सगे संबंिधयो को िदया गया धन वापस पाप करने हेतु : िकसी सगे संबंधी को धन िदया हो और वह वापस नही कर रहा हो, तो
ऊपर बताई गई िविध की भांित २१ शवेत िचतकबरी कौिड़यो को पीस कर चूणर उसके दरबाजे के आगे िबखेर दे। यह िकया ४३ िदनो तक करते रहे, वह वयिक आपका धन वापस कर देगा।
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KARJ MUKTI 29॰ वयिक को ऋण मुक कराने मे यह टोटका अवशय सहायता करेगा :
मंगलवार को िशव मिनदर मे जा कर िशविलंग पर मसूर की दाल “ॐ ऋण मुकेशवर महादेवाय नम:´´ मंत बोलते हु ए चढाएं । 30॰ िजन वयिकयो को िनरनतर कजर घेरे रहते है, उनहे पितिदन “ऋणमोचक मंगल सतोत´´ का पाठ करना चािहये। यह पाठ शुकल पक के पथम मंगलवार से शुर करना चािहये। यिद पितिदन िकसी कारण न कर सके, तो पतयेक मंगलवार को अवशय करना चािहये। 31॰ सोमवार के िदन एक रमाल, 5 गुलाब के फूल, 1 चांदी का पता, थोड़े से चावल तथा थोड़ा सा गुड़ ले। िफर िकसी िवषणुणलकमी जी के िमनदर मे जा कर मूितर के सामने रमाल रख कर शेष वसतुओं को हाथ मे लेकर 21 बार गायती मंत का पाठ करते हु ए बारी-बारी इन वसतुओं को उसमे डालते रहे। िफर इनको इकटा कर के कहे की `मेरी परेशािनयां दरू हो जाएं तथा मेरा कजार उतर जाए´। यह िकया आगामी 7 सोमवार और करे। कजार जलदी उतर जाएगा तथा परेशािनयां भी दरू हो जाएं गी। 32॰ सवर पथम 5 लाल गुलाब के पूणर िखले हु ए फूल ले। इसके पशचात् डेढ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने िबछा ले। इन पांचो गुलाब के फुलो को उसमे, गायती मंत 21 बार
पढते हु ए बांध दे। अब सवयं जा कर इनहे जल मे पवािहत कर दे। भगवान ने चाहा तो जलदी ही कजर से मुिक पाप होगी। 34॰ कजर -मुिक के िलये “गजेनद-मोक´´ सतोत का पितिदन सूयोदय से पूवर पाठ अमोघ उपाय है। · 33॰ अगर िनरनतर कजर मे फँ सते जा रहे हो, तो शमशान के कु एं का जल लाकर िकसी पीपल के वृक पर चढाना चािहए। यह 6 शिनवार िकया जाए, तो आशचयर ज नक पिरणाम पाप होते है।
अगर बढाना हो वयापार-वयवसाय अगर आपका वयापार-वयवसाय मंदा चल रहा है। िकसी भी काम के शुर करने के बाद उसमे ऐसा लाभ नही िमलता जैसा सोच रहे है, दक ु ान खुब सजाधजा कर रखने पर भी उसमे गाहक नही आते तो अब िचंता की बात नही है। हम आपको ऐसे कुछ िसद टोटके बता रहे है िजससे थोड़े से पयास से आपको बेहतर पिरणाम िमलेगे। लेिकन इन पयोगो को करने से पहले आपको मन मे कुछ बाते ठाननी पड़ेगी। एक, हमेशा सतय बोलेगे, दस ू रो का अिहत नही करेगे और तीसरा हमेशा अपना शेषतम पिरणाम देगे। जब आप कोई टोटका पयोग मे ला रहे हो तो इसके बारे मे िकसी को बताए नही, इससे टोटके का पभाव कम हो जाता है। इन टोटको को आजमाइए, लाभ जरर िमलेगा। 1. शिनवार को पीपल के पेड़ से एक पता तोड़ लाएं , उसे धूप-बती िदखाकर अपनी दक ु ान की गादी िजस पर आप बैठते है, उसके नीचे रख दे। सात शिनवार तक लगातार ऐसा ही करे। जब गादी के नीचे सात पते इकटे हो जाएं तो उनहे एक साथ िकसी तालाब या कुएं मे बहा दे। वयवसाय चल िनकलेगा। 2. िकसी ऐसी दक ु ान जो काफी चलती हो वहां से लोहे की कोई कील या नट आिद शिनवार के िदन खरीदकर, मांगकर या उठाकर ले आएं । काली उड़द के 10-15 दानो के साथ उसे एक शीशी मे रख ले। धूप-दीप से पूजाकर गाहको की नजरो से बचाकर दक ु ान मे रख ले।
वयवसाय खुब चलेगा। 3. शिनवार को सात हरी िमचर और सात नीबू की माला बनाकर दक ु ान मे ऐसे टांगे िक उस पर गाहक की नजर पड़े।
11. वयापार सथल पर िकसी भी पकार की समसया हो, तो वहां शवेताकर गणपित तथा एकाकी शीफल की सथापना करे। िफर िनयिमत रप से धूप, दीप आिद से पूजा करे तथा सपाह मे एक बार िमठाई का भोग लगाकर पसाद यथासंभव अिधक से अिधक लोगो को बांटे। भोग िनतय पित भी लगा सकते है। टोटका दस-यिद आपको लगता है िक आपका कायर िकसी ने बांध िदया है और चाहकर भी उसमे बढोतरी नही हो रही है व सब तरफ से मनदा एवं बाधाओं का सामना करना पड़रहा है। ऐसे मे आपको साबुत िफटकरी दक ु ान मे खड़े होकर 31 बार वार दे और दक ु ान से बाहर िनकल कर िकसी चौराहे पर जाकर उतर िदशा मे फेक कर िबना पीछे देखे वापस आ जाएं । नजरदरू हो जाएगी और वयापार िफर से पूवर की भांित चलने लगेगा।
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वयापार व कारोबार मे वृिद के िलए
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एक नीबू लेकर उस पर चार लौग गाड़ दे और उसे हाथ मे रखकर
िनमनिलिखत मंत का २१ बार जप करे। जप के बाद नीबू को अपनी जेब मे रख कर िजनसे कायर होना हो, उनसे जाकर िमले। कक शी हनुमते नमः इसके अितिरक शिनवार को पीपल का एक पता गंगा जल से धोकर हाथ मे रख ले और गायती मंत का २१ बार जप करे। िफर उस पते को धूप देकर अपने कैश बॉकस मे रख दे।
यह िकया पतयेक शिनवार को करे और पता बदल कर पहले के पते को पीपल की जड़ मे मे रख दे। यह िकया िनषापूवरक करे, कारोबार मे उनित होगी।
वयापार बढाने के िलए : . शुकल पक मे िकसी भी िदन अपनी फैकटर ी या दक ु ान के दरवाजे के दोनो तरफ बाहर की ओर थोडा सा गेहूं का आटा रख दे ! धयान रहे ऐसा करते हु ए आपको कोई देखे नही ! . पूजा घर मे अिभमंितत शररी यंत रखे !
. शुकरवार की रात को सवा िकलो काले चने िभगो दे ! दस ू रे िदन शिनवार को उनहे सरसो के तेल मे बना ले ! उसके तीन िहससे कर ले ! उसमे से एक िहससा घोडे या भैसे को िखला दे ! दस ू रा िहससा कुष रोगी को दे दे और तीसरा िहससा अपने िसर से घडी की सूई से उलटे तरफ तीन बार वार कर िकसी चौराहे पर रख दे ! यह पयोग 40 िदन तक करे ! कारोबार मे लाभ होगा ! . कारोबार मे नुकसान हो रहा हो या कायर केत मे झगडा हो रहा हो तो : यिद उपरोक िसथित का सामना हो तो आप अपने वज़न के बराबर कचचा कोयला लेकर जल पवाह कर दे ! अवशय लाभ होगा !
पढाई मे याददासत बढाने का टोटका 1. याददासत कोई हौवा नही है,िक याद होता नही है,और याद होता नही है तो पढाई बेकार
हो जाती है,परीका मे पिरणाम नकारातमक आता है,और िदमाग का एक कौना मानने लगता है िक यह पढाई बेकार है,इसे छोड कर कोई जीवन यापन का काम कर लेना चािहये,और इस बेकार के झमेले को छोड देना चािहये,लेिकन नही अगर वासतव मे आपको पढने का चाव है और आप चाहते है िक आपका पिरणाम भी उनही लोगो की तरह से आये जैसे िक िबिलयेनट बचचो का आता है,तो इस टोटके को अंजवा लीिजये। 2. शाम को खाना खा कर बायी करवट ढाई घंटे के िलये लेट जाइये,िफ़र ढाई घंटे दािहनी करवट लेट जाइये,और ढाई घंटे उठकर सीधे बैठ कर पढना चालू कर दीिजये,यह कम लगातार चालू रिखये,देिखये िक जो टािपक कभी याद नही होते थे,इतनी अचछी तरह से याद हो जायेगे िक खुद को िवशवास ही नही होगा।
अगर आपका पमोशन नही हो रहा तो : 1. गुरवार को िकसी मंिदर मे पीली वसतुये जैसे खाद पदाथर , फल, कपडे इतयािद का दान करे ! 2. हर सुबह नंगे पैर घास पर चले ! नौकरी जाने का खतरा हो या टर ांस फर रकवाने के िलए : पांच गाम डली वाला सुर मा ले ! उसे िकसी वीरान जगह पर गाड दे ! खयाल रहे िक िजस औजार से आपने जमीन खोदी है उस औजार को वािपस न लाये ! उसे वही फे क दे द स ू री बात जो धयान रखने वाली है वो यह है िक सुर मा डली वाला हो और एक ही डली लगभग 5 गाम की हो ! एक से जयादा डिलयां नही होनी चािहए !
टर ांस फ़र करवाने का उपाय 1. कायर सथान पर जाने के बाद पैर धोकर अपने सथान पर बैठना चािहये, 2. िपसी हलदी को बहते पानी मे बहाना चािहये। यिद आपको सही नौकरी िमलने मे िदककत आ रही हो तो : 1. कुएं मे दध ू डाले! उस कुएं मे पानी होना चिहए ! 2. काला कमबल िकसी गरीब को दान दे ! 3. छह मुखी रदाक की माला 108 मनको वाली माला धारण करे िजसमे हर मनके के बाद चांदी के टु कडे िपरोये हो ! खाना पचाने का टोटका अिधकतर बैठे रहने से या खाना खाने के बाद मेहनत नही करने से भोजन पच नही पाता है और पेट मे ददर या पेट फ़ूलने लगता है,खाना खाने के बाद तुरत ं बायी करवट लेट जाइये,खाना आधा घनटे मे अपनी जगह बनाकर पचने लगेगा और अपान वायु बाहर िनकल जायेगी। ईशवर का दशर न करने के िलये टोटका
1. शाम को एकानत कमरे मे जमीन पर उतर की तरफ़ मुंह करके पालथी मारकर बैठ जाइये,दोनो आं खो को बनद करने के बाद आं खो की िदिष को नाक के ऊपर वाले िहससे मे ले जाने की कोिशश किरये,धीरे धीरे रोजाना दस से बीस िमनट का पयोग किरये,लेिकन इस काम को करने के बीच मे िकसी भी पकार के िवचार िदमाग मे नही लाने चािहये,आपको आपके इष का दशर न सुगमता से हो जायेगा। 2. अपने पूवरजो की िनयिमत पूजा करे। 3. पित माह अमावसया को पातःकाल ५ गायो को फल िखलाएं । · मुक दमे मे िवजय पाने के िलए : यिद आपका िकसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमे िवजय पाना चाहते है तो थोडे से चावल लेकर कोटर /कचहरी मे जांय और उन चावलो को कचहरी मे कही पर फेक दे ! िजस कमरे मे आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेके तो जयादा अचछा है ! परंतु याद रहे आपको चावल ले जाते या कोटर मे फेकते समय कोई देखे नही वरना लाभ नही होगा ! यह उपाय आपको िबना िकसी को पता लगे करना होगा ! . पेम िववाह मे सफल होने के िलए : यिद आपको पेम िववाह मे अडचने आ रही है तो : शुकल पक के गुरवार से शुर करके िवषणु और लकमी मां की मूती या फोटो के आगे “ऊं लकमी नारायणाय नमः” मंत का रोज़ तीन माला जाप सफिटक माला पर करे ! इसे शुकल पक के गुरवार से ही शुर करे ! तीन महीने तक हर गुरवार को मंिदर मे पशाद चढांए और िववाह की सफलता के िलए पाथर ना करे ! नौकर न िटके या परेश ान करे तो : हर मंगलवार को बदाना (मीठी बूंदी) का पशाद लेकर मंिदर मे चढा कर लडिकयो मे बांट दे ! ऐसा आप चार मंगलवार करे ! . ऊपरी हवा पहचान और िनदान पायः सभी धमर गंथो मे ऊपरी हवाओं, नजर दोषो आिद का उलेख है। कुछ गंथो मे इनहे बुरी आतमा कहा गया है तो कुछ अनय मे भूत-पेत और िजन। यहां जयोितष के आधार पर नजर दोष का िवशलेषण पसतुत है। 1. जयोितष िसदांत के अनुसार गुर िपतृदोष, शिन यमदोष, चंद व शुक जल देवी दोष, राहु सपर व पेत दोष, मंगल शािकनी दोष, सूयर देव दोष एवं बुध कुल देवता दोष का कारक होता है। राहु , शिन व केतु ऊपरी हवाओं के कारक गह है। जब िकसी वयिक के लग (शरीर), गुर
(जान), ितकोण (धमर भाव) तथा िदसवभाव रािशयो पर पाप गहो का पभाव होता है, तो उस पर ऊपरी हवा की संभावना होती है। लकण नजर दोष से पीिड़त वयिक का शरीर कंपकंपाता रहता है। वह अकसर जवर, िमरगी आिद से गसत रहता है। कब और िकन िसथितयो मे डालती है ऊपरी हवाएं िकसी वयिक पर अपना पभाव? 1. जब कोई वयिक दध ू पीकर या कोई सफेद िमठाई खाकर िकसी चौराहे पर जाता है, तब ऊपरी हवाएं उस पर अपना पभाव डालती है। गंदी जगहो पर इन हवाओं का वास होता है, इसीिलए ऐसी जगहो पर जाने वाले लोगो को ये हवाएं अपने पभाव मे ले लेती है। इन हवाओं का पभाव रजसवला िसयो पर भी पड़ता है। कुएं , बावड़ी आिद पर भी इनका वास होता है। िववाह व अनय मांगिलक कायो ं के अवसर पर ये हवाएं सिकय होती है। इसके अितिरक रात और िदन के १२ बजे दरवाजे की चौखट पर इनका पभाव होता है। दध ू व सफेद िमठाई चंद के दोतक है। चौराहा राहु का दोतक है। चंद राहु का शतु है। अतः जब कोई वयिक उक चीजो का सेवन कर चौराहे पर जाता है, तो उस पर ऊपरी हवाओं के पभाव की संभावना रहती है। कोई सी जब रजसवला होती है, तब उसका चंद व मंगल दोनो दबु र ल हो जाते है। ये दोनो राहु व शिन के शतु है। रजसवलावसथा मे सी अशुद होती है और अशुदता राहु की दोतक है। ऐसे मे उस सी पर ऊपरी हवाओं के पकोप की संभावना रहती है। कुएं एवं बावड़ी का अथर होता है जल सथान और चंद जल सथान का कारक है। चंद राहु का शतु है, इसीिलए ऐसे सथानो पर ऊपरी हवाओं का पभाव होता है। जब िकसी वयिक की कंु डली के िकसी भाव िवशेष पर सूयर, गुर, चंद व मंगल का पभाव होता है, तब उसके घर िववाह व मांगिलक कायर के अवसर आते है। ये सभी गह शिन व राहु के शतु है, अतः मांगिलक अवसरो पर ऊपरी हवाएं वयिक को परेशान कर सकती है। िदन व रात के १२ बजे सूयर व चंद अपने पूणर बल की अवसथा मे होते है। शिन व राहु इनके शतु है, अतः इनहे पभािवत करते है। दरवाजे की चौखट राहु की दोतक है। अतः जब राहु केत मे चंद या सूयर
को बल िमलता है, तो ऊपरी हवा सिकय होने की संभावना पबल होती है। मनुषय की दायी आं ख पर सूयर का और बायी पर चंद का िनयंतण होता है। इसिलए ऊपरी हवाओं का पभाव सबसे पहले आं खो पर ही पड़ता है। यहां ऊपरी हवाओं से सं ब द गहो, भावो आिद का िवशले ष ण पसतुत है। राहु -के तु : जैसा िक पहले उलेख िकया गया है, शिनवत राहु ऊपरी हवाओं का कारक है। यह पेत बाधा का सबसे पमुख कारक है। इस गह का पभाव जब भी मन, शरीर, जान, धमर , आतमा आिद के भावो पर होता है, तो ऊपरी हवाएं सिकय होती है। शिन : इसे भी राहु के समान माना गया है। यह भी उक भावो से संबंध बनाकर भूत-पेत पीड़ा देता है। चं द : मन पर जब पाप गहो राहु और शिन का दिू षत पभाव होता है और अशुभ भाव िसथत चंद बलहीन होता है, तब वयिक भूत-पेत पीड़ा से गसत होता है। गुर : गुर साितवक गह है। शिन, राहु या केतु से संबंध होने पर यह दबु र ल हो जाता है। इसकी दबु र ल िसथित मे ऊपरी हवाएं जातक पर अपना पभाव डालती है। लग : यह जातक के शरीर का पितिनिधतव करता है। इसका संबंध ऊपरी हवाओं के कारक राहु , शिन या केतु से हो या इस पर मंगल का पाप पभाव पबल हो, तो वयिक के ऊपरी हवाओं से गसत होने की संभावना बनती है। पं च म : पंचम भाव से पूवर जनम के संिचत कमो ं का िवचार िकया जाता है। इस भाव पर जब ऊपरी हवाओं के कारक पाप गहो का पभाव पड़ता है, तो इसका अथर यह है िक वयिक के पूवर जनम के अचछे कमो ं मे कमी है। अचछे कमर अलप हो, तो पेत बाधा योग बनता है। अषम : इस भाव को गूढ िवदाओं व आयु तथा मृतयु का भाव भी कहते है। इसमे चंद और पापगह या ऊपरी हवाओं के कारक गह का संबंध पेत बाधा को जनम देता है। नवम : यह धमर भाव है। पूवर जनम मे पुणय कमो ं मे कमी रही हो, तो यह भाव दबु र ल होता है। रािशयां : जनम कंु डली मे िदसवभाव रािशयो िमथुन, कनया और मीन पर वायु ततव गहो का पभाव हो, तो पेत बाधा होती है।
वार : शिनवार, मंगलवार, रिववार को पेत बाधा की संभावनाएं पबल होती है। ितिथ : िरका ितिथ एवं अमावसया पेत बाधा को जनम देती है। नकत : वायु संजक नकत पेत बाधा के कारक होते है। योग : िवषकंु भ, वयाघात, ऐंद, वयितपात, शूल आिद योग पेत बाधा को जनम देते है। करण : िविष, िकसतुन और नाग करणो के कारण वयिक पेत बाधा से गसत होता है। दशाएं : मुखयतः शिन, राहु , अषमेश व राहु तथा केतु से पूणरतः पभािवत गहो की दशांतदर शा मे वयिक के भूत-पेत बाधाओं से गसत होने की संभावना रहती है। युि त 1. िकसी सी के सपम भाव मे शिन, मंगल और राहु या केतु की युित हो, तो उसके िपशाच पीड़ा से गसत होने की संभावना रहती है। 2. गुर नीच रािश अथवा नीच रािश के नवांश मे हो, या राहु से युत हो और उस पर पाप गहो की दिष हो, तो जातक की चांडाल पवृित होती है। 3. पंचम भाव मे शिन का संबंध बने तो वयिक पेत एवं कुद देिवयो की भिक करता है। ऊपरी हवाओं के कु छ अनय मुख य जयोितषीय योग •
यिद लग, पंचम, षष, अषम या नवम भाव पर राहु , केतु, शिन, मंगल, कीण चंद आिद का पभाव हो, तो जातक के ऊपरी हवाओं से गसत होने की संभावना रहती है। यिद उक गहो का परसपर संबंध हो, तो जातक पेत आिद से पीिड़त हो सकता है।
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यिद पंचम भाव मे सूयर और शिन की युित हो, सपम मे कीण चंद हो तथा दादश मे गुर हो, तो इस िसथित मे भी वयिक पेत बाधा का िशकार होता है।
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यिद लग पर कूर गहो की दिष हो, लग िनबर ल हो, लगेश पाप सथान मे हो अथवा राहु या केतु से युत हो, तो जातक जाद ू-टोने से पीिड़त होता है।
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लग मे राहु के साथ चंद हो तथा ितकोण मे मंगल, शिन अथवा कोई अनय कूर गह हो, तो जातक भूत-पेत आिद से पीिड़त होता है।
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यिद षषेश लग मे हो, लग िनबर ल हो और उस पर मंगल की दिष हो, तो जातक जाद ूटोने से पीिड़त होता है। यिद लग पर िकसी अनय शुभ गह की दिष न हो, तो जाद ूटोने से पीिड़त होने की संभावना पबल होती है। षषेश के सपम या दशम मे िसथत होने पर भी जातक जाद ू-टोने से पीिड़त हो सकता है।
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यिद लग मे राहु , पंचम मे शिन तथा अषम मे गुर हो, तो जातक पेत शाप से पीिड़त होता है।
ऊपरी हवाओं के सरल उपाय ऊपरी हवाओं से मुिक हेतु शासो मे अनेक उपाय बताए गए है। अथवर वेद मे इस हेतु कई मंतो व सतुितयो का उलेख है। आयुवेद मे भी इन हवाओं से मुिक के उपायो का िवसतार से वणर न िकया गया है। यहां कुछ पमुख सरल एवं पभावशाली उपायो का िववरण पसतुत है। · 1. ऊपरी हवाओं से मुिक हेतु हनुमान चालीसा का पाठ और गायती का जप तथा हवन करना चािहए। इसके अितिरक अिग तथा लाल िमची जलानी चािहए। 2.2. रोज सूयारसत के समय एक साफ-सुथरे बतर न मे गाय का आधा िकलो कचचा दध ू लेकर उसमे शुद शहद की नौ बूंदे िमला ले। िफर सनान करके, शुद वस पहनकर मकान की छत से नीचे तक पतयेक कमरे, जीने, गैलरी आिद मे उस दध ू के छीटे देते हु ए दार तक आएं और बचे हु ए दध ू को मुखय दार के बाहर िगरा दे। िकया के दौरान इषदेव का समरण करते रहे। यह िकया इककीस िदन तक िनयिमत रप से करे, घर पर पभावी ऊपरी हवाएं दरू हो जाएं गी।. 3.3. रिववार को बांह पर काले धतूरे की जड़ बांधे, ऊपरी हवाओं से मुिक िमलेगी। 4. लहसुन के रस मे हीग घोलकर आं ख मे डालने या सुंघाने से पीिड़त वयिक को ऊपरी हवाओं से मुिक िमल जाती है। •
ऊपरी बाधाओं से मुिक हेतु िनमनोक मंत का यथासंभव जप करना चािहए।
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" ओम नमो भगवते रदाय नमः कोशेशवसय नमो जयोित पंतगाय नमो रदाय नमः िसिद सवाहा।''
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घर के मुखय दार के समीप शवेताकर का पौधा लगाएं , घर ऊपरी हवाओं से मुक रहेगा।
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उपले या लकड़ी के कोयले जलाकर उसमे धूनी की िविशष वसतुएं डाले और उससे उतपन होने वाला धुआं पीिड़त वयक्िै को सुंघाएं । यह िकया िकसी ऐसे वयिक से करवाएं जो अनुभवी हो और िजसमे पयारप आतमबल हो।
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पातः काल बीज मंत ÷कली' का उचचारण करते हु ए काली िमचर के नौ दाने िसर पर से घुमाकर दिकण िदशा की ओर फेक दे, ऊपरी बला दरू हो जाएगी।
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रिववार को सनानािद से िनवृत होकर काले कपड़े की छोटी थैली मे तुलसी के आठ पते, आठ काली िमचर और सहदेई की जड़ बांधकर गले मे धारण करे, नजर दोष बाधा से मुिक िमलेगी।
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िनमनोक मंत का १०८ बार जप करके सरसो का तेल अिभमंितत कर ले और उससे पीिड़त वयिक के शरीर पर मािलश करे, वयिकत पीड़ामुक हो जाएगा।
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मंत : ओम नमो काली कपाला देिह देिह सवाहा।
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ऊपरी हवाओं के शिकषाली होने की िसथित मे शाबर मंतो का जप एवं पयोग िकया जा सकता है। पयोग करने के पूवर इन मंतो का दीपावली की रात को अथवा होिलका दहन की रात को जलती हु ई होली के सामने या िफर शमषान मे १०८ बार जप कर इनहे िसद कर लेना चािहए। यहां यह उलेख कर देना आवषयक है िक इनहे िसद करने के इचछुक साधको मे पयारप आतमबल होना चािहए, अनयथा हािन हो सकती है।
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िनमन मंत से थोड़ा-सा जीरा ७ बार अिभमंितत कर रोगी के शरीर से सपशर कराएं और उसे अिग मे डाल दे। रोगी को इस िसथित मे बैठाना चािहए िक उसका धूआ ं उसके मुख के सामने आये। इस पयोग से भूत-पेत बाधा की िनवृित होती है
मं त :
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जीरा जीरा महाजीरा िजिरया चलाय। िजिरया की शिक से फलानी चिल जाय॥ जीये तो रमटले मोहे तो मशान टले। हमरे जीरा मंत से अमुख अंग भूत चले॥ जाय हु कम पाडु आ पीर की दोहाई॥
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एक मुटी धूल को िनमनोक मंत से ३ बार अिभमंितत करे और नजर दोष से गसत वयिक पर फेके, वयिक को दोष से मुिक िमलेगी।
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तह कुठठ इलाही का बान। कूडू म की पती िचरावन। भाग भाग अमुक अंक से भूत। मारं धुलावन कृषण वरपूत। आजा कामर कामाखया। हािर दासीचणडदोहाई।
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थोड़ी सी हलदी को ३ बार िनमनिलिखत मंत से अिभमंितत करके अिग मे इस तरह छोड़े िक उसका धुआं रोगी के मुख की ओर जाए। इसे हलदी बाण मंत कहते है।
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हलदी गीरी बाण बाण को िलया हाथ उठाय। हलदी बाण से नीलिगरी पहाड़ थहराय॥ यह सब देख बोलत बीर हनुमान। डाइन योिगनी भूत पेत मुंड काटौ तान॥ आजा कामर कामाका माई। आजा हािड़ की चंडी की दोहाई॥
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जौ, ितल, सफेद सरसो, गेहूं, चावल, मूंग, चना, कुष, शमी, आम, डु ंबरक पते और अषोक, धतूर,े दवू ार, आक व ओगां की जड़ को िमला ले और उसमे दध ू , घी, मधु और गोमूत िमलाकर िमशण तैयार कर ले। िफर संधया काल मे हवन करे और िनमन मंतो का १०८ बार जप कर इस िमशण से १०८ आहु ितयां दे।
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मंत : ओम नमः भवे भासकराय आसमाक अमुक सवर गहणं पीड़ा नाशनं कु र-कुर सवाहा
अपशकु न कया है? कुछ लकणो को देखते ही वयिक के मन मे आषंका उतपन हो जाती है िक उसका कायर पूणर नही होगा। कायर की अपूणरता को दषारने वाले ऐसे ही कुछ लकणो को हम अपशकुन मान लेते है।
अपशकुनो के बारे मे हमारे यहां काफी कुछ िलखा गया है, और उधर पिशचम मे िसगमंड फॉयड समेत अनेक लेखको-मनोवैजािनको ने भी काफी िलखा है। यहां पाठको के लाभाथर घरेलू उपयोग की कुछ वसतुओं, िविभन जीव-जंतुओं, पिकयो आिद से जुड़े कुछ अपशकुनो का िववरण पसतुत है। झाड़ू का अपशकु न •
नए घर मे पुराना झाड़ू ले जाना अशुभ होता है।
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उलटा झाडू रखना अपशकुन माना जाता है।
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अंधेरा होने के बाद घर मे झाड़ू लगाना अशुभ होता है। इससे घर मे दिरदता आती है।
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झाड़ू पर पैर रखना अपशकुन माना जाता है। इसका अथर घर की लकमी को ठोकर मारना है।
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यिद कोई छोटा बचचा अचानक झाडू लगाने लगे तो अनचाहे मेहमान घर मे आते है।
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िकसी के बाहर जाते ही तुरत ं झाड़ू लगाना अशुभ होता है।
दध ू का अपशकु न •
दध ू का िबखर जाना अशुभ होता है।
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बचचो का दध ू पीते ही घर से बाहर जाना अपशकुन माना जाता है।
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सवपन मे दध ू िदखाई देना अशुभ माना जाता है। इस सवपन से सी संतानवती होती है
पशुओ ं का अपशकु न •
िकसी कायर या याता पर जाते समय कुता बैठा हु आ हो और वह आप को देख कर चौके, तो सफलता िमले।
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िकसी कायर पर जाते समय घर से बाहर कुता शरीर खुजलाता हु आ िदखाई दे तो कायर मे असफलता िमलेगी या बाधा उपिसथत होगी।
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यिद आपका पालतू कुता आप के वाहन के भीतर बार-बार भौके तो कोई अनहोनी घटना अथवा वाहन दघ ु र टना हो सकती है।
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यिद कीचड़ से सना और कानो को फड़फड़ाता हु आ िदखाई दे तो यह संकट उतपन होने का संकेत है।
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आपस मे लड़ते हु ए कुते िदख जाएं तो वयिक का िकसी से झगड़ा हो सकता है।
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शाम के समय एक से अिधक कुते पूवर की ओर अिभमुख होकर कंदन करे तो उस नगर या गांव मे भयंकर संकट उपिसथत होता है।
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कुता मकान की दीवार खोदे तो चोर भय होता है।
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यिद कुता घर के वयिक से िलपटे अथवा अकारण भौके तो बंधन का भय उतपन करता है।
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चारपाई के ऊपर चढ कर अकारण भौके तो चारपाई के सवामी को बाधाओं तथा संकटो का सामना करना पड़ता है।
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कुते का जलती हु ई लकड़ी लेकर सामने आना मृतयु भय अथवा भयानक कष का सूचक है।
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पशुओं के बांधने के सथान को खोदे तो पशु चोरी होने का योग बने। कही जाते समय कुता शमशान मे अथवा पतथर पर पेशाब करता िदखे तो याता
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कषमय हो सकती है, इसिलए याता रद कर देनी चािहए। गृहसवामी के याता पर जाते समय यिद कुता
उससे लाड़ करे तो याता अशुभ हो सकती है।
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िबली दध ू पी जाए तो अपशकुन होता है।
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यिद काली िबली रासता काट जाए तो अपशकुन होता है। वयिक का काम नही बनता, उसे कुछ कदम पीछे हटकर आगे बढना चािहए।
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यिद सोते समय अचानक िबली शरीर पर िगर पड़े तो अपशकुन होता है।
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िबली का रोना, लड़ना व छीकना भी अपशकुन है।
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जाते समय िबिलयां आपस मे लड़ाई करती िमले तथा घुर-घुर शबद कर रही हो तो यह िकसी अपशकुन का संकेत है। जाते समय िबली रासता काट दे तो याता पर नही जाना चािहए।
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गाएं अभकय भकण करे और अपने बछड़े को भी सनेह करना बंद कर दे तो ऐसे घर मे गभर कय की आशंका रहती है। पैरो से भूिम खोदने वाली और दीन-हीन अथवा भयभीत िदखने वाली गाएं घर मे भय की दोतक होती है।
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गाय जाते समय पीछे बोलती सुनाई दे तो याता मे कलेशकारी होती है।
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घोड़ा दायां पैर पसारता िदखे तो कलेश होता है।
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ऊंट बाई ं तरफ बोलता हो तो कलेशकारी माना जाता है।
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हाथी बाएं पैर से धरती खोदता या अकेला खड़ा िमले तो उस तरफ याता नही करनी चािहए। ऐसे मे याता करने पर पाण घातक हमला होने की संभावना रहती है।
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पातः काल बाई ं तरफ याता पर जाते समय कोई िहरण िदखे और वह माथा न िहलाए, मूत और मल करे अथवा छीके तो याता नही करनी चािहए।
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जाते समय पीठ पीछे या सामने गधा बोले तो बाहर न जाएं ।
पिकयो का अपशकु न 1. सारस बाई ं तरफ िमले तो अशुभ फल की पािप होती है। 2. सूखे पेड़ या सूखे पहाड़ पर तोता बोलता नजर आए तो भय तथा सममुख बोलता िदखाई दे तो बंधन दोष होता है। 3. मैना सममुख बोले तो कलह और दाई ं तरफ बोले तो अशुभ हो। 4. बतख जमीन पर बाई ं तरफ बोलती हो तो अशुभ फल िमले। 5. बगुला भयभीत होकर उड़ता िदखाई दे तो याता मे भय उतपन हो। 6. याता के समय िचिड़यो का झुड ं भयभीत होकर उड़ता िदखाई दे तो भय उतपन हो।
7. घुगघू बाई ं तरफ बोलता हो तो भय उतपन हो। अगर पीठ पीछे या िपछवाड़े बोलता हो तो भय और अिधक बोलता हो तो शतु जयादा होते है। धरती पर बोलता िदखाई दे तो सी की और 8. अगर तीन िदन तक िकसी के घर के ऊपर बोलता िदखाई दे तो घर के िकसी सदसय की मृतयु होती है। 9. कबूतर दाई ं तरफ िमले तो भाई अथवा पिरजनो को कष होता है। 10. लड़ाई करता मोर दाई ं तरफ शरीर पर आकर िगरे तो अशुभ माना जाता है। 11. अपशकुनो से मुिक तथा बचाव के उपाय 12. िविभन अपशकुनो से गसत लोगो को िनमनिलिखत उपाय करने चािहए 1. यिद काले पकी, कौवा, चमगादड़ आिद के अपशकुन से पभािवत हो तो अपने इषदेव का धयान करे या अपनी रािश के अिधपित देवता के मंत का जप करे तथा धमर सथल पर ितल के तेल का दान करे। 2. अपशकुनो के दषु पभाव से बचने के िलए धमर सथान पर पसाद चढाकर बांट दे। 3. छीक के दषु पभाव से बचने के िलए िनमनोक मंत का जप करे तथा चुटकी बजाएं । - राम राम रामेित रमे रामे मनोरमे। सहसनाम जपेत् तुलयम् राम नाम वरानने॥ 6. अशुभ सवपन के दषु पभाव को समाप करने के िलए महामदमृतयुंजय के िनमनिलिखत मंत का जप करे। - हौ जूं सः कक भूभर व ु ः सवः कक तयमबकम् यजामहे सुगिनधम् पुिचचटवर्(नम् उवाररकिमव बनधनान् मृतयोमुरकीयमाऽमृतात कक सवः भुवः भूः कक सः जूं हौ॥ 8. शी िवषणु सहसनाम पाठ भी सभी अपशकुनो के पभाव को समाप करता है। 9. सपर के कारण अशुभ िसथित पैदा हो तो जय राजा जनमेजय का जप २१ बार करे। 10. रात को िनमनोक मंत का ११ बार जप कर सोएं , सभी अिनषो से भुिक िमलेगी। बंदे नव घनषयाम पीत कौषेय वाससम्। साननदं सुंदरं शुदं शी कृषण पकृते
जहरीले जानवर के काटने का टोटका अिधकतर जाने अनजाने मे जहरीला जानवर जैसे बरर ततैया िबचछू मधुमकखी आिद अपना डंक मार देते है, ददर के मारे छटपटाहट होने लगती है, और उस समय कोई दवा नही िमल पाती है तो और भी हालत खराब हो जाती है,इसका एक अनुभूत टोटका है िक िजस सथान पर काटा है,उसके उलटे सथान को पानी धो डािलए जहर खतम हो जायेगा, जैसे दािहने हाथ की उं गली मे डंक मारा है,तो बाये हाथ की उसी उं गली को पानी से धो डािलए, बाये िहससे मे डंक मारा है तो उसी सथान को दािहने भाग मे पानी से धो डािलए। सांप के िवष से बचाव हे त ु : चैत मास की मेष संकाित के िदन मसूर की दाल एवं नीम की पितयां खाएं । सपर काट भी लेगा तो िवष नही चढेगा। इसके अितिरक पितिदन पातः काल नीम की पितयां चबाकर पानी पीएं और घूमने जाएं , शरीर मे िवष रोधी कमता बढेगी परम्॥ िनवारण के पमुख सथल बाला जी (मेहद ं ीपुर राजसथान) - भूत पेत बाधा िनवारण हु सन ै टेकरी (राजसथान) - भूत पेत बाधा िनवारण पीतांबरा शिक पीठ (दितया) - शतु िवनाश कातयायनी शिक पीठ (वृंदावन) - कंु आरी कनयाओं के शीघ िववाह के िलए शुचीदम शिकपीठ (कनयाकुमारी) - कंु आरी कनयाओं के शीघ िववाह के िलए गुहेशवरी देवी (नेपाल) - रोग मुिक महाकालेशवर (उजजैन) - पाण रका हेतु कु छ उपयोगी टोटके छोटे-छोटे उपाय हर घर मे लोग जानते है, पर उनकी िविधवत् जानकारी के अभाव मे वे उनके लाभ से वंिचत रह जाते है। इस लोकिपय सतंभ मे उपयोगी टोटको की िविधवत् जानकारी दी जा रही है... िविभन टोटके पुरखो के पास केवल अनुभूत उपाय थे,िजनके दारा वे रोग को तुरत दरू कर देते थे,जैसे िकसी सुनसान सथान या पेड के पास जाने पर वहां पर लगी बरर या ततैया के झुड ं के दारा आकमण करने पर वयिक सहन शील होता है और िवष को झेलने की िहममत होती है तो वह बच जाता है,अनयथा जहरीला डंक वयिक के पाण ही लेलेता है,लेिकन इसी समय एक टोटका काम आता है,िक दािहने हाथ के अंगूठे मे अगर ततैया ने डंक मार िदया है तो फ़ौरन
बाये हाथ के अंगूठे को पानी से धो डािलये,िवष का पता ही नही चलेगा िक ततैया या बरर ने काटा भी है या नही,इसी बात के िलये जब तक डाकटर के पास जाते,बरर या ततैया के डंक को िनकलवाते िवष रोधी इनजेकसन लगवाते,तो िवष का दख ु तो दरू हो जाता,लेिकन उस इनजेकसन का कुपभाव िदमाग की नशो को पभाव हीन भी कर सकता था।
नोट : 1. लाल िकताब के सभी उपाय िदन मे ही करने चािहए ! अथारत सूरज उगने के बाद व सूरज डू बने से पहले ! 2. सचचाई व शुद भोजन पर िवशेष धयान देना चािहए ! 3. िकसी भी उपाय के बीच मांस, मिदरा, झूठे वचन, परसी गमन की िवशेष मनाही है ! 4. सभी उपाय पूरे िवशवास व शदा से करे, लाभ अवशय होगा ! 5. एक िदन मे एक ही उपाय करना चािहए ! यिद एक से जयादा उपाय करने हो तो छोटा उपाय पहले करे ! एक उपाय के दौरान दस ू रे उपाय का कोई सामान भी घर मे न रखे
रामायण की िकन चौपाइयो से द ूर होती है घर या काम की कौन सी परेश ािनयां? 1. िसरददर या िदमाग की कोई भी परेश ानी द रू करने के िलएहनुमान अंगद रन गाजे। हाँक सुनत रजनीचर भाजे।। 2. नौकरी पाने के िलए िबसव भरण पोषन कर जोई। ताकर नाम भरत जस होई।। धन-दौलत, समपित पाने के िलए जे सकाम नर सुनिह जे गाविह।सुख संपित नाना िविध पाविह।। 3. पुत पाने के िलए पेम मगन कौसलया िनिसिदन जात न जान। सुत सनेह बस माता बालचिरत कर गान।।
4. शादी के िलए तब जनक पाइ विशष आयसु बयाह सािज संवािर कै। मांडवी शुतकीरित उिमर ला, कँु अिर लई हँकािर कै॥ 5. खोई वसतु या वयिक पाने के िलए गई बहोर गरीब नेवाजू। सरल सबल सािहब रघुराजू।। 6. पढाई या परीका मे कामयाबी के िलएजेिह पर कृपा करिहं जनु जानी। किब उर अिजर नचाविहं बानी॥ मोिर सुधािरिह सो सब भाँती। जासु कृपा निहं कृपाँ अघाती॥ 7. जहर उतारने के िलए नाम पभाउ जान िसव नीको। कालकूट फलु दीनह अमी को।। 8. नजर उतारने के िलए सयाम गौर सुंदर दोउ जोरी। िनरखिहं छिब जननी तृन तोरी।। 9. हनुम ानजी की कृ पा के िलए सुिमिर पवनसुत पावन नामू। अपने बस किर राखे रामू।। 10. यजोपवीत पहनने व उसकी पिवतता के िलए जुगुित बेिध पुिन पोिहअिहं रामचिरत बर ताग। पिहरिहं सजजन िबमल उर सोभा अित अनुराग।। 11. सफल व कु शल याता के िलए पिबिस नगर कीजै सब काजा। हदयँ रािख कोसलपुर राजा॥
12. शतुत ा िमटाने के िलए बयर न कर काहू सन कोई। राम पताप िवषमता खोई॥ 13. सभी तरह के सं क टनाश या भूत बाधा द ूर करने के िलए पनवउँ पवन कुमार,खल बन पावक गयान घन। जासु हदयँ आगार, बसिहं राम सर चाप धर॥ 14. बीमािरयां व अशािनत द ूर करने के िलए दैिहक दैिवक भौितक तापा। राम राज काहू िहं निह बयापा॥ 15. अकाल मृत यु भय व सं क ट द रू करने के िलए नाम पाहर िदवस िनिस धयान तुमहार कपाट। लोचन िनज पद जंितत जािहं पान केिह